ज्योतिष

आज का पंचांग आज का पंचांग गुरुवार, 29 फरवरी 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 29 फरवरी 2024

मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ अयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
⛈️ मास – फाल्गुन मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि 06:22 AM तक उपरांत षष्ठी
📝 तिथि स्वामी – पंचमी तिथि के देवता हैं नागराज। इस तिथि में नागदेवता की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और पुत्र प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र चित्रा 10:22 AM तक उपरांत स्वाति
🪐 नक्षत्र स्वामी – नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह और अधिष्ठाता देव विश्वकर्मा हैं।
📣 योग – वृद्धि योग 05:56 PM तक, उसके बाद ध्रुव योग
प्रथम करण : कौलव – 05:23 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 06:21 ए एम, मार्च 01 तक गर
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:16:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:44:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:07 ए एम से 05:57 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 05:32 ए एम से 06:47 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:11 पी एम से 12:57 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:29 पी एम से 03:16 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:18 पी एम से 06:43 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:20 पी एम से 07:35 पी एम
💧 अमृत काल : 03:07 ए एम, मार्च 01 से 04:53 ए एम, मार्च 01
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:08 ए एम, मार्च 01 से 12:58 ए एम, मार्च 01
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी विप्र को पीला वस्त्र भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – देवदर्शन मुहूर्त, श्री मोरारजी देसाई जयन्ती, रुक्मिणी देवी अरुंडेल जन्म दिवस, दुर्लभ रोग दिवस, राष्ट्रीय डि-एडिक्शन दिवस, एक लीप दिवस (या “लीप वर्ष दिवस”)
✍🏼 विशेष – पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे पानी से भरे मिट्टी के घड़े की दिशा के बारे में। भले ही शहरों में आजकल पानी से भरे मिट्टी के घड़े, यानी मटके दिखने कम हो गए हों, लेकिन गांवों में आज भी घर में या किसी सार्वजनिक स्थान पर आपको पानी से भरा मिट्टी का घड़ा देखने को जरूर मिल जाएगा, जिसका पानी न केवल पीने में अच्छा लगता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिये भी यह बहुत अच्छा माना जाता है। दरअसल यहां महत्वपूर्ण बात ये है कि सही दिशा में रखा गया पानी से भरा मिट्टी का घड़ा वास्तु की दृष्टि से भी बहुत महत्व रखता है। यह न केवल संबंधित दिशा के वास्तु को सुधारने में मदद करता है, बल्कि घर में पॉजिटिविटी को भी बनाये रखता है।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
क्या मौसमी बदलाव से शरीर में दर्द हो सकता है? तो हां, मौसमी बदलाव शरीर दर्द का बड़ा कारण बनता है। दरअसल, इन दिनों तापमान में अचानक बढ़ोतरी जोड़ों के दर्द, सिरदर्द, गठिया और फाइब्रोमायल्गिया जैसी बीमारियों को ट्रिगर करता है। इसके अलावा तापमान बढ़ने का दबाव आसपास के वातावरण को प्रभावित करता है जिससे शरीर पर हवा का दबाव कम होता है। इससे टिशूज फैलते हैं और शरीर के भीतर दबाव बनता है जो कि शरीर में दर्द और अकड़न का कारण बनता है।
इतना ही नहीं ये मौसमी बदलाव आपकी जोड़ों में शिथिलता को भी बढ़ाता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि तापमान में मौसमी गिरावट जोड़ों की नमी को भी प्रभावित करती है जिससे दर्द और अकड़न बढ़ सकती है।
