मध्य प्रदेश

कहां गई जिला छिंदवाड़ा की दान की आंखें ?जवाब दे लायंस क्लब परासिया

मानव अधिकार आयोग की जांच में लायंस क्लब क्यों नहीं स्वीकारता आंख दान लिया है
एस.डी.एम. परासिया ने सीबीआई जांच हेतु सी.एम.एच.ओ को पत्र लिखा था

परासिया ।  जिला छिंदवाड़ा विगत 25 वर्षों से अधिक नेत्रदान के नाम पर लायंस क्लब परासिया द्वारा मृतक व्यक्तियों की आंखें निकाली जाती है। यह आंखें कहां जाती है किसको प्रत्यारोपित की जाती है कहां बेची जाती है इस संदर्भ जिले के सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने विगत वर्ष से देश के प्रधानमंत्री सहित प्रमुख 14 विभागों में मानव अंग तस्करी की जांच की जांच हेतु शिकायत मैं अपना लिखित आवेदन पत्र दिया। जिसमें मानव अधिकार आयोग के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा की टीम ने लायंस क्लब परासिया जाकर के जांच किया।
*क्या लिखा है जांच में,,*
विषयः- रितेश चौरासिया (समाज सेवी) परासिया के द्वारा लायंस आई हास्प्टिल परासिया जिला छिदंवाडा के विरूध्द मृतक व्यक्तियो की आखें अनुचित तरीके से निकालने संबधी की गई शिकायत के जाचं प्रतिवेदन के संबध में सन्दर्भः पत्र कामना/शिकायत/2024/13428/छिंदवाड़ा दिनांक 21/10/2024
महोदय जी, उपरोक्त सन्दर्भित विषय के संबध में लेख है कि श्री रितेश चौरासिया (समाज सेवी) वार्ड न-10 स्टेशन रोड परासिया जिला छिदंवाडा म.प्र. के द्वारा लायंस आई हास्प्टिल परासिया जिला छिदवाडा के विरुध्द मृतक व्यक्तियों की अवैध रूप आंख निकालने संबधी शिकायत मांनव अधिकार अयोग में की गई. उक्त संबध में आपके सन्दर्भित पत्र आदेशानुसार द्वारा गठित जिला स्तरीय जांच टीम
1- डॉ  कचंन दुबे (डी.पी.एम.अन्धत्व) (नेत्र रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय)
2- डॉ शशि अतुलकर (बी.एम.ओ.) सामु स्वास्थ्य केन्द्र परासिया
3- प्रमोद बासनिक (जिला मिडिया अधिकारी) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी
4-कमलेश जैन नेत्र सहायक सामु स्वास्थ्य केन्द्र परासिया ने लांयस आई हास्प्टिल परासिया जिला छिंदवाडा में जाकर प्राप्त शिकायत की बिन्दुबार जांच की गई जिसका जांच प्रतिवेदन निम्नानुसार 1 जाच दल द्वारा प्रबंधक संचालक लायस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी सस्था द्वारा कितने वर्षों से मृत व्यक्तियो की आखें निकाली जा रही है ? तो इस संबंध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी लिखित में जानकारी नहीं दी गई। 2-जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि मृत व्यक्तियो की आखें निकालने संबधित कार्य की अनुमति किस विभाग के सक्षम अधिकारी से ली गई है ? तो इस संबंध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी लिखित में जानकारी नही दी गई। 3-जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी संस्था द्वारा मृत व्यक्तियो की आखें निकाल कर कहाँ भेजी जाती है ? तो इस संबध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा मौखिक रूप से सेवा सदन आई हास्प्टिल भोपाल भेजना बतलाया किन्तु उक्त जानकारी लिखित में देने से इकार कर दिया गया। 4-जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी संस्था द्वारा मृत व्यक्तियो की आखें निकाल कर भेजी गई (जमा की गई) सस्था की प्राप्त पावती एंव उस सस्था से उक्त कार्य का अनुबंध के दस्तावेज संबंधी जानकारी चाही गई तो इस संबध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी लिखित में जानकारी / दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये। 