शाम होते ही मयखाना बन जाता है पंचायत भवन, खाम्हा ग्राम पंचायत भवन में उग आई झाडिय़ा
सरपंच-रोजगार सहायक को मतलब नहीं
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत खाम्हा का पंचायत भवन जंगल में तब्दील हो गया है उसे देखकर यह लगता ही नहीं है कि यह पंचायत भवन है लेकिन यहां की सरपंच रज्जी बाई लोधी और रोजगार सहायक रामसिंह राजपूत को कोई मतलब नहीं है और उन्हें सब ठीक दिखता है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामवासियों के द्वारा संवाददाता को बताया गया कि सरपंच और रोजगार सहायक की संगामित्ती के कारण पात्र व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है और शासन की हर योजनाओं में अपना-पराया देखा जाता है। नाम न छापने की छर्त पर खाम्हा ग्राम पंचायत के ग्राम वासियों ने बताया कि बहुत से ऐसे लोग है जो कभी भी मजदूरी करने नहीं जाते है लेकिन उन लोगों को मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है जिससे यह स्पष्ट है कि सरपंच और रोजगार सहायक द्वारा मनमर्जी करते हुये और नियमों को ताक पर रखकर शासन की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। पंचायत भवन के आसपास देखकर ऐसा लगता ही नहीं है कि यहां पर पंचायत है चूंकि पंचायत के चारों तरफ झाडिय़ा उग आई है और शाम होते ही उक्त स्थान मयखाना में तब्दील हो जाता है। वहीं सवाल यह उठता है कि पंचायत भवन के पास जब खुलेआम दारूखोरी हो रही है तो सरपंच और रोजगार सहायक के कानों में जूं क्यों नहीं रेंगती। क्या इन लोगों की मौन सहमति से ही उक्त पंचायत भवन को शाम होते ही मयखाना बना दिया जाता है?
शौचालय का गड्डा छोड़ दिया खुला
खाम्हा ग्राम पंचायत भवन के बाजू से लगकर एक शौचालय का निर्माण किया गया है था जहां पर शौचालय जर्जर अवस्था में पहुंच गया है और गिरने की कगार पर है । शौचालय के बाजू से निर्मित उक्त शौचालय के लिये बनाये गये गड्डे को खोदकर दुर्घटना के लिये खुला छोड़ दिया गया है जिससे किसी भी दिन अप्रिय घटना कारित हो सकती है इसके बाद भी सरपंच और रोजगार सहायक अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है और किसी अप्रिय दुर्घटना के इंतजार में बैठे है।
चिन्ह-चिन्हकर दे रहे योजनाओं का लाभ
ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि सरपंच रज्जी बाई लोधी और रोजगार सहायक राम सिंह राजपूत के द्वारा प्रधानमंत्री आवास में भी मनमर्जी की जा रही है और पीएम आवास भी चिन्ह-चिन्हकर दिये जा रहे है। बताया जाता है कि कोई भी योजना हो सबसे पहले सरपंच के समर्थकों का ही काम किया जाता है बाकी जनता से इन लोगों को मतलब नहीं है। वहीं चर्चा तो इस बात की भी है कि गांव में कई ऐसे व्यक्तियों के गौ शैड का निर्माण करवा दिया गया है जिनके यहां पर एक भी पशु नहीं है। सरपंच और रोजगार सहायक द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये है ऐसे व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया है जो गौ शैड निर्माण के लिये पात्रता भी नहीं रखते है इसके बाद भी कमीशन के चक्कर में सरपंच और रोजगार सहायक द्वारा नियमों को ताक पर रखकर ऐसे व्यक्तियों को गौ शैड योजना का लाभ दिलवाया गया है जिसका खुलासा आगामी समय में मृगांचल एक्सप्रेस द्वारा किया जायेगा।