धार्मिक

13 मार्च 2024 : फाल्गुन मास में विनायक चतुर्थी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
◢◣◥◤ जय श्री हरि ◢◣◥◤
🥏 13 मार्च 2024 : फाल्गुन मास में विनायक चतुर्थी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त
HIGHLIGHTS
🔹 सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का अधिक महत्व है।
🔹 इस दिन भगवान गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है।
🔹 फाल्गुन माह में विनायक चतुर्थी 13 मार्च को है।
🔹 पूजा के समय गणेश चालीसा और विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें.
🔹 जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो वे स्नान और पूजा-पाठ के बाद दान करें.
👉🏽 सनातन धर्म में फाल्गुन मास की विनायक चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है, इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है. हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखते हैं. फाल्गुन मास की विनायक चतुर्थी व्रत 13 मार्च 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा. विनायक चतुर्थी व्रत पूजा दिन में होती है और इस दिन चंद्रमा नहीं देखते हैं. धार्मिक मान्यता है कि प्रत्येक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा देखने से झूठा कलंक लगता है. आइए जानते है आचार्य श्री गोपी राम से विनायक चतुर्थी व्रत कब रखा जाएगा.
⚛️ विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 13 मार्च 2024 दिन बुधवार की सुबह 04 बजकर 03 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन 14 मार्च दिन गुरुवार की सुबह 01 बजकर 25 मिनट पर होगा. विनायक चतुर्थी व्रत 13 मार्च दिन बुधवार को रखा जाएगा. गणेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 11 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. पूजा की अवधि 02 घण्टे 23 मिनट्स है. पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी तिथि की शुरुआत अश्विनी नक्षत्र में होगी.*
🌙 विनायक चतुर्थी 2024 चंद्रोदय समय
विनायक चतुर्थी वाले दिन यानी 13 मार्च को चंद्रोदय सुबह 08 बजकर 22 मिनट पर होगा और चंद्रास्त रात 09 बजकर 58 मिनट पर होगा।
💮 शुभ योगों में है विनायक चतुर्थी व्रत
मार्च माह में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी बुधवार के दिन पड़ रही है। बुधवार भगवान गणेश का ही दिन है। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग के साथ रवि और इंद्र योग बन रहा है। बता दें कि रवि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 24 मिनट तक है। वहीं इंद्र योग सुबह से लेकर देर रात 12 बजकर 49 मिनट तक है। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 41 मिनट तक है।
🧾 विनायक चतुर्थी पूजा विधि
▪️ इस दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत होकर स्नान करें।
▪️ इसके बाद घर या मंदिर में भगवान गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
▪️ फिर पूजा शुरु करते हुए गणेश मंत्र का उच्चारण करें।
▪️ भगवान को पुष्प, मिठाई, फल, धूप, चंदन और पान का पत्ता चढ़ाएं।
▪️ फिर धूप दीप जलाकर विनायक चतुर्थी की कथा सुनें।
▪️ कथा के बाद आरती करें और भगवान को भोग लगाएं।
▪️ फिर शाम में इस विधि से दोबारा गणेश भगवान की पूजा करें।
🤷🏻 फाल्गुन विनायक चतुर्थी पर क्या करें
फाल्गुन विनायक चतुर्थी के दिन पूजा में 5 लाल गुलाब का फूल, 5 हरी दूर्वा की पत्तियां, गणपति भगवान को अर्पित करें. घी का दीपक लगाकर ‘ॐ बुद्धि प्रदाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. भोग में मोदक चढ़ाएं और पूजा के बाद ये मोदक अपने बच्चे को खिला दें. बाकी अन्य जरुरतमंद बच्चों को भी बांटे. मानयता है इस विधि से गणपति की पूजा करने पर बच्चे की स्मरण शक्ति तेज होती है. वह करियर में अच्छी सफलता प्राप्त करता है
🤔 विनायक चतुर्थी पर क्यों नहीं देखते चंद्रमा ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर झूठा कलंक लगता है. इससे आपकी छवि धूमिल हो सकती है, आपकी प्रतिष्ठा, मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकता है. भगवान श्रीकृष्ण ने चौथ का चांद देखा था तो उन पर चोरी का झूठा कलंक लगा था।

Related Articles

Back to top button