एसडीएम कोर्ट में अर्जुन राय द्वारा झूठा शपथ पत्र पेश किया, क्लीनिक में इलाज जारी
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान
उमरिया पान। ढीमरखेड़ा क्षेत्र में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल फैलता जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन मूकदर्शक बनके देख रहा है। अनेकों बार समाचार पत्र के माध्यम से उमरिया पान स्थित फर्जी तरीके से संचालित चांदसी दवाखाना का शीर्षक समाचार बड़ी प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया जा रहा है । लेकिन जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। पिछले दिनों एसडीएम ढीमरखेड़ा सपना त्रिपाठी के निर्देश पर गठित टीम द्वारा छापामार कार्यवाही कर क्लीनिक सील कर दिया गया था और इस मामले में एसडीएम ने नोटिस जारी कर क्लीनिक संचालन के मामले में स्पष्टीकरण तलब किया था। नोटिस मिलने के बाद अर्जुन राय द्वारा नोटिस का जवाब लिखित शपथ पत्र में दिया गया था कि उसके द्वारा उक्त नोटिस में बताया गया कि मैंने कभी भी उक्त क्लीनिक का संचालन नहीं किया गया और नाही भविष्य में दोबारा मेरे द्वारा क्लीनिक का संचालन नहीं किया जाएगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्लीनिक का संचालन क्यों किया जाता है ? लोगों द्वारा बताया गया कि जब अर्जुन राय द्वारा ढीमरखेड़ा कोर्ट में यह स्पष्टीकरण दिया गया था कि क्लीनिक का संचालक नहीं किया जाता तब सवाल यह उठ रहा है? यदि इस संचालक के पास डिग्रियां होती उसी वक्त यह डिग्री क्यों नहीं पेश की गई । आखिर कौन सा अधिकारी इस फर्जी झोलाछाप डॉक्टर को क्लीनचिट किसने दिया। इसके द्वारा गंभीर से गंभीर मरीजों का बकायदा इलाज किया जाता है। विगत दिवस एक महिला गंभीर हालत में इस झोलाछाप डॉक्टर के यहां पहुंची वहां पर चिकित्सा से जुड़ी कोई भी व्यवस्था नहीं थी उसके बाद भी झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा अपने घर की सीढ़ी के नीच ब्रेन्च में लिटाया और गंभीर महिला को बॉटल चढ़ाई अगर इसी तरह से लोगों का इलाज करता रहेगा तो एक न एक दिन किसी को अपनी जान के साथ हाथ धोना पड़ेगा। लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि आखिर क्यों इस फर्जी क्लीनिक पर जिला प्रशासन के द्वारा एवं स्थानीय प्रशासन के द्वारा एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा ?