लौकिक अथवा अध्यात्मिक ऐश्वर्य संत और भगवान की कृपा से प्राप्त होते है, जीव को : ब्रह्मचारी
रिपोर्टर : राजकुमार रघुवंशी
सिलवानी । सिलवानी के समीप ग्राम मुआर में मां भवानी श्री जगदम्बा टेकरी धाम के प्राकट्योत्सव पर श्रीराम चरित मानस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। बापोली धाम से पधारे हुए संत श्री ब्रह्मचारी जी महाराज ने कथा श्रवण कराते हुए कहा कि तुलसीदास जी करते है। किसी की उत्तम बुद्धि,उत्तम गति, बड़प्पन परोकर के गुण, लौकिक अथवा अध्यात्मिक ऐश्वर्य मिलता है तो वह संत कृपा से मिलता है। बाकी लोक और वेद में इस का कोई दूसरा उपाय नही है। संत की कृपा हो जावे और जीव सच्चे ह्रदय से संत के चरणों में अपना हृदय समर्पित कर दे तो वह कभी नही भटकता। जीव संत से जुड़ते ही भगवान से जुड़ जाता है। ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा की संत और सदगुरु में कोई भेद नहीं दोनो ही एक है। अत मनुष्य को अपने जीवन में सफल प्राप्त करने के लिए भजन एव संत दर्शन जरूरी है।
राम भजन में बड़ी महिमा है। आचार्य सुरेंद्र शास्त्री,ने कथा श्रवण कराते हुए राम भजन की महिमा सुनाई आचार्य सुरेंद्र शास्त्री कुसुम उदयपुरा ,पंडित विष्णुदत्त शर्मा, संत कमल नयनदास महाराज मानस प्रवक्ता श्री राजेंद्र शास्त्री जी चौरास ने कहा कि राम भजन में बड़ी तागत है। जीव आत्मा नियम संयम शास्त्र मर्यादयुक्त जीवन निर्वाह करता है और राम राम भजन करता है। तो वह सीधा सीधा परलोक में निवास करता है। ये शरीर एक मिट्टी का पुतला है। इसे जैसे ढाले ढल जायेगा, सत्यकर्म, दान धर्म भजन करते रहिए,आज की चमक में जीव भजन ही भूल गया जीव ये न सोचे की किए हुए कुकर्मों का पाप नही भोगेगा,जीव को सब भोगना पड़ेगा ऊपर सब है।नर्क और स्वर्ग यहां एक बार मरोगे थोड़ा सा कष्ट होगा,यदि सत्यकर्म और भगवान का भजन नही किया तो ये शरीर किसी काम का नही और बहा तिल तिल मरोगे पर बहा मौत नही होगी पीड़ा होगी असहनीय तुम्हारे पाप कर्म दिखाई जायेंगे और पुण्य कर्म भी, भगवान श्री राम जी का चरित्र बड़ा ही पवित्र और पावन है। श्री राम चरित कोई साधारण ग्रंथ नही है। इस में स्वयं परमात्मा राम और श्री हनुमान जी है। कथा वाचको ने कहा की ये शरीर बड़ी मुश्किल से मिलता है अत भगवान का भजन जरूर करे।
आज ग्राम में श्रीमान सिंह रघुवंशी का देव लोक गमन हुआ तो सभी कथा व्यास और भक्तो ने भगवान राम जी से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए कीर्तन किया श्रद्धांजलि अर्पित की।