आरटीआई से पता चला, एक व्यक्ति दो समितियों से ले रहा लाभ
रिपोर्टर : भगवत सिंह लोधी
दमोह, तेन्दूखेड़ा । सरकार द्वारा प्रत्येक ब्यक्ति को सरकारी नोकरी दे पाना मुश्किल होता है। मगर विभिन्न प्रकार के रोजगार का सृजन करके उनमें विकल्पों को पैदा कर देती है। सरकार द्वारा विभिन्न समितियां बना कर,समूह बनवाकर उन्हें वित्तीय सहायता देकर रोजगार दे दिया जाता है।जिसके कुछ नियम और परिनियम होते हैं जिनका समितियों के सदस्यों का पालन करना होता है। मगर कुछ होशियार बन्दे शासन की आखों में धूल झोंक कर दो दो जगहों से लाभ प्राप्त करते हैं जो कि गैर कानूनी है। ऐसा ही आज मामला तेन्दूखेड़ा मुख्यालय से 20 किलोमीटर ग्राम झलोन में आरटीआई के माध्यम से इसी प्रकार का एक खेल उजागर हुआ है। ग्राम झलोन के निवासी रामशंकर रैकवार ओर जितेंद रैकवार ने अलग अलग आवेदनों के माध्यम से जो जानकारी निकल कर सामने आई है वह चोकाने वाली है। सहायक संचालक मत्स्य उद्योग से प्राप्त झलोन की रैकवार मछुआ समिति जे सदस्यों की जानकारी में खुलासा हुआ है। समिति के सदस्य भगवानदास गोड़ पिता फूलसिंह गोड़ रैकवार मछुआ समिति का स्थाई सदस्य है। और वह अपना जीवन यापन मछली मारकर करता है ऐसा पँचायत ने सत्यापन किया है। वही दूसरे आवेदन सेवा सहकारी समिति मर्यादित झलोन र न 970 से प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान दास पिता फूल सिंह आदिवासी ग्राम झलोन की राशन दुकान में चपरासी के पद पर नियुक्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 8/9/1998 के दिन प्रस्ताव क्रमांक 2 के अनुसार तत्कालीन समितिअध्यक्ष तिलक रानी, उपाध्यक्ष राजाराम, श्याम लाल पंच, राम लाल पंच, गोकल प्रसाद पंच ने मिलकर यह प्रस्ताव पारित किया है कि समिति की बचत बैंक एवम सामग्री वितरण प्रणाली का कार्य देखने के लिये चपरासीकी नियुक्ति की जाती हैं।जबकि रैकवार मछुआ समिति के नियमानुसार समिति का सदस्य किसी दूसरी जगह सरकारी समिति से रोजगार प्राप्त ना करता हो, दूसरी बात समिति सदस्य गरीबी रेखा की सूची में आता हो मगर भगवान सिंह आदिवासी तो चपरासी के पद पर नियुक्त रहकर सरकार से प्रतिमाह वेतन ले रहा है और वही दूसरी ओर सहकारी समिति में मत्स्य विभाग से मछुआरा बनकर वहां से भी लाभ ले रहा है। जो कि गलत है नियमानुसार एक ब्यक्ति एक जगह से सरकारी या सरकारी समितियो से लाभ ले सकता है।