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
किडनी में स्टोन की समस्या से निजात पाने के घरेलू उपाय
ज़्यादा पानी पिएं: पथरी की समस्या से निजात दिलाने में सबसे ज्यादा जरूरी है, पानी का सेवन नियमित मात्रा में करें। यह किडनी स्टोन को आसानी से यूरीन के माध्यम से बाहर निकलने में मदद करता है। इसलिए एक दिन में 2-3 लीटर पानी जरूर पिएं।
गोखरू पाउडर का करें सेवन: गोखरू, किडनी के स्टोन की समस्या से निजात दिलाने में काफी सहायक होता है। इसके लिए 4 ग्राम गोखरू पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। इसके बाद ऊपर से बकरी का दूध पी लें।
पत्थरचट्टा का इस्तेमाल: पत्थरचट्टा का पौधा आसानी से कही पर भी मिल जाता है। जिसका सेवन करके आप आसानी से किडनी के स्टोन से निजात पा सकते हैं। इसके लिए पत्थरचट्टा का एक पत्ता लें और उसमें मिश्री के कुछ दाने के साथ पीस लें। इसके बाद इसका सेवन कर लें।
आंवला : विटामिन सी से भरपूर आंवला भी किडनी के स्टोन से निजात दिलाने में कारगर है। इसके लिए रोजाना सुबह और शाम एक-एक चम्मच आंवला का पाउडर खाएं।
📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
यदि बात करें व्यक्ति के रोजमर्रा जीवन कि तो एक धन और ज्ञान ये दो चीजें उसे सफलता की सीढ़ियों तक जैसे तैसे पहुंचा ही देती हैं। कितनी भी विषम परिस्थिति हो मनुष्य पैसे और जानकारी के बल पर अपने आप को मुश्किलों से छुड़ा लेता है। लेकिन हमने अपनी एक नीति में इन दोनों चीजों को क्यों बताय है व्यर्थ आइए जानते हैं।
पुस्तकेषु च या विद्या परहस्तेषु च यद्धनम्।
कार्यकाले समुत्पन्ने न सा विद्या न तद्धनम्॥
हमने अपनी नीति में इस श्लोक के माध्यम से कहा हैं कि जो ज्ञान किताबों तक सीमित है वह ज्ञान व्यक्ति के किसी काम का नहीं है। किताबी ज्ञान के साथ ही साथ व्यक्ति को समाजिक ज्ञान और उसकी बेहतर समझ होना जरूरी है। तभी वह ज्ञानता की श्रेणी में आएगा नहीं तो किताबी ज्ञान सिर्फ पुस्तकों तक सीमित रह जाता है। धन के विषय में हम कहते हैं कि स्वयं का धन कितना भी हो लेकिन दूसरों के हाथों में होने से वह धन किसी काम का नहीं है।
धन और ज्ञान को इस्तमाल करने का मंत्र आचार्य श्री गोपी राम ने अपनी इस नीति से यही बताने का प्रयास करते हैं कि मनुष्य को चाहिए कि वह किताब की विद्या को अपने कंठ में ग्रहण करे तभी समय आने पर वह उपयोगी है और विपरीत परिस्थिति से बाहर निकालने में सक्षम है। ठीक उसी प्रकार जिस तरह विद्यालय में कंठस्थ विद्या परिक्षा में सफल होने का कार्य करती है। बात करें पैसों की तो वह अपनी नीति के माध्यम से यहीं समझाने का प्रयत्न करते हैं कि धन वही उपयोगी है जो अपनी जेब में रखा हों। क्योंकि जरूरत पड़ने पर आप तुरंत उसका उपयोग कर सकत हैं। भले कितना भी आपके पास अपना धन हो और वह दूसरे के पास है तो उसका सदुपयोग आप जरूरत पड़ने पर नहीं कर पाएंगे। इसलिए कहते हैं विद्या कण्ठ की और पैसा गांठ का ही उत्तम होता है।
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⚜️ पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।
पञ्चमी तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति गुणवान होता है। इस तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह माता पिता की सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म समझता है। इनके व्यवहार में उत्तम श्रेणी का एक सामाजिक व्यक्ति दिखाई देता है। इनके स्वभाव में उदारता और दानशीलता स्पष्ट दिखाई देती है। ये हर प्रकार के सांसारिक भोग का आनन्द लेते हैं और धन धान्य से परिपूर्ण जीवन का आनंद उठाते हैं।

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