Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 13 जनवरी 2023
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग🧾
शुक्रवार 13 जनवरी 2023
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ अयन- उत्तरायण
🌦️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – माघ मास
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – षष्ठी 13:48 PM बजे तक उपरान्त सप्तमी तिथि है।
✏️ तिथि स्वामी : षष्ठी इस तिथि के स्वामी स्कंद अर्थात कार्तिकेय हैं. इनकी पूजा करने से व्यक्ति मेधावी, सम्पन्न एवं कीर्तिवान होता है।
💫 नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 12:56 PM तक उपरान्त हस्त नक्षत्र है।
🪐 नक्षत्र स्वामी : उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य है तथा हस्त नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा है।
🔔 योग – शोभन 09:52 AM तक उपरान्त अतिगण्ड योग है।
⚡ प्रथम करण : वणिज – 06:17 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : विष्टि – 06:54 ए एम, जनवरी 14 तक
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खाकर यात्रा कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : शुक्रवार का (अशुभ) गुलिक काल 08:34 ए एम से 09:53 ए एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सुबह 10:30 बजे से 12:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:43:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 17:17:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:09 पी एम से 12:51 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:15 पी एम से 02:57 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:42 पी एम से 06:09 पी एम
🌠 सायाह्न सन्ध्या : 05:44 पी एम से 07:05 पी एम
💧 अमृत काल : 08:44 ए एम से 10:29 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:03 ए एम, जनवरी 14 से 12:57 ए एम, जनवरी 14
❄️ रवि योग : 04:36 पी एम से 07:15 ए एम, जनवरी 14
💮 शोभन योग- आज दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक
☄️ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा- आज शाम 4 बजकर 36 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-नदी में बताशे प्रवाहित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – लोहिड़ी पर्व, अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा जन्म दिवस, पं. शिवकुमार शर्मा, (संतूर वादक आणि संगीतकार) जन्म दिवस, केप वर्डे का लोकतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस : टोगो, अश्मित पटेल, भारतीय अभिनेता जन्म दिवस, हिन्दी कवि – शमशेर बहादुर सिंह जन्मोत्सव, वजूभाई वाला जन्म दिवस, अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस (10 दिवसीय), राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी- 17 जनवरी तक, पारसी शेहरेवार मासारंभ
✍🏼 विशेष – मित्रों, षष्ठी तिथि को तैल कर्म अर्थात शरीर में तेल मालिश करना या करवाना एवं सप्तमी तिथि को आँवला खाना तथा दान करना भी वर्ज्य बताया गया है। षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र स्वामी कार्तिकेय हैं तथा नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस तिथि में स्वामी कार्तिकेय जी के पूजन से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। विशेषकर वीरता, सम्पन्नता, शक्ति, यश और प्रतिष्ठा कि अकल्पनीय वृद्धि होती है।
⛺ Vastu tips 🌋
पश्चिम दिशा का वास्तु,
पश्चिम दिशा वाले भवन में मुख्य द्वार पश्चिम की तरफ ही होना चाहिए । नैत्रत्य कोण अर्थात दक्षिण पश्चिम दिशा एवं वायव्य कोण अर्थात उत्तर पश्चिम दिशा में द्वार नही होना चाहिए ।
नैत्रत्य कोण में मुख्य द्वार होने पर घर में बीमारी, धन हानि एवं आकाल मृत्यु का भय रहता है ।
पश्चिम मुख वाले भवन में अगर आगे की तरफ रिक्त स्थान हो तो पीछे पूर्व की तरफ और यदि संभव हो तो उत्तर दिशा की तरफ भी खाली स्थान अवश्य ही छोड़ना चाहिए ।
पूर्व दिशा की जगह पश्चिम दिशा में ज्यादा रिक्त स्थान होने पर संतान को परेशानी उठानी पड़ती है ।
पश्चिम दिशा के भवन में अगर सामने के भाग में ऊँची दीवार के साथ निर्माण किया जाय तो यह बहुत ही शुभदायक होता है ।
पश्चिम दिशा वाले भवन में चारदीवारी पीछे पूर्व दिशा की चारदीवारी से सदैव ऊँची होनी चाहिए।
पश्चिम दिशा वाले भूखण्ड में किसी भी प्रकार का निर्माण पश्चिम दिशा से प्रारम्भ करना चाहिए।
पश्चिम दिशा वाले भवन के आगे के भाग में फर्श/बरामदा पीछे अर्थात पूर्व की दिशा के फर्श बरामदे से ऊँचा होना चाहिए इससे यश एवं सफलता की प्राप्ति होती है।
लेकिन इसके नीचे होने से धन की हानि के साथ साथ अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है ।
🔑 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
