गोचर » बृहस्पति मिथुन ..बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
|| जय श्री राधे ||
🔮 गोचर » बृहस्पति मिथुन ..बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त
💥 बृहस्पति का मिथुन राशि में अस्त होना: धन और ज्ञान के कारक बृहस्पति मिथुन राशि में रहते हुए 9 जून 2025 की शाम 04 बजकर 12 मिनट पर अस्त हो रहे हैं और यह 9 तथा 10 जुलाई तक अस्त रहने वाले हैं।हालांकि गुरु ग्रह के अस्त होने को लेकर अलग-अलग पंचांगों में थोड़ा बहुत अंतर भी देखने को मिल रहा है। कुछ पंचांग बृहस्पति के अस्त होने की अवधि 12 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 तक मान रहे हैं तो वहीं आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार गुरु ग्रह 10 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक अस्त रहने वाले हैं।
🫵🏼 बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त 09 जून 2025 को होने जा रहा है।_
👉🏼 हो सकता है कि पंचांग कर्ताओं की गणना के अनुसार, गुरु के अस्त और उदय होने की तिथि में एक-दो दिनों का अंतर भी मिल रहा हो लेकिन सामान्य तौर पर जन सामान्य को यह समझना चाहिए की लगभग 9 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 के मध्य बृहस्पति ग्रह अस्त रह सकते हैं। वैसे भी यहां पर हमारी चर्चा का मूल विषय यह है कि गुरु के अस्त होने से किस तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे?बृहस्पति का प्रभाव:-क्योंकि बृहस्पति ग्रह बड़े और महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक हैं। इनका गोचर साल में लगभग एक बार ही बदलता है और ज्यादातर ऐसा ही होता है कि साल में एक बार ही बृहस्पति ग्रह अस्त होता है। इसलिए बृहस्पति ग्रह के अस्त होने का सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। बृहस्पति ग्रह को संतान, शिक्षा, धन-धान्य, विवाह, धार्मिक आयोजन तथा भाग्योदय जैसे महत्वपूर्ण विषयों का कारक माना जाता है। स्वाभाविक है कि बृहस्पति ग्रह के अस्त होने से जीवन के इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। ज्यादातर विद्वान लोग बृहस्पति ग्रह के अस्त होने की अवस्था में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से परहेज करते हैं। ऐसे में बृहस्पति का अस्त होना आपकी लग्न या राशि पर कैसा प्रभाव डालेगा यह जानने से पहले यह जान लेते हैं कि बृहस्पति के अस्त होने से भारतवर्ष पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है?_
🪐 बृहस्पति का मिथुन राशि में अस्त: देश-दुनिया पर प्रभाव:-स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार बृहस्पति भारतवर्ष का अष्टमेश और लाभेश ग्रह होते हैं तथा वर्तमान में ये दूसरे भाव में रहते हुए अस्त होने जा रहे हैं। लाभेश का दूसरे भाव में जाना सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में दूसरे भाव में बृहस्पति के अस्त होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा देश के भीतर कुछ आंतरिक कलह भी देखने को मिल सकती है। अष्टमेश के अस्त होने के कारण कुछ प्राकृतिक आपदाएं भी देखने को मिल सकती हैं। भारत के बैंकिंग सेक्टर में कुछ बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। अर्थात भारतीय जनमानस के लिए बृहस्पति का अस्त होना अनुकूलता में कुछ कमी देने का काम कर सकता है। अर्थात बृहस्पति के दूसरे भाव में आने के कारण जो अनुकूलता बढ़ी थी वह तुलनात्मक रूप से कमजोर हो सकती है। बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त का आपकी राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं।
💁🏻♀️ यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है।बृहस्पति का मिथुन राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
