ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 31 मार्च 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 31 मार्च 2023

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🪐 31 मार्च 2023 दिन शुक्रवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। आज नवरात्र व्रत का पारण प्रातः सूर्योदय के बाद 08:00 बजे तक किया जा सकता है। आज भगवान सूर्य रेवती नक्षत्र में रात्रि 12 बजे के बाद 03:13 मिनट पर प्रवेश कर जायेंगे। आज गुरु अर्थात् बृहस्पति देवता पश्चिम में (दिन में 04:30 PM पर) अस्त हो जायेंगे।।
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर वसंत ऋतु
🌤️ मास – चैत्र मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष पक्ष
📆 तिथि – दशमी 25:57 PM बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि है।
✏️ तिथि स्वामी : दशमी तिथि के स्वामी यमराज को माना गया है। तथा यम की पूजा करने से नरक और मृत्यु का भय नहीं रहता है।
💫 नक्षत्र – पुष्य 26:05 PM तक उपरान्त आश्लेषा नक्षत्र है।
💫 नक्षत्र स्वामी : नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है। देव गुरु बृ्हस्पति को पुष्य नक्षत्र का अधिष्ठाता देवता माना गया है।
📣 योग – सुकर्मा 26:13 PM तक उपरान्त धृति योग है।
प्रथम करण : तैतिल – 12:44 पी एम तक
द्वितीय करण : गर – 01:58 ए एम, अप्रैल 01 तक
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खाकर यात्रा कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : शुक्रवार का (अशुभ गुलिक) काल 07:46 ए एम से 09:19 ए एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सुबह 31:30 बजे से 12:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 05:53:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 18:07:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:40 ए एम से 05:27 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:03 ए एम से 06:13 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:01 पी एम से 12:50 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:37 पी एम से 07:00 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 06:38 पी एम से 07:48 पी एम
💧 अमृत काल : 06:46 पी एम से 08:34 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:02 ए एम, अप्रैल 01 से 12:48 ए एम, अप्रैल 01
❄️ रवि योग : पूरे दिन
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में श्वेत ध्वजा चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – साईंबाबा उत्सव समाप्ति (शिर्डी), गुरु तारा अस्त (पश्चिम), सिक्खों के दूसरे गुरु, गुरु अंगद देव जन्मोत्सव, श्यामजी कृष्ण वर्मा पुण्य तिथि, सरदार पूरन सिंह पुण्यतिथि, भारतीय अभिनेत्री- मीना कुमारी पुण्य तिथि, श्रीमती आनन्दी गोपाल जोशी जयन्ती, डॉ. भीमराव अम्बेडकर को मरणोपरांत (सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित) दिवस, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जन्म दिवस, रमा शंकर व्यास जयंती, डाक सेवा कार्यालय दिवस, मूल प्रारंभ
✍🏼 विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
🌷 Vastu tips 🌸
आमतौर पर घरों में आजकल अटैच्ड बाथरुम बनवाए जाते हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव पति-पत्नी के रिश्तों पर बहिउ पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय अपने पैर बाथरूम की तरफ न करें, इससे पति पत्नी के बीच झगड़े बढ़ते हैं.
