सिविल अस्पताल की सफाई व्यवस्था डगमगाई, वेतन से लेकर डॉ के पड़े लाले

कलेक्टर से लेकर सीएचएमओ तक जानकारी फ़िर भी बने अनजान – सिहोरा स्वास्थ्य सिविल अस्पताल का मामला बना गम्भीर
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर। जबलपुर जिले के ग्रामीण मुख्यालय में स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर डॉ, सफाई व्यवस्था सहित वेतन की समस्याएं से बारिश के दौरान मरीजों की परेशानी अधिक मात्रा में देखने को मिल रही हैं। आज हालात इतने जटिल और हैरान करने वाले हो गए हैं कि सिहोरा शासकीय सिविल अस्पताल में सफाई कर्मियों, आऊटसोर्स कमियों को तीन महीने से वेतन के लिए परेशान होना पड़ रहा हैं। और जिम्मेदार उच्च अधिकारी इस ओर कोई रुचि तक नहीं दिखा रहे हैं। जबकि जिले से लेकर मुख्यालय में पदस्थ अधिकारी को मालूम होने के बाद भी स्थित दैनिय खराब होती चली जा रहीं हैं।
सिहोरा स्वास्थ्य सिविल अस्पताल में जहां डॉ के स्थानांतरण होने से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ की परेशानी झेलना पड़ रही हैं। तो वहीं सफाई व्यवस्था कर्मचारी के तीन माह से अधिक समय बीत जाने पर अस्पताल परिसर की साफ – सफाई व्यवस्था न होने से गंदी में मरीज हैरान और परेशान हो रहे हैं। यहां तक कि झाड़ू पोछा तक बिना फिनायल के नहीं लग रहा हैं। जिससे एकत्रित कचरा गन्दगी से गंध मार रही हवा से अस्पताल जाने पर भी स्थानीय लोग कतरा रहे हैं।
जब इस और उच्च अधिकारी सीएचएमओ, अनुविभागीय अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने फोन तक उठाने की जरूरत नहीं समझी। क्या इन अधिकारी को केवल ऊंचे ऊंचे पद से मतलब हैं आम जनता सहित बीमार लोगों की कोई परवाह नहीं बनती है।
जटिल समस्या को लेकर खण्ड चिकित्सा ने किया पत्र व्यवहार – सिहोरा स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ साथ अन्य वेतन, साफ सफाई की समस्याएं से अवगत कराया गया लेकिन उसका अभी तक निराकरण नहीं कराया गया।



