धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 11 जून 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 11 जून 2025
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
👸🏻 शिवराज शक 352_

✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
☀️ मास – ज्यैष्ठ मास
🌝 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि : बुधवार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 01:13 PM तक उपरांत प्रतिपदा
✏️ तिथि स्वामी – पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र ज्येष्ठा 08:10 PM तक उपरांत मूल
🪐 नक्षत्र स्वामी : ज्येष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है और इसकी देवता इंद्र हैं।इंद्र को देवताओं का राजा माना जाता है और वह वर्षा, बिजली और वज्र के देवता हैं।
⚜️ योग : साध्य योग 02:03 PM तक, उसके बाद शुभ योग
प्रथम करण : बव – 01:13 पी एम तक
द्वितीय करण : बालव – 01:53 ए एम, जून 12 तक कौलव
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 11:10 से 12:35 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:35 से 2:00 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:14:00
🌄 सूर्यास्तः- सायं 06:46:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:02 ए एम से 04:42 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:22 ए एम से 05:23 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 02:40 पी एम से 03:36 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:18 पी एम से 07:38 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 07:19 पी एम से 08:19 पी एम
💧 अमृत काल : 10:35 ए एम से 12:20 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:01 ए एम, जून 12 से 12:41 ए एम, जून 12
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को घी से भरा कांस्य पात्र भेंट करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – श्री कबीर जयन्ती/ पारसी बेहमन मासारंभ/ देवस्थान पूर्णिमा (बंगाल – उड़िसा)/ पूर्णिमा समाप्ति दोपहर 01.13/ महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल जयन्ती, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के. एस. हेगड़े जयन्ती, अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस, राष्ट्रीय जीवन को सुंदर बनाने का दिवस, उधोगपति घनश्याम दास बिड़ला जन्म दिवस, नटराजन सुब्रमण्यम जन्म दिवस, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जन्म दिवस, आचार्य श्रीराम शर्मा की पुण्य तिथि, सेतुबन्ध रामेश्वर प्रतिष्ठा दिवस, स्वतंत्रता सेनानी पांडुरंग सदाशिव साने उर्फ साने गुरुजी स्मृति दिवस, वासुदेव वामन शास्त्री खरे स्मृति दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – पूर्णिमा को घी एवं प्रतिपदा को कुष्मांड खाना एवं दान करना दोनों वर्जित बताया गया है। पूर्णिमा तिथि एक सौम्य और पुष्टिदा तिथि मानी जाती है। इसके देवता चन्द्रमा हैं तथा यह पूर्णा नाम से विख्यात है। यह शुक्ल पक्ष में ही होती है और पूर्ण शुभ फलदायी मानी गयी है।
🗽 Vastu Tips 🛟
घड़ी‌ वास्तु कहता है कि कभी भी घर में खराब घड़ी नहीं रखना चाहिए। कहा जाता है कि घर में खराब घड़ी रखने से घर-परिवार की उन्नति में बाधा आती है। साथ ही ही घर में पॉजिटिव एनर्जी कम होने लगती है और नेगेटिव एनर्जी का संचार अधिक होने लगता है। जिसकी वजह से घर में तनाव का माहौल उत्पन्न होता है। इसलिए आपके घर में बंद घड़ी हो तो उसे तुरंत हटा दें।
तस्वीर वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आपके घर में कोई टूटी हुई तस्वीर या पेंटिंग हो तो उसे तुरंत हटा दें। क्योंकि इससे वास्तु दोष लगता है। इसके अलावा आपके घर के सदस्यों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
घर का फर्नीचर वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का फर्नीचर भी बिल्कुल ठीक होना चाहिए। क्योंकि अगर फर्नीचर टूटी-फूटी हो तो इसका भी बुरा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। साथ ही इसकी वजह से घर-परिवार के सदस्यों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
टूटा हुआ दरवाजा अगर आपके घर में कोई खिड़की या शीशे का शीशा टूटा हुआ है तो उसे तुरंत ठीक करवा लें। टूटा हुआ शीशा भी दुर्भाग्य का संकेत माना जाता है। अगर आपके घर का कोई दरवाजा टूटा हुआ है तो उसे तुरंत बदलवा लें या उसकी मरम्मत करवा लें। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी कभी भी टूटे हुए दरवाजे से प्रवेश नहीं करती हैं।
🎯 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
मृत्यु से कुछ हफ्ते या दिन पहले के लक्षण
शारीरिक लक्षण थकान और कमजोरी – व्यक्ति बहुत अधिक थका हुआ महसूस करता है और चलने-फिरने में कठिनाई होती है।