🐑 मेष राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके तीसरे भाव में होगा। क्योंकि तीसरे भाव में बृहस्पति के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऐसी स्थिति में बृहस्पति कुछ हद तक विरुद्ध या कमजोर परिणाम देने का काम करते हैं। इसलिए बृहस्पति के अस्त होने से नकारात्मकता में कमी आएगी। अर्थात आपको कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि बेकार की यात्राओं में कमी देखने को मिल सकती है। वहीं पड़ोसियों और भाई बंधुओं के साथ संबंधों को सुधारने की पहल सकारात्मक परिणाम दे सकती है। सरकारी कामों से भी सकारात्मकता की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि कुछ एक मामलों में आप ऐसा महसूस कर सकते हैं कि भाग्य तुलनात्मक रूप से कम साथ दे रहा है लेकिन कर्म करने की स्थिति में सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम मिलते रहेंगे।
🪶 उपाय: मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।
🐂 वृषभ राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके दूसरे भाव में होगा। क्योंकि दूसरे भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः बृहस्पति का अस्त होना आपके लिए थोड़ा सा कमजोर परिणाम देने वाला माना जाएगा। बृहस्पति के अस्त होने के कारण आमदनी के स्रोत थोड़े से प्रभावित हो सकते हैं। अर्थात कमजोर हो सकते हैं। पारिवारिक मामलों को मिल रही है अनुकूलता कम होने के कारण कोई पुरानी पारिवारिक समस्या पुनः उत्पन्न हो सकती है। आर्थिक मामले में भी अब तुलनात्मक रूप से अधिक सावधानी दिखाने की आवश्यकता रहेगी। निवेश इत्यादि के मामले में गंभीरता पूर्वक काम करना जरूरी रहेगा। अर्थात कोई नकारात्मकता भले नहीं आएगी लेकिन सकारात्मक का ग्राफ थोड़ा सा कमजोर हो सकता है।
🪶 उपाय: यथा समर्थ जरूरतमंद बुजुर्गों को कपड़े दान करना शुभ रहेगा।
👩❤️👨 मिथुन राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए सप्तम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ कर्म स्थान के भी स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके पहले भाव में होगा। सप्तमेश के अस्त होने के कारण दैनिक रोजगार संबंधी मामलों में तुलनात्मक रूप से थोड़ा धीमापन देखने को मिल सकता है। विवाह आदि की बातें चल रही थीं, तो उन मामलों में भी कुछ विलंब हो सकता है। वहीं दांपत्य संबंधी मामलों में आई हुई रौनक थोड़ी सी फ़ीकी हो सकती है। अर्थात अस्त होने के कारण चीजें पहले की तुलना में कुछ धीमी हो सकती हैं लेकिन कोई बड़ी नकारात्मकता नहीं आएगी।
कार्यक्षेत्र से संबंधित मामलों में भी कुछ ऐसे ही परिणाम देखने को मिल सकते हैं। क्योंकि कर्म स्थान पर शनि का गोचर हो रहा है। अतः उस कारण भी कार्यक्षेत्र में कुछ धीमापन देखने को मिल सकता है। ऊपर से कर्म स्थान के स्वामी का अस्त हो जाना धीमेंपन के ग्राफ को और अधिक बढ़ा सकता है। क्योंकि गोचर शास्त्र में प्रथम भाव में गुरु के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है उस दृष्टिकोण से देखें तो अस्त होने के कारण गुरु का गोचर आपके लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन दोनों दृष्टिकोण से अर्थात स्वामित्व के आधार पर और प्लेसमेंट के आधार पर दोनों तरह से देखा जाय तो गुरु के अस्त होने से कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव आप पर देखने को नहीं मिलेगा। कुछ मामलों में अड़चनें देखने को मिलेंगी। तो वहीं कुछ मामलों में अनुकूल विचार सफलता दिलाने का काम करेंगे।
🪶 उपाय: गाय को देसी घी लगी हुई रोटी खिलाना शुभ रहेगा।
