धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 21 मई 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 21 मई 2025
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – उत्तरायण
☂️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
☀️ मास – ज्यैष्ठ मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – बुधवार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष नवमी तिथि 03:22 AM तक उपरांत दशमी
✏️ तिथि स्वामी – नवमी की देवी हैं दुर्गा। इस तिधि में जगतजननी त्रिदेवजननी माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा हर क्षेत्र में सदा विजयी प्राप्त करता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र शतभिषा 06:58 PM तक उपरांत पूर्वभाद्रपदा
🪐 नक्षत्र स्वामी – शतभिषा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहु है.शतभिषा नक्षत्र के देवता वरुणदेव है। राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है।
⚜️ योग – वैधृति योग 12:34 AM तक, उसके बाद विष्कुम्भ योग
प्रथम करण : तैतिल – 04:13 पी एम तक
द्वितीय करण : गर – 03:21 ए एम, मई 22 तक वणिज
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 11:10 से 12:35 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:35 से 2:00 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:21:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:39:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:05 ए एम से 04:46 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:25 ए एम से 05:27 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
✡️ विजय मुहूर्त : 02:35 पी एम से 03:30 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:07 पी एम से 07:28 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:09 पी एम से 08:10 पी एम
💧 अमृत काल : 11:56 ए एम से 01:30 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:38 ए एम, मई 22
🚗 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-किसी बटुक को धर्मशास्त्र भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – पंचक जारी/ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी शहीद दिवस, प्रसिद्ध व्यंग्य रचनाकार शरद जोशी जन्म दिवस, गामा पहलवान स्मृति दिवस, जानकी देवी बजाज पुण्य तिथि, विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस, राष्ट्रीय वेटस्टाफ दिवस, आतंकवाद विरोध दिवस/बलिदान दिवस, अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस, मजदूर दिवस, विश्व ध्यान दिवस, राष्ट्रीय योदा की तरह बात करने का दिवस, विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस, राष्ट्रीय अधिक फल और सब्जियां खाने का दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – नवमी तिथि को काशीफल (कोहड़ा एवं कद्दू) एवं दशमी को परवल खाना अथवा दान देना भी वर्जित अथवा त्याज्य होता है। नवमी तिथि एक उग्र एवं कष्टकारी तिथि मानी जाती है। इस नवमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता दुर्गा जी हैं। यह नवमी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह नवमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। नवमी तिथि के दिन लौकी खाना निषेध बताया गया है। क्योंकि नवमी तिथि को लौकी का सेवन गौ-मांस के समान बताया गया है।
🗼 Vastu tips_
अगर आपका टीवी खराब हो गया है और वह ठीक नहीं हो पा रहा है तो उसे बेच दें. खराब टीवी को घर में बनाए रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. जिससे घर में कलह और तनाव की स्थिति पैदा होती है. साथ ही धन के स्रोत भी सूखने लग जाते हैं. ऐसे में आप खराब टीवी से जितना जल्दी हो सके, अपना पीछा छुड़ा लें.
घर में कहां टीवा लगाना होता है शुभ? घर में टीवी को हमेशा लिविंग रूम या दूसरे कमरों में ही लगाया जाना चाहिए. एक घर में कोशिश करें कि 2 से ज्यादा टीवी हर्गिज न हों. ऐसा न करने पर आपके घर की शांति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी. लिविंग रूम में भी वह टीवी दक्षिण पूर्व दिशा में लगाया जाना चाहिए. उस दिशा में टीवी लगाने से वह लंबे समय तक चलता है और बिजली उपकरण भी सही काम करते हैं. इस बात का खास ध्यान रखें कि दक्षिण दिशा में टीवी कभी नहीं लगाना चाहिए. यह दिशा यमराज की मानी जाती है. इसलिए इस दिशा में टीवी लगाने से बचना चाहिए.