सोते समय बाथरूम का दरवाजा भी हमेशा बंद रखें। अन्यथा दाम्पत्य जीवन में तकरार बढ़ेगी। कभी-कभी बात इतनी बढ़ जाती है कि तलाक की नौबत आ जाती है। इसके साथ ही घर की आर्थिक स्थिति भी इससे बिगड़ने लगती हैं।
अटैच्ड बाथरूम वास्तु दोष का कारण भी बनता है। वास्तु दोष को दूर करने के लिए अपने बाथरूम में कांच की एक कटोरी रखें और इसमें सेंधा नमक भर लें। इसे एक सप्ताह तक बाथरूम में वैसे ही रखा रहने दें। इसके बाद उस नमक को सिंक में फ्लश कर दें और फिर कटोरी में दूसरा नमक भर कर रख दें।
इस उपाय से बाथरूम से जुड़े वास्तु दोष खत्म होते हैं। कोई भी बाथरूम हो, उसकी टॉयलेट सीट हमेशा बंद रखनी चाहिए, क्योंकि इससे नेगेटिव एनर्जी निकलती है, इससे आर्थिक नुकसान होता है।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
क्रोध से बचने के उपाय :
एकांत में आर्तभाव से व सच्चे ह्रदय से भगवान से प्रार्थना कीजिये कि ‘हे प्रभो ! मुझे क्रोध से बचाइये |’
जिस पर क्रोध आ जाय उससे बड़ी नम्रता से, सच्चाई के साथ क्षमा माँग लीजिये |
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
बढ़ता है माइग्रेन का दर्द: हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो खट्टे फल या ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है। खट्टे फलों में टायरामाइन होता है जिससे सिर दर्द हो सकता है। इसी वजह से माइग्रेन से पीड़ित लोग इसका सेवन करने से बचें।
हड्डियां होती हैं कमजोर: नींबू धीरे धीरे जोड़ों से तेल को अवशोषित करता है जिससे आगे चलकर हड्डियों से संबंधित समस्या हो सकती है। इसी वजह से नींबू का ज्यादा इस्तेमाल करने से परहेज करना चाहिए।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार जीवन का सबसे बड़ा सुख चार चीजों में छिपा है, इन्हें जिसने अपना लिया उसका घर स्वर्ग के समान बन जाता है. तो आइए जानें कौन से है वे सुखी जीवन के रहस्य-
🗣️ श्लोक-
क्षान्ति तुल्यं तपो नास्ति सन्तोषान्न सुखं परम् ।
नास्ति तृष्णा समो व्याधिः न च धर्मो दयापरः ॥
आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार किसी भी व्यक्ति के जीवन में कई तरह की मुसीबतें आती हैं, जिस कारण व्यक्ति अपने चारों ओर केवल परेशानी दिखती है। ऐसे में चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को हमेशा शांति से हर समस्या का समाधान करना चाहिए। और शांति से बड़ा कोई तप नहीं होता। परंतु वर्तमान समय में लोगों के पास हर तरह भौतिक सुख तो है लेकिन मन की शांति नहीं है। जो हर एक व्यक्ति के जीवन में बड़ी से बड़ी समस्या का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि जिस व्यक्ति का मन अशांत होता है वो तमाम सुविधाएं होने पर भी अपने जीवन खुश नहीं हो पाता है। अतः मन को शांत रखना बेहद आवश्यक है और इसके लिए जरूरी है मन को नियंत्रित करना। कबीरदास जी द्वारा कहा गया है कि केवल हाथ में माला फेरने या कीर्तन करने से नहीं बल्कि एकाग्र मन से प्रभु की पाया जा सकता है।
हमारे कहने के अनुसार मनुष्य जीवन में संतुष्टि मानव का सबसे बड़ा धन और शक्ति मानी गई है। ऐसा कहा जाता है कि एक सफल जीवन की तुलना में एक संतुष्ट जीवन अधिक श्रेष्ठ है, क्योंकि सफलता का आंकलन सदैव दूसरों के द्वारा किया जाता है परंतु संतुष्टि हमेशा स्वयं के मन और मस्तिष्त से अनुभव की जाती है। हमारे कहने के अनुसार संतुष्टि के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपनी इंद्रियों पर काबू व नियंत्रण पाना अधिक जरूरी है।
आचार्य श्री गोपी राम की नीति के उपरोक्त श्लोक के अनुसार तृष्णा उस बीमारी की तरह है जिसका समय पर इलाज न किया जाए तो तो वो जीवनभर आपको परेशान करती है। ठीक उसी तरह किसी भी चीज़ की तृष्णा या किसी चीज़ को पाने की अधिक लालसा व्यक्ति को हमेशा गलत मार्ग पर ले जाती है, जिससे न केवल उस व्यक्ति का सारा सुख-चैन छिन जाता है बल्कि जीवन तहस-नहस हो जाता है। हम कहते हैं कि लालच में व्यक्ति के सोचने की क्षमता क्षीण हो जाती है, जिस कारण वो बर्बाद हो जाता है।
इन सबके अतिरिक्त दया की भावना मनुष्य को हमेशा कुशल बनाती है। इतना ही नहीं दया का भाव इंसान को अनिष्ट करने से रोकता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसे व्यक्ति पाप के भागी नहीं बनते,न ही उनके मन वगुण की भावना उत्पन्न होती है।
——–li.☆शुभ.प्रभात☆.li——-
⚜️ दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।
दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।

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