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इलाज में लापरवाही : डॉ. सीमा शिवहरे व डॉ. शिवम दुबे के खिलाफ होगी कार्यवाही

कलेक्टर ने संभागायुक्त को भेजा प्रस्ताव
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया

उमरियापान । कलेक्टर अवि प्रसाद ने जिला चिकित्सालय में 21 दिसंबर 2023 को प्रसव उपरांत स्लीमनाबाद निवासी रंजीता कोल के इलाज के मामले मे लापरवाही बरतने से अत्यधिक रक्तस्त्राव की वजह से हुई मृत्यु के लिए डॉ. सीमा शिवहरे और डॉ. शिवम दुबे के विरूद्ध कार्यवाही करने संभागायुक्त जबलपुर संभाग को पत्र लिखा है । साथ ही शासकीय उप स्वास्थ्य केन्द्र पड़वार की सी.एच.ओ प्रियंका चौधरी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रस्ताव मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भेजा है। साथ ही एएनएम विजय लक्ष्मी परस्ते को कलेक्टर ने नोटिस जारी कर 10 दिवस के भीतर अपना पक्ष रखने निर्देशित किया है।
कलेक्टर ने गठित की थी जांच समिति
कलेक्टर अवि प्रसाद ने रंजीता कोल की प्रसव उपरांत उपचार के दौरान अत्यधिक रक्त स्त्राव से हुई मृत्यु की जांच हेतु बीते साल 21 दिसंबर को ही जांच समिति गठित की थी और समिति ने 22 दिसंबर 2023 को जांच प्रतिवेदन मे लापरवाही बरतने वाले 4 स्वास्थ्य अधिकारियों का उल्लेख किया था। कलेक्टर ने इन सभी को नोटिस जारी किया था।
इन्हे मिला था नोटिस
कलेक्टर अवि प्रसाद ने उपचार कार्य मे लापरवाही पर डॉ सीमा शिवहरे स्त्री रोग विशेषज्ञ, मेडिकल ऑफीसर, डॉ शिवम दुबे, एएनएम पड़वार विजय लक्ष्मी परस्ते और सीएचओ पड़वार प्रियंका चौधरी को नोटिस जारी किया था।
इन बिंदुओ पर दिया था नोटिस
कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सीमा शिवहरे को जारी नोटिस मे उल्लेखित गया था कि प्रसव उपरांत महिला रंजीता कोल की 21 दिसंबर 2023 को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई । लेकिन 20 दिसंबर की रात 8ः30 बजे जिला चिकित्सालय के मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कराने के बाद भी डॉ सीमा शिवहरे द्वारा रंजीता कोल को रात्रि 11ः40 बजे पहली बार देखा गया। उस समय ब्लड रिपोर्ट में पीलिया 14.7 मिलीग्राम आया था, जो कि डेंजर लेबल से बहुत ज्यादा था एवं मरीज को सुपर स्पेसिलिटी केयर की जरूरत थी। इस कंडीशन में मरीज को तत्काल मेडिकल कॉलेज रेफर करना चाहिए था, जो कि डॉ शिवहरे द्वारा नहीं किया गया।
इसी प्रकार पी.एच.सी स्लीमनाबाद के मेडिकल आफीसर डॉ शिवम दुबे को कलेक्टर द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस मे कहा गया था कि प्रत्येक ए.एन.सी के दौरान गर्भवती की एक बार मेडिकल आफीसर से जांच कराया जाना आवश्यक था। किंतु प्रसूता रंजीता कोल के मामले में ऐसा नहीं कराया गया। साथ ही रंजीता कोल को स्लीमनाबाद से जिला चिकित्सालय कटनी रिफर किया गया। जबकि ब्लड रिपोर्ट के अनुसार मृतक रंजीता कोल को जिला चिकित्सालय कटनी के बजाय यदि सीधे मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता तो उपचार के लिए गोल्डन टाईम वेस्ट नहीं होता।
उप स्वास्थ्य केन्द्र पड़वार की सी.एच.ओ प्रियंका चौधरी को जारी कारण बताओ नोटिस मे उल्लेखित किया गया था कि मृतक रंजीता कोल की 5 ए.एन.सी चेकअप हुई है किंतु किसी भी जांच में एम.सी.पी कार्ड में पीलिया, हेपेटाईटिस, एच.आइ.वी, यूरिन जांच और शुगर जांच की प्रविष्टि नहीं हुई है । जिससे मृतक की पीलिया के बारे में पहले से पता हो जाना था । प्रियंका चौधरी द्वारा आधी अधूरी जांच की गई। जिससे महिला की हाई-रिस्क डायग्नोसिस नहीं हो पाई। हर ए.एन.सी के द्वारा एक बार मेडिकल आफीसर से जांच कराया जाना आवश्यक था किंतु नहीं कराया गया। महिला के एएनसी जांच कार्ड मे उसका ब्लउ ग्रुप ओ- पजिटिव था तथा रेफर स्लिप में ब्लड ग्रुप ए- पॉजिटिव का उल्लेख किया गया था।
इसी प्रकार ए.एन.एम विजय लक्ष्मी परस्ते उप स्वास्थ्य केन्द पडवार द्वारा भी पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई। जिसमें मृतक महिला रंजीता कोल की 5 ए.एन.सी चेकअप किये गए। परंतु किसी भी चेकअप के दौरान एम.सी.पी कार्ड में पीलिया, हेपेटाईटिस, एच.आई.वी, यूरिन जांच और शुगर जांच की प्रविष्टि नहीं हुई । जिससे मृतक की पीलिया जांच के बारे में पहले से पता हो जाना था । आधी-अधूरी जांच होनें से महिला की हाई रिस्क डायग्नोसिस नहीं हो पाई। साथ ही मेडिकल आफीसर से जांच कराया जाना आवश्यक था, जो कि नहीं किया गया।
जवाब नहीं मिले समाधानकारक
कलेक्टर अवि प्रसाद ने जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब को संतोषजनक और समाधानकारक नहीं मानते हुए सभी चार स्वास्थ्य कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की है।

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