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां⚜️
पानीदार फल – मीठे, ठंडे और हेल्दी गर्मी में सबसे ज़रूरी है बॉडी को हाइड्रेट रखना।
ताज़े फल जैसे तरबूज, खीरा, खरबूजा, संतरा और आम… ये सब नैचुरल पानी से भरे होते हैं।
इनसे आपको न सिर्फ पानी मिलेगा, बल्कि भरपूर विटामिन्स और मिनरल्स भी मिलते हैं।
🥛. ठंडे पेय – लेकिन नेचुरल Soft drinks नहीं, बल्‍कि नींबू पानी, छाछ, बेल का शरबत या नारियल पानी पीजिए।
ये आपके शरीर की गर्मी को शांत करेंगे और पाचन को भी सुधारेंगे।
मैं तो खुद हर दोपहर एक गिलास छाछ ज़रूर पीता हूँ – एकदम ठंडा और सुकूनभरा!
🥗. हल्का और घर का खाना भारी, तेल-मसाले वाले खाने से दूरी बना लो, खासकर दोपहर में।
दाल-चावल, रोटी-सब्ज़ी, दही और सलाद – ये हल्का भोजन आपको एनर्जी देगा बिना शरीर पर बोझ डाले।
और हां, दही मत भूलना, ये पेट के लिए रामबाण है।
🍁 आरोग्य संजीवनी ☘️
कब्ज सब रोगों का मूल कारण है। कब्ज़ से ही दुनिया भर की बीमारियां होती हैं। रात को देर से कुछ न खाएं तथा भोजन के बाद दो घंटे तक न सोयें। बिना छने आटे का सेवन करें। कब्ज को दूर करने के पांच अचूक एवं सही घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:-
भोजन के बाद एक काली हरड़ मुख में डालकर चूसते रहे। 1–2 घंटे में घुलकर समाप्त हो जाएगी। कुछ दिन ऐसा करने से कब्ज नहीं रहती और पेट के रोगों में भी लाभकारी है।
7-8 मुनक्को को रात्रि में ठण्डे पानी में भिगोकर सुबह उन्हें मसलकर, थोड़े दिन पीने से कब्ज़ मिट जाती है।
एक ग्लास सादे पानी में एक नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर कुछ दिन पीने से कब्ज़ मिट जाती है।
एक चम्मच आंवले का चूर्ण रात को पानी के साथ कुछ दिन लेने से कब्ज़ दूर हो जाती है।
कुछ दिन दूध के साथ गुलकंद खाने से कब्ज़ दूर हो जाती है।
📜 गुरु भक्ति योग 📑
नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र किसे माना जाता है? वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों में से कुछ नक्षत्रों को अत्यधिक शुभ और प्रभावशाली माना गया है, जिनमें पुष्य, रोहिणी, और अभिजीत नक्षत्र विशेष महत्व रखते हैं। इन नक्षत्रों की ऊर्जा और प्रभाव के कारण इन्हें श्रेष्ठ और सर्वश्रेष्ठ नक्षत्रों की श्रेणी में गिना जाता है। आइए इन नक्षत्रों के महत्व, गुण, और विशेषताओं का विस्तार से विश्लेषण करते हैं।
पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष में सबसे शुभ नक्षत्रों में से एक माना गया है। इसे ‘नक्षत्रों का राजा’ भी कहा जाता है। पुष्य का अर्थ है “पोषण करने वाला,” और यह नक्षत्र उन्नति, समृद्धि, और पोषण का प्रतीक है। यह नक्षत्र कर्क राशि में स्थित होता है और इसका स्वामी शनि ग्रह है, जबकि इसका देवता बृहस्पति (गुरु) हैं।
पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है, इसलिए इसे किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस नक्षत्र के दिन व्यापार, गृह प्रवेश, वाहन खरीद, और विवाह जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं।
पुष्य नक्षत्र के विशेष योग, जैसे अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग, इस नक्षत्र की शुभता को और भी बढ़ा देते हैं। इसका प्रभाव ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी कम करने में सहायक होता है। इसके प्रभाव से जातक को धैर्य, अनुशासन, और संतुलन मिलता है, जिससे वह जीवन में स्थिरता और समृद्धि प्राप्त करता है।
रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि में स्थित है और इसका स्वामी चंद्रमा है। यह नक्षत्र सौंदर्य, सृजनशीलता, और समृद्धि का प्रतीक है। इसे अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि इसमें सकारात्मक ऊर्जा, रचनात्मकता, और मानसिक संतुलन का प्रभाव रहता है। रोहिणी को ‘सर्वोत्तम नक्षत्रों’ में इसलिए गिना जाता है क्योंकि इसका सीधा संबंध प्रकृति और सौंदर्य से है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, जो इसे और भी अधिक शुभ बनाता है। यह नक्षत्र शुभ कार्यों, जैसे कि विवाह, भूमि खरीद, और सामाजिक कार्यों के लिए विशेष रूप से अनुकूल माना जाता है।
रोहिणी का प्रभाव व्यक्ति को आकर्षक, विनम्र, और सृजनशील बनाता है। जिनका जन्म इस नक्षत्र में होता है, वे अपने कार्यक्षेत्र में रचनात्मक और सफल होते हैं। यह नक्षत्र जीवन में धन, सफलता और प्रतिष्ठा प्रदान करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
अभिजीत नक्षत्र
अभिजीत नक्षत्र, 27 मुख्य नक्षत्रों में शामिल नहीं है, इसे 28वां नक्षत्र माना गया है। यह नक्षत्र मकर राशि में उत्तराषाढ़ा और श्रवण के बीच में आता है और लगभग 4 घंटों की अवधि का होता है। इसे विजय और सफलता का प्रतीक माना जाता है, और इसके समय को अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है।
अभिजीत नक्षत्र का संबंध भगवान विष्णु से है, जो सृष्टि के पालनकर्ता हैं। इसके प्रभाव के कारण, यह नक्षत्र किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत अनुकूल माना गया है। धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, इसे विजय का प्रतीक माना जाता है।
अभिजीत नक्षत्र का समय विशेषकर उन कार्यों के लिए लाभकारी होता है, जिनमें सफलता की अत्यधिक आवश्यकता होती है। इसके प्रभाव से जातक में आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि होती है, जिससे वह अपने कार्यों में विजय प्राप्त करता है।
💁🏻 तीनों नक्षत्रों का महत्व और तुलना
पुष्य नक्षत्र स्थिरता, अनुशासन और समृद्धि का प्रतीक है, और यह धन-संबंधी और नए कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
रोहिणी नक्षत्र सृजनशीलता, सौंदर्य, और आकर्षण का प्रतीक है और यह सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तिगत सौंदर्य, और सांस्कृतिक कार्यों के लिए विशेष रूप से अनुकूल है।
अभिजीत नक्षत्र विजय, सफलता, और अद्वितीय शुभता का प्रतीक है, जो कठिन कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी है।
इन तीनों नक्षत्रों में कुछ अद्वितीय विशेषताएं हैं, जो इन्हें अन्य नक्षत्रों से श्रेष्ठ बनाती हैं। पुष्य, रोहिणी, और अभिजीत नक्षत्र की ऊर्जा का सही समय पर उपयोग करने से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकता है।
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⚜️ नवमी तिथि में माँ दुर्गा कि पूजा गुडहल अथवा लाल गुलाब के फुल करें। साथ ही माता को पूजन के क्रम में लाल चुनरी चढ़ायें। पूजन के उपरान्त दुर्गा सप्तशती के किसी भी एक सिद्ध मन्त्र का जप करें। इस जप से आपके परिवार के ऊपर आई हुई हर प्रकार कि उपरी बाधा कि निवृत्ति हो जाती है। साथ ही आज के इस उपाय से आपको यश एवं प्रतिष्ठा कि भी प्राप्ति सहजता से हो जाती है।।
आज नवमी तिथि को इस उपाय को पूरी श्रद्धा एवं निष्ठा से करने पर सभी मनोरथों कि पूर्ति हो जाती है। नवमी तिथि में वाद-विवाद करना, जुआ खेलना, शस्त्र निर्माण एवं मद्यपान आदि क्रूर कर्म किये जाते हैं। जिन्हें लक्ष्मी प्राप्त करने की लालसा हो उन्हें रात में दही और सत्तू नहीं खाना चाहिए, यह नरक की प्राप्ति कराता है।।

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