धार्मिकमध्य प्रदेश

आस्था का दंडवत 40 डिग्री तापमान में न धूप नं कंकड़ शरीर तौलिया लपेट, दंड भरते श्रद्धालु पहुंचे मां बलखंडन के द्वार


ब्यूरो चीफ : भगवत सिंह लोधी
दमोह । जिले जबेरा नवरात्रि के दिनों में भक्तों के द्वारा भक्ति की शक्ति का परिचय दिया जाता है।जितनी कठिन साधना हो सकें भक्तों के द्वारा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के पर्व पर राम नवमी तिथि को जिला मुख्यालय से 30 किलो दूर दसोदा गांव की बलख्ड़न माता के दरवार में पहुंचने वाले श्रद्धालु उधारे होकर दंड भरते हुये जाते हैं। भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है चारों और श्रद्धालुओं की ऐसी रहतीं हैं कि जगह की कम पड जाती है। केवल वे ही लोग दंड भरते हुए जातें हैं घट स्थापना करते हैं बाक़ी श्रद्धालु पैदल ही दर्शनों के लिए जाते है दसोदी के बलख्डन दरवार में सैकड़ों की संख्या में कंकड़ पत्थरों के रास्ते में होते हुए दंड भरते बलख्ड़न माता के दरवार में पहुंचते हैं। रास्ते में होने वाले कष्ट आसमान से बरसती हुई धूप उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और नहीं थकान का अहसास होता है। बलख्ड़न माता का चमत्कार हैं कि चौरासी क्षेत्र के गांव गांव से जवारे घट लिए मीलों की दूरी तय कर मां बलखंडन दरवार तक पहुंचते हैं। सनातन काल से चली आ रही परंपरा आज भी उसी अंदाज से निभाई जा रही है ग्राम दसोदा नन्हे सिंह नवल सिंह मुन्ना सिंह बताया सैकड़ों वर्ष पहले मा बलख्ड़न मां पहाड़ी पर पेड नीचे प्रकट हुए थी मां बलखंडन चमत्कार श्रद्धालु चेत नवरात्रि पर घट भंडारा लेकर मीलों दूर तय करके आते हैं मां बलखंडन माता भक्त।

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