पति पत्नी के बीच के विवाद को समाप्त करने के लिए
अगर घर में लड़ाई चल रही है, क्रोध हो रहा है, विवाद हो रहा है, या पति पत्नी में झगड़ा हो रहा है, बात तलाक और अदालत तक भी पहुंच गई हो तो एक श्रीफल (नारियल) पूरे घर में घूमाकर, एक मोली उनके नाम की जिनके बीच विवाद चल रही हो और तुम्बुरुका जी का नाम स्मरण करके श्रीफल पे लपेट दीजिये। फिर इस श्रीफल को भगवान शंकर को समर्पित कर दिजिए तुम्बुरुका जी के नाम से। पति पत्नी के बीच तलाक की नौबत भी आ गई हो तो भी दोनो में प्रेम हो जाता है। और घर के किसी दूसरे सदस्य के बीच भी विवाद चल रहा हो तो आपस में फिर से प्यार बढ़ जाता है।
🫗 आरोग्य संजीवनी 🍶
ज्यादा मात्रा में नमक से परहेज हम सभी का सर्दियों के मौसम में अधिक नमक वाला खाना खाने की आदत होती है। यह समझना जरूरी है कि आखिर नमक की मात्रा को सीमित करना क्यों चाहिए? नमक का सेवन सीमित करना काफी जरूरी है ताकि हम अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रख सकें। इसलिए, नमक की मात्रा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
हाई शुगर डाइट से बचें सर्दियों में खाने में चीनी की मात्रा बढ़ा देना एक जानी-मानी आदत है। लोग ठंड में गाजर का हलवा और गुलाब जामुन जैसी मिठाइयों का लुत्फ उठाना पसंद करते हैं। इन मिठाइयों का सेवन कम से कम करना चाहिए और अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए। अधिक चीनी का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, इसलिए इसे समय रहते कम करना जरूरी हो जाता है।
शराब से रहे दूर हम सभी जानते हैं कि सर्दियों के महीनों में पार्टी बढ़ जाती है। ऐसे में शराब पीना अब बहुत आम बात भी हो गई है। शराब को एरिथमिया या यूं कहें कि दिल की धड़कन अनियमित तौर पर बढ़ने का कारण माना जाता है। जिसका दिल पर गंभीर परिणाम हो सकता हैं।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
धार्मिक आस्था के अनुसार अगर भगवान शिव का स्मरण शुद्ध भाव से किया जाए तो न केवल मनचाहे फल की प्राप्ति होती है, बल्कि भगवान शिव के आशीर्वाद से सभी पाप, कष्ट एवं दुःख आदि का भी सदा के लिए निवारण होता है। शास्त्रों के अनुसार केवल शिव स्मरण के माध्यम सेनसि माक, आर्थिक व शारीरिक दुःख, परेशानी आदि से छुटकारा प्राप्त किया जाता है। मगर इसके अलावा भी कुछ ऐसे मंत्र है जिनका जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
आइए जानें भोलेनाथ का खास व चमत्कारी मंत्र-
पुराणोक्त शिव मंत्र बहुत ही असरदार एवं शक्तिशाली माना गया है। इस मंत्र की खासियत यह है कि व्यक्ति बिना शिवालय जाए व जल एवं बिल्लव पत्र अर्पित करे भी इसके माध्यम से शुभकारी फल प्राप्त कर सकता है। मान्यता है कि इस अद्भुत शिव मंत्र स्तुति द्वारा हर भक्त मन, प्राण, इन्द्रियों और कर्म को ही पूजा सामग्री के रूप में शिव को समर्पित करता है। इसलिए बिना शिवालय जाए या किसी विवशता में भी इस मंत्र मात्र से अद्भुत भक्ति आशुतोष शिव को जल्द प्रसन्न कर सकते हैं।
🗣️ मंत्र-
पुष्पाणि सन्तु तव देव ममेन्द्रियाणि।
धूपोगरुर्वपुरिदं हृदयं प्रदीप।।
प्राणा हवीषि करणानि तवाक्षताश्च।
पूजाफलं व्रततु साम्प्रतमेष जीव।।
अर्थ- हे महादेव, आपकी पूजा के लिए मेरी इन्द्रियां फूल बन जाएं। मेरा शरीर सुगन्धित धूप और अरु बन जाए।मेरा हृदय दीप हो जाए, मेरी जीवनशक्ति यानी प्राण हविष और सारी कर्मेन्द्रियां अक्षत बन जाएं। इस तरह मैं आपकी उपासना करता हुआ पूजा का फल प्राप्त करूं। शास्त्रों में भी इस मन्त्र की महत्वता को बताते कहा गया है की यह मन्त्र अत्यन्त शक्तिशाली एवं शीघ्र मनोकामना को पूर्ण करने वाला है। ऋषि मुनि भी अपनी सिद्धियो को प्राप्त करने के लिए इस मन्त्र का उच्चारण करते थे.इस मन्त्र का जाप प्रातः स्नान आदि के बाद किसी शांत एवं एकांत स्थान में करना उपयुक्त माना गया है।इस मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
●●●●●★᭄ॐ नमः श्री हरि नम: ★᭄●●●●●
⚜️ आपके उपर यदि मंगल कि दशा चल रही हो और आप किसी प्रकार के मुकदमे में फंस गये हों तो भगवान कार्तिकेय का पूजन करें। मुकदमे में अथवा राजकार्य से सम्बन्धित किसी कार्य में सफलता प्राप्ति के लिये षष्ठी तिथि के सायंकाल में शिवमन्दिर में छः दीप दान करें। कहा जाता है, कि स्वामी कार्तिकेय को एक नीला रेशमी धागा चढ़ाकर उसे अपने भुजा पर बाँधने से शत्रु परास्त हो जाते हैं एवं सर्वत्र विजय कि प्राप्ति होती है।
जिस व्यक्ति का जन्म षष्ठी तिथि को होता है, वह व्यक्ति सैर-सपाटा पसंद करने वाला होता है। इन्हें देश-विदेश घुमने का कुछ ज्यादा ही शौक होता है अत: ये काफी यात्राएं करते रहते हैं। इनकी यात्रायें मनोरंजन और व्यवसाय दोनों से ही प्रेरित होती हैं। इनका स्वभाव कुछ रूखा जैसा होता है और छोटी छोटी बातों पर भी लड़ने को तैयार हो जाता हैं।