श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किए जाने से मन में व्याप्त विकारो का समन होता है : रेवाशंकर शास्त्री
सरस्वती नगर में श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ, कथा से पूर्व नगर में निकाली गई भव्य कलश यात्रा
सिलवानी। सोमवार से सरस्वती नगर में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। पंडित रेवाशंकर शास्त्री मवई वालो के मुखरविंद्र से कथा का आयोजन रविशंकर शर्मा, सुरेश शर्मा, दिनेश शर्मा, श्याम सुंदर शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, विपिन शर्मा, सौरभ शर्मा व शर्मा परिवार के द्वारा कराया जा रहा है।
कार्यक्रम प्रारंभ होने से पूर्व मॉ विजयासन मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जो कि विभिन मार्गों से होती हुई कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। यहां पर बैदिक मंत्रोच्चार के साथ कथा प्रारंभ की गई। जिसमें कथा वाचक पंडित रेवाशंकर शास्त्री मबई वालों ने श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन बताया कि लोगो को श्रीमद् भागवत पुराण का श्रवण करना चाहिए। कथा का श्रवण किए जाने से मन में व्याप्त विकारो का समन होता है बल्कि मानव को आत्म शांति भी प्राप्त होती है। नियमित रुप से कथा का श्रवण किया जावे तो आत्म शांति के साथ ही दैहिक, दैविक व भौतिक तापो से भी शांति मिलती है। पंडित श्री शास्त्री ने बताया कि भक्ति ज्ञान बैराग्य की यह कथा कलियुग में श्रीकृष्ण की भक्ति प्रधान होती है। कथा श्रवण किए जाने को आवश्यक बताते हुए उन्होने कहा कि श्रीमद् भागवत ग्रंथ में सद्कर्म से सौभाग्य के निर्माण के महत्व का पता चलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने भारत भूमि पर कर्मयोग का महत्व बता कर दुनिया को कर्मशील रहने की प्रेरणा दी । श्रद्वालुओ से कथा वाचक ने आव्हान किया कि वे भारतीय संस्कृति व धर्म के अनुरूप अपने आचरण को उज्जवल बना कर अपने जीवन के प्राप्त दायित्वों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वाहण करे। प्रारंभ में श्रद्वालुओं के द्वारा व्यासपीठ की पूजा अर्चना की गई। तथा प्रथम दिन की कथा का समापन आरती कर किया गया। कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंचे।