मध्य प्रदेश

बेखौफ दौड़ रही ओवरलोड टै्क्टर-ट्राॅली सड़क पर गन्ने से भरी टै्क्टर-ट्राॅली से हादसे की आषंका, नहीं हो रही कार्रवाई

सिलवानी। ठंड का सीजन, घना कोहरा और तेज रफतार से भागते गन्ने के ओवरलोड ट्रैक्टर, यह हालात इन दिनों नगर की सड़कों पर आम हो गए है। शुगर मिल षुरू होते ही नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर गन्ने के ओवरलोड टै्क्टर-ट्राॅलियों को जैसे भरमार हो जाती है। इनमें क्षमता से तीन गुना तक अधिक गन्ना भरकर परिवहन किया जाता है, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं। जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
दरअसल, वर्तमान में गुड़ घाने और शुगर मिलों में गन्ना पेराई सत्र चल रहा है। किसाना अपना गन्ना टै्क्टर-ट्राॅली से मिलों को पहुंचा रहे है। टै्क्टर चालक भी ज्यादा ओवरलोड गन्ना भरवाते हैं। क्षमता से अधिक लोड होने के कारण टै्रैक्टर-ट्राॅली सड़क पर आडे़-तिरछे चलते है।
टै्क्टर-ट्राॅलियों का सड़कों पर बेखौफ दौड़ना किसी बडे़ हादसे का कारण बन सकते है। टै्क्टर-ट्राॅली में चालकों द्वारा ज्यादा मुनाफा कमाने क्षमता से अधिक गन्ने भर लेते हैं और इन ट्राॅलियों को दो-दो टै्रक्टर लगाकर खींचा जाता है। कई ट्रैक्टरों में गन्ने इतनी उंचाई तक भर दिए जाते है कि विद्युत तार तक टच हो जाते है। फिर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि विभाग भी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि ऐसे टै्क्टर-ट्राॅलियों का सड़कों पर बेखौफ दौड़ना किसी बडे़ हादसे का कारण बन सकते है।
हादसे का बढ़ा खतरा
ओवरलोड गन्ना वाहनों के दबाव से जहां सड़कों की हालात बद से बदतर होती जा रही है, वहीं राहगीरों को ट्राॅली के पलटने का भय रहता है साथ ही कई बार ओवरलोड की वजह से वाहन अनियंत्रित होने से हादसे हो जाते हैं। खासबात यह है कि गन्ने से भरे टै्क्टर-ट्राॅलियों पर रिफलेक्टर तक नहीं लगाए गए है। जिससे रात्रि में टै्क्टर-ट्राॅली नजर नहीं आते। यही वजह कई बार टै्क्टर-ट्राॅलियां हादसों का कारण बनती है और लोगों की जान तक चली जाती है।
अभियान चलाकर करेंगे कार्रवाई
ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ षीघ्र ही अभियान चलाया जाएगा और जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पीएन गोयल, एसडीओपी सिलवानी।

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