क्राइम

एडीजे कोर्ट के बाजू में ही चल रहा था कंप्यूटर सेंटर, जिसमें दवाइयां का बहुत बड़ा जखीरा मिला

मौके पर सेंटर का कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं मिला बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था कंप्यूटर कोचिंग सेंटर
छात्रों से अवैध रूप से की जा रही थी नौकरी दिलाने के नाम पर अवैध वसूली

ब्यूरो चीफ : भगवत सिंह लोधी
हटा । दमोह जिले के हटा मेंअवैध तरीके से संचालित हो रहा था सेंटर, जब छात्र द्वारा पैसे वापिस मांगने गए तो कंपनी के नियम कानून मौखिक रूप से बताना चालू कर दिया, लेकिन लिखित में या कंपनी के कोई दस्तावेज नहीं दिखाए गए क्योंकि कोई दस्तावेज थे ही नहीं । जब मौके पर मीडिया पहुंची और केंद्र की रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारी मांगी तो खिल्लियां उड़ गई। केंद्र प्रभारी द्वारा उसे केंद्र में 100 से अधिक स्टूडेंट के एडमिशन बताए गए 75% से अधिक आने पर नौकरियों की दी जा रही थी दिलासा । पैसे लेने के बाद छात्रों को घुमाना किया चालू, बच्चों को एडमिशन के दौरान फर्जी तरीके से एप्लीकेशन फॉर्म भरे गए जिसमें 12 वी के 2023-24 के बच्चो के रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित नहीं किए गए लेकिन सेंटर के कर्मचारियों द्वारा 47% घोषित कर दिए एवं वेरीफाइड अधिकारी द्वारा भी एप्लीकेशन वेरीफाई कर दिया गया। ये एक गंभीरता का विषय है और गंभीर लापरवाही बहुत ही बड़ा फर्जीवाडा सामने आ सकता है समय रहते प्रशासन ने ध्यान दिया तो आगामी समय में बहुत बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। एक बैच में 12 से 15 बच्चे पढ़ते है लेकिन सेंटर में तीन ही कंप्यूटर है इस सेंटर में एक टीचर पदस्य है जिसकी सैलरी मात्र ₹1500 है। सेंटर का ना रजिस्ट्रेशन है ना मकान का एग्रीमेंट, ना कोई टीचर का रिकॉर्ड, ना कोई स्टूडेंट का रिकॉर्ड है। स्टूडेंट एडमिशन पॉलिसी का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं। उस सेंटर में दवाई का एक बहुत बड़ा जखीरा पकड़ा गया। सूत्रों से मिली जानकारी बच्चों से विकवाई जा रही थी दवाइयां, बैग में बच्चों के नाम लिखे पाए गए जब इस फर्जीबाड़े की शिकायत भोपाल तक पहुंची तो फोन पर कथित रूप से कमलनाथ के पीएसओ प्रतिपल पटेल ने पत्रकारो एवं पुलिस से संपर्क कर राजनीतिक हस्तक्षेप भी किया इस राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद और भी बहुत से बड़े खुलासे हो सकते हैं क्योंकि 6 माह से अधिक समय से हटा कोर्ट के सामने चल रहे इस अवैध सेंटर की जानकारी पुलिस को भी नहीं। हटा में ऐसे अभी भी और कई सेंटर खुले हुए हैं जहां तक पुलिस की पहुंच नहीं है । एडीजे कोर्ट के सामने चल रहे आपत्तिजनक सेंटर पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

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