🦀 कर्क राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त द्वादश भाव में होगा। वैसे तो द्वादश भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता, ऐसे में अस्त होने के कारण बृहस्पति कुछ मामलों में आपके लिए अनुकूलता भी दे सकते हैं। अर्थात यदि पिछले कुछ दिनों से आपके खर्च बढ़ गए थे तो उनमें कमी देखने को मिल सकती है। अर्थात खर्चे कम होंगी। यदि कोई काम घाटे में चल रहा था तो अब वह घाट होना बंद हो सकता है। यदि किसी कारण से स्वास्थ्य कमजोर हुआ था तो अब स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है। अगर किसी मामले में कोई आरोप लगा हुआ था तो आप अब आप आरोप मुक्त हो सकते हैं लेकिन भाग्येश के अस्त होने के कारण कभी-कभार ऐसा लग सकता है कि भाग्य तुलनात्मक रूप से कम साथ दे रहा है। वहीं यदि आप लोन इत्यादि लेने की कोशिश में लगे हुए थे तो उस प्रक्रिया में कुछ धीमापन भी देखने को मिल सकता है। अर्थात गुरु का अस्त होना आपको ज्यादातर मामले में अच्छे परिणाम देना और दिलाना चाहेगा लेकिन कुछ एक मामलों में धीमापन भी देखने को मिल सकता है
🪶 उपाय: साधु, संत और गुरुजनों की सेवा करना शुभ रहेगा।
🦁 सिंह राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके लाभ भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। लाभ भाव में गोचर करने वाले ग्रह का अस्त होना लाभ के ग्राफ को कमजोर करने का काम कर सकता है। अतः बृहस्पति के अस्त होने से पिछले दिनों से आई हुई अनुकूलता थोड़ी सी कम हो सकती है। अर्थात बृहस्पति का अस्त होना आपके लिए नकारात्मक परिणाम नहीं दिलाएगा लेकिन सकारात्मकता का ग्राफ थोड़ा सा काम हो सकता है। प्रेम संबंधों में थोड़ी सी कमजोरी रह सकती है।
यद्यपि प्रेम संबंध बरकरार रहेंगे, आगे चलते रहेंगे लेकिन थोड़ा सा फ़ीकापन महसूस हो सकता है। विद्यार्थियों को भी गुरु के अस्त होने के कारण कठिनाइयां तुलनात्मक रूप से अधिक महसूस हो सकती हैं। ससुराल पक्ष के साथ संबंध भी थोड़े से कमजोर रह सकते हैं। मेहनत के परिणाम भी तुलनात्मक रूप से कम मिल सकते हैं। कहने का तात्पर्य है कि किसी भी तरह की कोई नकारात्मकता नहीं आएगी लेकिन उपलब्धियों का ग्राफ थोड़ा सा कम हो सकता है।
🪶 उपाय: पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
👰🏻♀ कन्या राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके कर्म स्थान में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। वैसे तो दशम भाव में गुरु के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। गोचर शास्त्र में कहा गया है कि दशम भाव में गुरु का गोचर मानहानि करवाता है। ऐसे में अस्त होने के कारण मानहानि का पैदा हुआ भय अब दूर हो जाएगा। अर्थात यदि किसी कारण से आपको अपने सम्मान में कोई कमी महसूस हो रही थी तो अब वह कभी दूर हो जाएगी और आप बेहतरी का अनुभव कर सकेंगे
व्यापार व्यवसाय में यदि पिछले कुछ दिनों से कुछ रुकावटें आ रही थी तो रुकावटें अब कम हो सकती है। अर्थात बृहस्पति का अस्त होना कुछ मामलों में आपको अच्छे परिणाम दे सकता है लेकिन घर गृहस्थी से संबंधित कुछ चिंताएं बढ़ सकती हैं। विशेषकर दांपत्य संबंधी मामलों में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती है। अर्थात गुरु के अस्त होने से आपको कुछ अनुकूल तो वहीं कुछ कमजोर परिणाम भी मिल सकते हैं। अर्थात बृहस्पति ग्रह का अस्त होना आपके लिए मिश्रित फलदायी रह सकता है।
🪶 उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में बादाम चढ़ाना शुभ रहेगा।
⚖️ तुला राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके भाग्य भाव में होगा। क्योंकि सामान्य तौर पर भाग्य भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। बृहस्पति के अस्त होने के कारण अच्छाइयों के ग्राफ में थोड़ी सी कमजोरी देखने को मिल सकती है। धार्मिक यात्राओं पर जाने वाला प्लान कैंसिल हो सकता है या उसमें कुछ देरी देखने को मिल सकता है। संतान आदि से संबंधित मामलों में भी थोड़ा सा फीकापन देखने को मिल सकता है। कोई काम सफलता के नजदीक पहुंचकर रुक सकता है या धीमा हो सकता है। इसके अलावा प्रतिस्पर्धात्मक कामों में भी थोड़ा सा धीमापन देखने को मिल सकता है लेकिन अनुकूल बात यह रहेगी कि आपके प्रतिस्पर्धी भी कम होंगे या शत्रुओं की संख्या में कमी देखने को मिलेगी। कॉन्फिडेंस में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है। इन सबके बावजूद भी कोई नकारात्मक परिणाम नहीं मिलेगा, जो भी मिलेगा सकारात्मक मिलेगा। भले ही पूरी तरह से इच्छा के अनुरूप न रहें लेकिन परिणाम काफी हद तक सकारात्मक मिलते रहेंगे।
