सिद्धचक्र महामंडल विधान के समापन अवसर पर हुआ भगवान बाहुबली का महामस्तक अभिषेक, निकला विशाल जुलूस

रिपोर्टर : कुंदनलाल चौरसिया
गौरझामर। नगर के प्रमुख महावीर जिनालय में 3 फरवरी से 12 फरवरी तक आयोजित विशाल सिद्धचक्र महामंडल विधान मे सिद्धों की आराधना की जा रही है जिसके पुण्यअर्जक प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी ऋषभ /शरद विद्वास वाला परिवार थे सकल दिगंबर जैन समाज के सहयोग एवं महावीर जिनालय समिति द्वारा आचार्य विशुद्धसागर धारा के यमल संत आस्तिक्यसागर, प्रणीतसागर का मंगल सानिध्य प्राप्त है। आपको बता दें गौरझामर नगर में तकरीबन 6 वर्ष पूर्व बुंदेलखंड मे विशाल प्रतिमाओं में से एक जैनधर्म के संस्थापक ऋषभदेव आदिनाथ जी के प्रथम पुत्र भरत चक्रवर्ती जिनके नाम से देश का नाम भारतवर्ष हुआ उन्हीं के छोटे भाई बाहुबली भगवान जिनकी हजारों वर्ष प्राचीन प्रतिमा गोमटेश्वर बेंगलुरु में मौजूद है उन्हीं के दर्शन स्मरण को विशाल प्रतिमा की स्थापना गृहस्त में इन्हीं दोनों महाराज के माता-पिता द्वारा गौरझामर में करवाई गई उन्हीं के सानिध्य में विशाल प्रतिमा के सामने प्रांगण में नयापुरा गौरझामर सिद्ध चक्र महामंडल विधान 3 फरवरी से लगातार चलते हुए 12 फरवरी को आज समापन हुआ जिसका विशाल व्यवस्थित जैनधर्म अनुसार वेशभूषा में नगर के बीचों बीच से सागर रोड एमपी नगर तक जुलूस निकला जुलूस सर्वप्रथम अतिशय क्षेत्र के बड़े बाबा जैन मंदिर श्री देव पारसनाथ बड़ा जैन मंदिर से प्रारंभ हुआ महावीर जनली श्री जी विराजमान करके व्यवस्थित ढोल नगाड़ों और परिधान में आज के जुलूस की शोभा जन आकर्षण का केन्द रही जुलूस के मध्य मुनिश्री ने भी संपूर्ण नगर साथ में ही विचरण किया कल इसी प्रांगण में भगवान बाहुबली जी की विशाल प्रतिमा का महामस्तक अभिषेक का आयोजन एवं समस्त समाजजन का सहभोज समर्पित सोशल ग्रुप के सभी सदस्यों द्वारा आमंत्रित किया गया है।