कृषि

पटवारी को रुपए नहीं दिए तो फसल नुकसान के बाद भी नहीं मिला मुआवजा

किसानों का आरोप
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । तहसील रायसेन की रातातलाई पंचायत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा ओले और बारिश के चलते गेहूं की फसल को 60 प्रतिशत नुकसान हुआ था। इसका पंचनामा 21 मार्च को हल्का पटवारी नंदलाल पवार और कृषि विस्तार अधिकारी ने बनाया था। उसमें भी 60 प्रतिशत फसल खराब होने का जिक्र है।लेकिन किसानों को कोई भी राहत राशि नहीं मिली। किसानों ने आरोप लगाया कि पटवारी रिश्वत मांग रहा था।नहीं दी तो फसल नुकसान होने के बाद भी किसानों को राहत राशि नहीं मिली।
रातातलाई के किसान रातातलाई सरपंच रघुवीर सिंह मीणा, जवाहर सिंह पटेल, करण सिंह मीणा, छतर सिंह मीणा, भगवान सिंह मीणा, नवल सिंह मीणा, नारायण सिंह मीणा, राकेश मीणा, प्रेम सिंह मीणा, अजय मीणा आदि ने रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे से पटवारी नंदलाल पवार पर कार्रवाई करने की मांग की है।
मिलेट्री से रिटायर्ड हैं पटवारी नंदलाल पंवार…..
किसानों ने बताया कि पटवारी खुद को मिलेट्री से रिटायर्ड बताकर किसानों पर धौंस जमाते हैं । और कोई भी कार्य बिना रुपए लिए नहीं करते। क्षेत्र के कई किसानों ने बताया कि पटवारी नंदलाल पंवार क्षेत्र में बहुत ही कम आता है और किसानों को भोपाल बुलाकर उनके कार्य पैसे लेकर ही करता है। किसानों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और जिला कलेक्टर अरविंद दुबे से पटवारी नंदलाल पंवार पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
यशवंत बबलू मीणा, जिला पंचायत अध्यक्ष रायसे का कहना है कि आपके द्वारा ये मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। मैं शीघ्र ही मामले को दिखवाता हूं।अगर रिश्वत के आरोप सही पाए गए तो पटवारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
रघुवीर सिंह मीणा, सरपंच का कहना है कि रातातलाई पंचायत में 50 किसानों की गेहूं की फसल को बारिश ओलों से 60 प्रतिशत नुकसान हुआ था। 21 मार्च को हुए सर्वे द्वारा पटवारी पंचनामे में भी इसका जिक्र है, लेकिन पटवारी नंदलाल पवार को रिश्वत नहीं दी तो उसने किसानों को राहत राशि नहीं मिलने दी।
जवाहर सिंह पटेल, किसान रातातलाई का कहना है कि गेहूं फसल का भारी नुकसान के बाद भी मुआवजा नहीं मिला। क्योंकि हमने पटवारी को रिश्वत नहीं दी। ऐसे पटवारी के ऊपर कार्रवाई होना चाहिए।
इस संबंध में नंदलाल पवार, पटवारी का कहना है कि किसानों के सभी आरोप निराधार हैं। हमारे क्षेत्र में सिर्फ बारिश और हवा चली जिससे कुछ किसानों की फसल आड़ी हुई थी। नुकसान ओला वृष्टि होने से होता है। शासन के मापदंडों और आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत बारिश से नुकसान पर फसलों का मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। सर्वे की रिपोर्ट हम शासन को सौंप चुके थे। हमारा कोई रोल नहीं है।

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