35 से अधिक ग्रामों की नल जल योजना बंद होने से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण
लगभग 60 हजार की आबादी हो रही प्रभावित
करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों के कंठ प्यासे के प्यासे
5 करोड़ रुपए ग्रामों की नल जल योजना पर किए गए है खर्च
सिलवानी। सिलवानी अंचल में बरसात के मौसम में भी तीन दर्जन गांवों में पानी का संकट बना हुआ है, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व पीएचई विभाग पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने में नाकामयाब साबित दिखाई पड़ रहा है। वहीं नलजल योजना शुरू होने से पहले ही कई गांव में ठप हो कर शोपीस बनी है, गांव के लोग पीने के पानी के लिए हर दिन इधर उधर भटक रहे है। सिलवानी गांवों की पेयजल समस्या का प्राथमिकता के साथ निराकरण किए जाने का दावा करने तथा नल जल योजना का रखरखाव किए जाने के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ो रुपए की राशि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा व्यय किए जाने के बाद भी ग्रामीण अंचलो के बाशिंदे बूंद बूंद पानी के लिए भटक रहे है। ग्रामीणे को हो रही परेशानी से पीएचई विभाग के अफसर इत्तफाक ना रखते हुए पेयजल समस्या का निराकरण किए जाने को लेकर गंभीरता नही बरत रहे हैं अफसरों की मनमानी के चलते ग्रामीण बूंद बूंद पानी के लिए परेशान हो रहे है।
दो करोड़ रूपए से अधिक की पांच नल जल योजना
पिछले वर्ष इन नलजल योजना का निर्माण किया गया है। जिसमें खमरिया खुर्द, तिनघरा, चंदन पिपरिया, जमुनिया उचेरा, कीरतपुर शामिल है।
एक करोड़ 32 लाख से अधिक की योजना
फुलमार, प्रतापगढ़, जैथारी, सियरमउ, मनकवाड़ा, कुण्डाली, सांईखेड़ा आदि
90 लाख से अधिक की 16 योजना
अमगवां, बड़ादेवरी, चंद्रपुरा, मेहगवां खुर्द, चिचैली, चिंगवाड़ा कला, पड़रिया कला, भैंसरा, गुंदरई, बेरखेड़ी, अर्जनी, ककरूआ, कस्बा बम्हौरी,
पीएचई विभाग ने जारी की राशि इसके बावजूद नहीं कराया कार्य
पीएचई विभाग द्वारा 2016-17 और 2018 में ग्राम पंचायतों को नल जल योजना चालू कराने को लेकर छींद 51 हजार, देवरी मढिया 1 लाख 11 हजार, चिंगवाड़ा कलां 1 लाख 8 हजार, अमगवां 1 लाख 65 हजार, सिलयवाड़ा 53 हजार, समनापुर 1 लाख 53 हजार, चिचोली 1 लाख 65 हजार, फुलमार 1 लाख 65 हजार, प्रतापगढ़ 1 लाख 98 हजार, नारायणपुर 99 हजार, घोघरी 99 हजार, पुद्दर 55 हजार, गुंदरई 68 हजार, बेरखेड़ी 53 हजार, मनकवाड़ा 1 लाख 65 हजार, पड़रिया कलां 1 लाख 40 हजार , बाडादेवरी 1 लाख 24 हजार, सेमराखास 1 लाख 30 हजार रूपए की राशि जारी की गई। इसके अतिरिक्त 2020 में ककरूआ 2 लाख 27 हजार, पड़रिया कला 1 लाख 93 हजार, अर्जनी 1 लाख 68 हजार रूपए की राशि दी गई इसके बावजूद ग्राम पंचायतों द्वारा नल जल योजना चालू नहीं कराई गई।
लोगों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाए जाने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास कोई कार्य योजना नही है। आदिवासी अंचल के जैथारी, प्रतापगढ़, परासिया, छींद, महंगवाखुर्द, मनकवाड़ा, मरहठी, जैथारी, फुलमार, चून्हेटिया, बाड़ा सिवनी, देवरी, कुअंरखेड़ी, गुदंरई अर्जनी, सिमारिया खुर्द, खैरी, चंद्रपुरा, ककरुआ, सुल्तानपुर, सहित करीब 40 गांब एैसे है जहां कि नल जल योजना के तहत लाखों रुपए की राषि का व्यय किया जाकर पानी की टंकी के साथ ही गंाब में पाईप लाईन बिछाए जाने का कार्य सालों पूर्व पीएचई विभाग के द्वारा किया किया जा चुका है। लेकिन किसी भी गांब की नल जल योजना प्रारंभ नही हो सकी। हालांकि इस दौरान लाखों रुपए का गोलमाल निर्माण एजेंसी के द्वारा किया गया। लेकिन लोगों को योजना का लाभ नही मिल सका। करीब 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाकर गांबों के लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था किए जाने के तहत नल जल योजना का कार्य किया गया था। लेकिन पीएचई विभाग के अधिकारियों की कथित लापरवाही तथा कमीशन खोरी के कारण योजना प्रारंभ होने से पूर्व ही दम तोड़ चुकी है।
इस संबंध में रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि इस संबंध में जिला सीईओ से बात करके नल-जल योजना चालू कराई जाएगी, जिन पंचायतों में राशि का आहरण किया गया है उनकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

ग्राम जमुनिया की नल जल योजना दो माह से बंद प्रशासन मोन
भ्रष्टाचार की बलि चढ़ी ग्राम जमुनिया की नल जल योजना पूर्व में भी जमुनिया बासी एसडीएम महोदया को दे चुके हैं ज्ञापन कुछ दिनों के लिए चालू हो गई थी फिर से बंद ।
ग्रामवासी पुनः आंदोलन की तैयारी में ।
बूंद बूंद पानी को तरस रहे ग्राम वासी।
क्या कभी ग्राम को पानी मिल पाएगा एक तो पानी के लिए ईश्वर भी नाराज और ऊपर से लाखो की योजना भ्रष्टाचार की भेट चढ गई तो ओर परेशान ।