तीन साल से मायके में रह रही विधवा बहू लौटेगी ससुराल, मिलेगा पूरा हक
पति की मौत के बाद कर दिया था बेदखल, पति के आटो पर भी किया कब्जा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। पति की मौत के बाद ससुराल से बेदखल हुई बहू अब बापस घर लौटेगी। ससुराल वालों ने भी अस्वाशन दिया कि वह उसके पति का आटो रिक्शा उसे बापस कर देंगे और उसके घर मे रहने व खाने पीने का इंतजाम करेंगे। परिवार परामर्श केंद्र में मंगलवार को रखे गए 20 परिवारिक विवाद के प्रकरणों में से 6 में आपसी सहमति से राजीनामा कराया गया।
शहर के अशोकनगर क्षेत्र में रहने वाली एक विवाहिता के पति की 3 साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। तभी से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही थी। उसके पति का ऑटो रिक्शा भी उसके जेठ ने रख लिया, पत्नी के पास अपनी आजीविका का कोई साधन नहीं बचा, ऐसे अपना हक दिलाने उसने परिवार परामर्श केंद्र में गुहार लगाई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद ससुराल वालों को समझाइश दी गई कि वह अपनी बहू के जीवन यापन का इंतजाम करें, और उसके पति का रिक्शा उसे बापस करें। यदि जेठ ओटो रिक्शा चलाता है, तो उसे निर्धारित दर से किराया दे। जिस पर जेठ ने कहा कि वह उसे 200 रुपये प्रतिदिन ऑटो का किराया देगा, साथ ही ससुर ने कहा कि वह जब चाहे घर मे आकर रह सकती है, यथा संभव वह भी उसकी मदद करेंगे। दोनों पक्षों में आपसी सहमति से राजीनामा हुआ।
दूसरे प्रकरण में पत्नी की शिकायत थी कि उसका पति उससे ठीक से बात नहीं करता और उसे समय भी नहीं देता। दोनों में मनमुटाव बढ़ने पर पत्नी बीते 5 माह से मायके में रह रही थी। पति ने बताया कि काम की टेंसन में ऐसा हो जाता है। आखिर में दोनों राजीखुशी से साथ रहने को तैयार हो गए।
परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से परिवारिक विवादों को आपसी सहमति के सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
पत्नी के खिलाफ की पति ने शिकायत
पत्नी किसी और व्यक्ति से फोन पर बात करती है और बात-बार मायके चली जाती है। ऐसे में उसका घर बर्बाद हो रहा है, एक पति ऐसी ही शिकायत लेकर परिवार परामर्श केंद्र पहुचा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सामने आया कि पति से कभी भूलवश ऐसी गलती हो गई थी, लेकिन उसका पति हमेशा इसी बात के ताने देता है और उसके साथ मारपीट करता है। कभी समझाइश के बाद दोनों दाम्पत्य जीवन बचाने को राजी हो गए। पति ने लिखित अस्वाशन दिया कि अब कभी वह पति पर शक नहीं करेगा और न मारपीट करेगा। यदि पत्नी चाहे तो वह घर से दूर कहीं किराए के मकान लेकर भी रह सकता है, लेकिन पत्नी ने कहा कि वह अपने घर ही रहेगी, सास-ससुर की दिक्कतें तो वह सह लेगी, बस उसका पति उसका साथ दे, आगे से वह उसपर चरित्र हीनता के आरोप न लगाए।
20 की सुनवाई 6 प्रकरण में राजीनामा
मंगलवार को पतिवार परामर्श केंद्र की बैठक में सुनवाई के लिए 20 प्रकरण रखे गए। जिसमे से 6 प्रकरणों में आपसी सहमति से राजीनामा हो गया। काफी समझाइश के बाद भी पक्षकारों के सहमत नहीं होने पर 5 प्रकरणों में न्यायालय जाने की सलाह दी गई। 2 प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए व 7 प्रकरणों में पक्षकरों के अनुपस्थित रहने पर आगामी तारीख दी गई।