भूख और प्यास की कमी – खाना-पीना बहुत कम या पूरी तरह बंद हो जाता है।
वजन घटना – शरीर में ऊर्जा का स्तर गिरने से वजन तेजी से कम हो सकता है।
नींद की अवधि बढ़ना – व्यक्ति अधिक समय तक सोता है और धीरे-धीरे बातचीत करना भी कम कर देता है।
शरीर का ठंडा पड़ना – रक्त प्रवाह कम होने के कारण हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, त्वचा का रंग पीला या नीला हो सकता है।
मूत्र और मल में बदलाव – पेशाब और मल त्याग की मात्रा कम हो जाती है क्योंकि किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है।
साँस लेने में तकलीफ – अनियमित साँसें धीमी या तेज साँसें, और गहरी साँसें लेने में कठिनाई हो सकती है।
🍹 आरोग्य संजीवनी 🍶
शहद में रक्त निर्माण करने वाले तत्व होते हैं। इसका कुछ दिन लगातार सेवन करने से रक्त की कमी दूर हो जाती है। शहद को दूध में मिलाकर पीने से धातु क्षय में लाभ होता है और शरीर में बल वीर्य की वृद्धि होती है।
शहद हर प्रकार के खिलाड़ियों को शक्ति, स्फूर्ति देने एवं थकान दूर करने के लिए उत्तम भोजन है। खिलाड़ियों को चीनी की जगह शहद लेना चाहिए।
छोटे बच्चों को आधा चम्मच शहद रोजाना चटाते रहने से बच्चे पुष्ट और चुस्त हो जाते हैं और उनका स्नायुविक संस्थान बहुत शक्तिशाली हो जाता है।
मोटापा कम करने के लिए गुनगुने पानी में शहद मिलाकर सुबह के समय खाली पेट पीएं‌‌ अगर मोटापा बढ़ाना चाहते हैं तो गुनगुने दूध में मिलाकर रात को सेवन करें।
शहद शरीर को ताकतवर बनाने और लंबी आयु प्राप्त करने के लिए लाभदायक है। बूढ़े लोगों के लिए शहद उत्तम भोजन है। यह बुढ़ापे के कष्टों से बचाता है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
कुलदेवी कौन होती है ?? उतर– कम से कम सनातनी या हिन्दू परिवार को इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए। ये हमारे बड़े बुजुर्ग हैं जो हमारा भला चाहते हैं। यही अपने कुल को फलता फूलता देखना चाहते हैं…
सभी सनातन धर्म को मानने वाले हिन्दू परिवार किसी ना किसी महर्षि-ऋषि के वंशज हैं। जिनसे उनकी कुलदेवी , गोत्र का पता चलता है ……
हर जाति वर्ग, किसी न किसी ऋषि की संतान है। और वे ऋषि या ऋषि पत्नी कुलदेव / कुलदेवी के रूप में पूज्य हैं । प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वज अपनी कुलदेवी ( कुल के जनक ) की पूजा करते आए हैं , ताकि उनके घर-परिवार और कुल का कल्याण होता रहे।
कुल देवी या देवता आध्यात्मिक , पारलौकिक या नकारात्मक शक्तियों से अपनेकुलों की रक्षा करते हैं। जिससे नकारात्मक शक्तियों और ऊर्जाओं का खात्मा होता है ,और कुल में सुख समृद्धि होती है। उनके कुल /कुनबा – कबीला उन्नति करते हैं।
कुलदेवी / कुलदेवता कुल या वंश के रक्षक देवी देवता होते है । ये सभी कुलों में प्रथम पूज्य तथा मूल अधिकारी देवी / देव होते है । इनकी स्थिति घर के बड़े , बुजुर्ग सदस्यों जैसी बहुत महत्वपूर्ण होती है । इसलिए: इनकी उपासना या इनको महत्त्व दिए बगैर सारी पूजा एवं अन्य कार्य व्यर्थ हो सकते है । यदि आप इनके मंदिर या स्थान पर धोक पूजा के लिए नहीं जाते , और तीर्थों पर जाते हो तो समझो आप पिकनिक मना के ही आये हो।
कुलदेवी की कृपा से पुरे परिवार में सुख समृद्धि एवं सम्पन्नता आती है । कुलदेवी – कुलदेवता पुरे परिवार की रक्षा करते है ,और उन्नति के द्वार खोलते हैं । सभी आने वाले संकटों को दूर कर देते है ।
हर प्रकार की पूजाओं में, यज्ञ में ,शादी विवाह , मुंडन संस्कार में कुलदेवी, कुलदेवता की पूजा का विधान है । यदि कुलदेवी-कुलदेवता प्रसन्न हैं ,तो समझो पितृ दोष भी दूर हो जाते है ।
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⚜️ हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर मास की पूर्णिमा को कोई-न-कोई व्रत-त्यौहार होता ही है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा की दशा चल रही हो उसे पूर्णिमा के दिन उपवास रखना अर्थात व्रत करना चाहिये। जिनके बच्चे कफ रोगी हों अर्थात सर्दी, जुकाम, खाँसी और निमोनियाँ समय-समय पर होती रहती हो उनकी माँ को वर्षपर्यन्त पूर्णिमा का व्रत करना और चन्द्रोदय के बाद चंद्रार्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिये।।
पूर्णिमा माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय होती है। इसलिये आज के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवान्छित कामनाओं की सिद्धि होती है। पूर्णिमा को शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फुल तथा फलादि चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। पूर्णिमा को शिव पूजन में सफ़ेद चन्दन में केशर घिसकर शिवलिंग पर चढ़ाने से घर के पारिवारिक एवं आन्तरिक कलह और अशान्ति दूर होती है।।

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