मध्य प्रदेश

हाइटेंशन लाइन के नीचे बने 260 घर, न बिजली कंपनी ने कार्रवाई की और न ही नगर पालिका परिषद ने

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। रायसेन शहर के पटेल नगर, हाउसिंग बोर्ड कालोनी सहित मुखर्जीनगर, शिवोम नगर में बिजली की हाइटेंशन लाइन घराें की छत के ऊपर से ऐसे निकली है। जिससे हर दम यहां खतरे के साए में रहने के लिए मजबूर हैं। मुखर्जीनगर में एक मैरिज गार्डन की छत के ऊपर से गुजरी है हाइटेंशन लाइन।
रायसेन नगर पालिका परिषद क्षेत्र में सालों से उक्त जगहों से हाईटेंशन लाइन गुजरी है।मुखर्जीनगर और पटेल नगर क्षेत्रों में एक ट्रक में आग लग गई थी।इसी तरह दो मजदूरों की मौत हो चुकी है। आधे दर्जन से ज्यादा लोग झुलस चुके हैं। नगर के भारत नगर कॉलोनी, गोल्डन कॉलोनी के मेन गेट, गोटी ढाबे के ऊपर, वीआईपी कालोनी से हाईटेंशन लाइन गुजरी है।
दरअसल, रायसेन नपा सीमा क्षेत्र में जगह-जगह हाइटेंशन लाइन के नीचे मकान बने हुए हैं और अभी भी बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं जहां नई कॉलोनियां काटी जा रही हैं, वहां भी हाइटेंशन लाइन के नीचे के प्लॉट बेचे जा रहे हैं। जबकि नियमानुसार हाइटेंशन लाइन से 2.3 मीटर की दूरी तक मकान बनाने का प्रावधान ही नहीं है। परंतु न ही मप्र मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी इस ओर ध्यान दे रही है, न ही नगर पालिका परिषद रायसेन द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है। इसके चलते यहां मकान बनते जा रहे हैं। करीब 260 जगह से अधिक स्थानों पर मकान यहां पर ऐसे बने हैं जो हाइटेंशन लाइन के बिल्कुल नीचे हैं या उससे लगे हुए हैं।
हाइटेंशन लाइन के लिए ये हैं नियम….
जमीन व सड़क से 6.1 मीटर तक हो ऊंचाई।
आबादी वाले क्षेत्र में इंसुलेटेड एचटी तार का प्रयोग हो।
हाइटेंशन लाइन के 2.3 मीटर की दूरी तक मकान न बनें।
11 हजार हाइटेंशन लाइन से होरिजेंटल 1.2 मीटर और वर्टीकल 3.7 मीटर की दूरी के बाद ही निर्माण हो।
33 केवी लाइन से होरिजेंटल 2 मीटर और वर्टीकल 3.7 मीटर की दूरी होनी आवश्यक है।
लाइन के नीचे जमीन के रेट कम….
रायसेन नगर पालिका परिषद क्षेत्र तेजी से विकसित हुआ है और अभी भी हो रहा है। यहां पर जमीनों के रेट भी हाई हैं। परंतु जहां से हाइटेंशन लाइन गुजरी है, वहां कम दाम पर प्लॉट, मकान बेच दिए जाते हैं। अभी भी जहां नई कॉलोनी विकसित हो रही हैं वहां कुछ जगह ऐसी स्थिति है।
शिफ्टिंग की कोई प्लानिंग नहीं….
यह लाइन पहले से ही निकली है। चूंकि वाटर फिल्टर प्लांट रायसेन बायपास पर बिजली का सब स्टेशन भी है। ऐसे में इसकी शिफ्टिंग करना बड़ा कठिन कार्य है। फिलहाल इसकी शिफ्टिंग का कोई प्लानिंग नहीं है। लोगों को गाइडलाइन का पालन करते हुए ही निर्माण कराना चाहिए। राजेश दुशाद, ईई, बिजली कंपनी
गाइडलाइन से ही अनुमति….
नगर पालिका परिषद द्वारा गाइडलाइन केअनुसार ही निर्माण की अनुमति दी जाती है। जो मकान बने हैं, वह पहले के हैं या कब के हैं, यह भी देखना पड़ेगा। वर्तमान में मौके का निरीक्षण करने के बाद ही सब इंजीनियर द्वारा भवन निर्माण की अनुमति दी जा रही है। ईशांत धाकड़ नपा सीएमओ, रायसेन

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