5-जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी संस्था द्वारा मृत व्यक्तियो की आखें निकाल कर भेजी गई संस्था के द्वारा किन व्यक्तियो की कैरेटोप्लास्टी (लगाई गई) की गई उनकी जानकारी चाही गई तो इस संबध में प्रबंधक सुचालक लायस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी लिखित में जानकारी नही दी गई। कार्यालय जिला कार्यकम प्रबंधक (अंधत्व नियंत्रण) जिला छिंदवाडा (म.प्र.जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी संस्था द्वारा आज दिनांक तक कितनै मृत व्यक्तियो की आखें निकाली गई है उनकी सूची एंव परिजन का सहमति पत्र की छाया प्रति प्रस्तुत करे तो इस संबंध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी दस्तावेज एंव जानकारी नही दी गई। 7- जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी संस्था द्वारा मृत व्यक्तियो की आखें किस चिकित्सक एंव पैरामेडिकल स्टाफ टीम के द्वारा निकाली जाती है, उनके नाम पद नाम एंव उनकी शैक्षणिक योग्यता एंव उक्त कार्य का प्रशिक्षण संबधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करे तो इस संबंध में प्रबंधक / सचालक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी दस्तावेज एंव जानकारी नहीं दी गई। 8- जाच दल द्वारा प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि आपकी सस्था द्वारा मृत व्यक्तियो की आखें निकाल कर संबधित संस्था तक पहुँचाने का प्रोटोकाल एंव गाईडलाईन के बारे में जानकारी प्रस्तुत करे तो इस संबंध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी दस्तावेज एंव जानकारी नहीं दी गई। 9- जांच दल द्वारा प्रबंधक / सचालक लायंस आई हास्प्टिल परासिया से जानकारी चाही गई कि उक्त सम्पूर्ण कार्य की मासिक/ वार्षिक रिर्पोट / जानकारी आपकी सस्था द्वारा किस कार्यालय में जमा तो इस संबंध में प्रबंधक / सचांलक लायंस आई हास्प्टिल परासिया द्वारा कोई भी दस्तावेज एंव जानकारी नही दी गई।
जांच प्रतिवेदनः-
जिला स्तरीय जांच टीम द्वारा लायंस आई हास्पिटल परासिया के द्वारा मृतक व्यक्तियो की आखें अनुचित तरीके से निकालने संबधी की गई शिकायत की जाचं एंव संचालक के द्वारा दिये बयान एंव कथनो के अनुसार पाया गया कि उक्त शिकायत के संबंध में लायंस आई हास्पिटल परासिया के द्वारा किसी प्रकार के साक्ष्य / दस्तावेज एंव जानकारी उपलब्ध नही कराई गई। अतः उक्त शिकायत के संबध में जांच समिति द्वारा कोई भी स्पष्ट्र अभिमत दिया जाना संभव नहीं है।
जिले के सक्रिय समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया का कहना है वर्ष 2018 में हमने हमारे मामा जी स्वर्गीय अशोक चौरसिया की आंखें लायंस क्लब परासिया लायंस आई हॉस्पिटल संस्था पूरन रजलानी को दान किए हैं. जिसका प्रेस विज्ञप्ति के साथ प्रमाण पत्र भी दिया गया है। और 25 वर्षों से निरंतर पूरे जिला छिंदवाड़ा से संस्था द्वारा हजारों की तादात में आंखें निकाली गई है। ईनकी संस्था द्वारा नेत्र प्रत्यारोपण भी किया गया है जो की पूर्व अखबार में छपी खबरों की छाया प्रति भी चौरसिया द्वारा प्रदान की गई। समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया का आरोप है जब लायंस क्लब द्वारा परासिया में मृतक व्यक्तियों की आंखें दान ली गई और लायंस क्लब इसको स्वीकारने से कतराता है तो निश्चित तौर पर इनके द्वारा आंखों की तस्करी की गई है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई करोड़ रुपए की कीमत में आंखें बेची जाती है।

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