मध्य प्रदेश

हलाली डैम में पांच गेटों का निर्माण शुरू : जुलाई महीने तक 5 गेट लगने से 27 गांवों की 1500 हेक्टेयर की फसलें डूबने से बचेंगी

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । हलाली डेम में जल स्तर बढ़ने पर ओवर फ्लो से ही पानी निकल पाता है। इससे किसानों द्वारा बोई गई खरीफ की फसल हर साल डूब में आने से खराब होती आ रही हैं। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए अब डेम में ओवरफ्लो वाले स्थान पर ही 5 गेट लगाए जाने के लिए निर्माण कार्य किया जा रहा है। 24.59 करोड़ रुपए की लागत से ये गेट लगाए जाने हैं। इसके लिए पहले 12 मीटर ऊंचाई वाले 5 पियर का निर्माण किया जा रहा है।
इसके बाद इन पियरों के बीच में पांच गेट लगा दिए जाएंगे। डेम का जल स्तर बढ़ने से इन गेटों से 1750 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकेगा। इससे होगा यह कि 27 गांवाें के किसानों की 1500 हेक्टेयर जमीन में बोई गई खरीफ की फसल को डूबने से बचाया जा सकेगा। इतना ही नहीं फसल के अलावा नीनोद और कायमपुर गांव के रास्ते डूब में आ जाने से गांव टापू बन जाया करते थे। अब इन गांवों के रास्ते भी डूब में नहीं आएंगे। इससे बारिश के दिनों में यहां से आवागमन चालू रहने लगेगा।
बारिश के दिनों में भी इलाज सहित आवश्यक सेवाएं दोनों गांव के रहवासियों को उपलब्ध हो सकेंगी। बीते साल इन गांव के रहवासियों को पेयजल तक वोट से लेकर उपलब्ध कराया गया था।वहीं गांवों में फंसी गर्भवती महिलाएं और मरीजों को वोट से रेस्क्यू कर निकालना पड़ा था। कई सालों में इस तरह की स्थिति बनती आ रही है। पांचों गेट लग जाने के बाद ये परेशानियां दूर हो जाएंगी।
पियर के ऊपर 57.50 मीटर लंबा ब्रिज भी बनेगा…..
डेम पर जो पांच पियर का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें पहले नीचे तो पांच गेट लगा दिए जाएंगे। इसके बाद इन पियर के ऊपर छत डालकर एक 57.50 मीटर लंबाई बाला ब्रिज का निर्माण भी किया जाएगा। यह ब्रिज सिंचाई परियोजना के कर्मचारियों के उपयोग के लिए ही रहेगा। यहां से आम लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। विभागीय कर्मचारी इस ब्रिज का उपयोग गेट की मॉनिटरिंग से लेकर सभी आवश्यक कामों के लिए कर पाएंगे।
यह सुविधा भी… अलग से राशि स्वीकृत कराकर आम लोगों के लिए डाउन स्ट्रीम में बनाया जाएगा दूसरा ब्रिज डेम के ओवर फ्लो की डाउन स्ट्रीम मे एक ओर ब्रिज बनाया जाएगा। इस ब्रिज का उपयोग आम आवाजाही के लिए कर पाएंगे। हालांकि इस ब्रिज के निर्माण का प्रावधान, चल रहे प्रोजेक्ट में नहीं किया गया है।लेकिन इस प्रोजेक्ट का एक्सटेंशन करने के बाद अलग से राशि स्वीकृत कराकर ही डाउन स्ट्रीम में आम लोगों के लिए ब्रिज बनाया जाएगा।
सिंचाई के साथ ही पेयजल के लिए भी डेम पर निर्भर हैं लोग……
हलाली डेम से जहां एक ओर विदिशा, रायसेन जिले की 40 हजार हेक्टेयर खेती की जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। वहीं दूसरी ओर दोनों शहरों के लिए पेयजल की आपूर्ति भी डेम से ही की जाती है। 34 किमी लंबी पाइप लाइन से रायसेन शहर के फिल्टर प्लांट तक पानी लाया जाता है तो नहरों में पानी छोड़कर विदिशा के पास से गुजरी बेतवा में पानी छोड़ा जाता है। इससे रायसेन के 8500 और विदिशा के 26 हजार नल कनेक्शन के माध्यम से घर-घर टोटियों से पानी उपलब्ध कराया जाता है। अब सांची नगर के लिए भी हलाली से ही पानी लाने के लिए काम किया जा रहा है।
1750 क्यूसेक पानी की निकासी हाे सकेगी…..
डेम पर गेट लगाने का काम मई 2022 में शुरू किया गया है। इसका पूरा काम अक्टूबर 2023 तक पूरा किया जाना है। हालांकि इस बारिश में ही किसानों की खरीफ की फसल डूब में न आने पाए इसलिए जुलाई तक ही पांचों गेट लगा लेने का दावा परियोजना के सब इंजीनियर बीके बागुलिया द्वारा किया जा रहा है। गेट लग जाने के बाद जल स्तर बढ़ने पर 1750 क्यूसेक पानी की निकासी की जा सकेगी।

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