🪶 उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा।
🦂 वृश्चिक राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके आठवें भाव में होगा। क्योंकि अष्टम भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः अस्त होने के कारण बृहस्पति नकारात्मकता को समेटने का काम कर सकते हैं। यदि पिछले दिनों स्वास्थ्य कमजोर रहा है, तो गुरु के अस्त होने से वह कमजोरी दूर होगी। अर्थात आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। कामों में आ रही रुकावटें कम हो सकती हैं। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में यदि कहीं से कोई रुकावट या परेशानी रही है, तो वह भी अब दूर हो सकती है।
कहीं रुके या फंसे हुए धन की रिकवरी भी संभव हो सकेगी। संतान के साथ चल रहा है मतभेद दूर हो सकता है। इसके बावजूद भी आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। साथ ही साथ पारिवारिक संबंधों को मेंटेन करने की भी आवश्यकता रहेगी। मामला प्रेम प्रसंग का हो या फिर संतान आदि से संबंधित मामले में भी सावधानीपूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। विद्यार्थियों को भी लगातार मेहनत करते रहना जरूरी रहेगा। इन सावधानियों को अपनाने की स्थिति में बृहस्पति के अस्त होने से मिलने वाले परिणामों में से आप सकारात्मकता के ग्राफ को बढ़ा सकेंगे।
🪶 उपाय: मंदिर में घी और आलू का दान करना शुभ रहेगा।
🏹 धनु राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली के लिए आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी होते हैं औरबृहस्पति मिथुन राशि में अस्त आपके सातवें भाव में होगा। क्योंकि सप्तम भाव में बृहस्पति के गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है, ऐसे में बृहस्पति का अस्त होना अनुकूलता में कमी देने का काम कर सकता है। चतुर्थ भाव के स्वामी के अस्त होने के कारण घर गृहस्थी से संबंधित कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। ऊपर से शनि का गोचर चतुर्थ भाव में बना हुआ है जो बृहस्पति के अस्त होने की स्थिति में नकारात्मकता के ग्राफ को बढ़ा सकता है।
अर्थात घर गृहस्थी और माता से संबंधित परेशानियां यदि पहले से रही हैं, तो वह फिलहाल बढ़ सकती है। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में भी कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। हालांकि दाम्पत्य जीवन में कोई बड़ी विसंगति नहीं आएगी लेकिन जीवनसाथी या जीवन संगिनी को लेकर यदि कोई व्यापार व्यवसाय या महत्वपूर्ण योजना पर आप काम कर रहे थे तो उसमें कुछ धीमापन देखने को मिल सकता है
धार्मिक यात्राएं कुछ समय के लिए पोस्टपोन हो सकती हैं। क्योंकि शनि दशम दृष्टि से आपके प्रथम भाव को देख रहे हैं ऐसे में बृहस्पति के अस्त होने के कारण स्वास्थ्य पर शनि कि इस दृष्टि का नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना है, साथ ही साथ अन्य जिन मामलों की चर्चा हमने की है उनमें भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करना है; जिससे किसी भी प्रकार की नई नकारात्मकता सामने न आने पाए। यद्यपि बृहस्पति का गोचर अनुकूल है लेकिन अस्त होने के कारण अनुकूलता के ग्राफ को कम कर सकता है। इन सावधानियों की आवश्यकता रह सकती है, जिससे कि आपको अच्छे परिणाम मिलते रहें।
🪶 उपाय: भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।
🐊 मकर राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली के तीसरे भाव के स्वामी होते हैं साथ ही साथ ही आपके लिए द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में छठे भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। क्योंकि छठे भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे में बृहस्पति का अस्त होना आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। सरकारी कामों को लेकर यदि किसी तरह की कोई अड़चन हाल फिलहाल उत्पन्न हुई थी तो बृहस्पति के अस्त होने के कारण वह अड़चन दूर हो सकती है। संतान से संबंधित मामले में भी हाल फिलहाल यदि कोई परेशानी आई थी तो वह भी अब ठीक हो सकती है। आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।
