पॉलिटेक्निक महाविद्यालय प्राचार्य की मनमानी और अवैधानिक कार्यो के विरुद्ध ABVP ने कलेक्ट्रेट में धरना देकर ज्ञापन दिया
रायसेन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिला संयोजक शुभम उपाध्याय कर नेतृत्व में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा की जा रही अनियमितताओं और मनमाने ढंग से कार्य किये जाने के विरोध में कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरना दिया एवं कलेक्टर अरविंद दुवे को ज्ञापन सौपा।ज्ञापन में कलेक्टर से आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।
दिए ज्ञापन में कहा गया है कि पॉलिटेक्निक महाविधालय में प्राचार्य की मनमानी कार्यप्रणाली के कारण महाविद्यालय में कई अनियमित्तातएं सामने आई है। महाविद्यालय में फिजिक्स , केमिस्ट्री , ITC (इंट्रोडक्शन तो कम्प्यूटर्स ) जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों के विषयों के व्याख्याता नहीं है। रेगुलर स्टाफ न होने पर नियमानुसार प्राचार्य को इन विषयों के अतिथि व्यख्याताओं कि नियुक्ति करनी चाहिए। परन्तु प्राचार्य द्वारा अपने कुछ ख़ास लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए इन पदों के विरुद्ध कोई भी नियुक्ति नहीं कि गयी है तथा ये विषय उन व्याख्याताओं से पढवाये जा रहे है जो नियमानुसार इन्हे पढ़ने कि योग्यता नहीं रखते।
महाविद्यालय के पठन पाठन में में विश्वविद्यालय द्वारा घोषित समय सारिणी का भी पालन नहीं होता है। ज्ञात हुआ है कि इस वर्ष की प्रथम आंतरिक परीक्षा जो की विश्वविद्यालय के समय सारिणी के अनुसारण 20-25 सितम्बर में कराई जानी चाहिए वह 22 से 29 अक्टूबर में करवाई गयी तथा दूसरी आंतरिक परीक्षा जो की 25-30 अक्टूबर को करवाई जानी थी वह 8-11 नवंबर को करवाई गयी। इस तरह तीन हफ़्तों में दो परीक्षाएं करवा कर सिर्फ कागज़ी मूल्यांकन किया गया है तथा दोनों परिक्षाएँ तीन हफ़्तों के बीच होने के कारण इस अवधि में छात्रों का पठान पठन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
महाविद्यालय में कई व्याख्याता अपनी क्लासेज नहीं लेते तथा अधिकतर क्लॉसेस खाली जाती है। प्राचार्य द्वारा खुद भी जो विषय पढ़ाये जाते है उनकी कोई क्लास वे नहीं लेते।
छात्रों से यह भी ज्ञात हुआ है की प्राचार्य द्वारा मनमाने ढंग से उनसे कोरोना माहमारी के दौरान भी 1000 रूपये तक लेट फीस ली गयी है। जैसा की विदित है कि पॉलिटेक्निक में आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्र आते है तथा कोरोना काल में सभी लोग आर्थिक संकट से गुज़र रहे थे उस समय इस तरह से लेट फीस लिया जाना उचित नहीं था।
उपरोक्त सभी समस्याओं के कारण पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के छात्र बहुत परेशान है तथा प्राचार्य कि मनमानी रवैये का प्रतिकूल प्रभाव उनके भविष्य पर पद रहा है साथ ही साथ जिले की छवि भी खराब हो रही है।