विवादों में कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि तृतीयेश का अस्त होना कॉन्फिडेंस लेवल को थोड़ा बहुत प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अपने कॉन्फिडेंस को मेंटेन करने की कोशिश करके आप अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। दूर की यात्राओं के दौरान सावधानी रखकर के उन यात्राओं से भी अनुकूलता प्राप्त की जा सकेगी। अर्थात बृहस्पति का अस्त होना आपके लिए कहीं से भी नुकसानदायक नजर नहीं आ रहा है बल्कि इसके कुछ फायदे भी आपको मिल सकते हैं। विशेषकर यदि पिछले दिनों से कोई परेशानी जुड़ी थी तो वह अब हाल फिलहाल के लिए शांत हो सकती है।l
🪶 उपाय: मंदिर के बुजुर्ग पुजारी को कपड़े दान करना शुभ रहेगा।
⚱️ कुम्भ राशि : बृहस्पति आपकी कुंडली के दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके पंचम भाव में गोचर करते हुए अस्त हो रहे हैं। क्योंकि पंचम भाव में बृहस्पति के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है, ऐसे में बृहस्पति का अस्त होना अच्छाई में कमी कर सकता है। हालांकि किसी भी तरह की कोई नकारात्मकता नहीं आएगी लेकिन अच्छाई के ग्राफ में कमी होने के कारण गुरु के अस्त होने को हम आपके लिए अनुकूल घटना नहीं मानेंगे। शिक्षा में जो तरक्की अपने हाल फिलहाल महसूस की थी उसमें थोड़ी सी कमी देखने को मिल सकती है।
लाभ का ग्राफ भी थोड़ा सा कम हो सकता है। संतान से संबंधित मामलों में छोटी-मोटी चिंताएं देखने को मिल सकती हैं। प्रमोशन में देरी हो सकती है। बृहस्पति के अस्त रहने की अवधि में शेयर मार्केट या सट्टा बाजार आदि से संबंधित कोई जोखिम उठाना ठीक नहीं रहेगा। आर्थिक और पारिवारिक मामले में अपेक्षाकृत अधिक सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। उधार के लेनदेन से बचना भी समझदारी का काम होगा। कहने का तात्पर्य है कि गुरु का यह गोचर आपके लिए अनुकूल है लेकिन गुरु का अस्त होना अनुकूलता में कुछ हद तक कमी कर सकता है। फिर भी आपको किसी भी तरह की नकारात्मकता मिलने की संभावना नहीं है।
🪶 उपाय: साधु संतों की सेवा करना शुभ रहेगा।
🐬 मीन राशि` : बृहस्पति आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह तो होते ही हैं, साथ ही साथ यह आपके कर्म स्थान के भी स्वामी होते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण स्थान के स्वामी का चौथे भाव में रहते हुए अस्त हो जाना कुछ मामलों में कमजोर तो कुछ मामलों में अच्छे परिणाम भी दे सकता है। क्योंकि लग्न या राशि के स्वामी अस्त हो रहे हैं लिहाजा आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना होगा। साथ ही साथ अपनी मान प्रतिष्ठा और इज्जत का भी ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा।
कार्यक्षेत्र को लेकर लापरवाह नहीं होना है लेकिन चतुर्थ भाव में जाने के कारण बृहस्पति कुछ अच्छे परिणाम भी दे सकते हैं। विशेषकर यदि पिछले कुछ दिनों से आप मानसिक रूप से अशांत रहे हैं तो आपका तनाव कम हो सकता है या दूर हो सकता है। यदि विरोधियों ने हाल फिलहाल आपको परेशान करने की कोशिश की थी तो अब वह शांत हो सकते हैं।
जमीन जायदाद से संबंधित नए सिरे से उपजी हुई कठिनाई अब ठीक हो सकती है। माता के स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिल सकता है। यदि किसी का स्थानांतरण आपकी इच्छा के विरुद्ध हुआ था और आप स्थानांतरण रोकने के प्रयास में भी हैं, तो बहुत संभव है कि अब वह स्थानांतरण रुक सकता है। अर्थात बृहस्पति का अस्त होना कई मामलों में आपके लिए फायदेमंद रह सकता है ।
🪶 उपाय – बड़े बुजुर्गो की सेवा करने से लाभ होगा।
🖌 ””सदा मुस्कुराते रहिये””