राज के लिये अभिशाप बन गई अपंगता, नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
दर-दर भटकने मजबूर आदिवासी
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान।
उमरियापान। ग्राम पंचायत उमरियापान निवासी सुरेन्द्र कोल की 6 संताने है जिसमें से एक संतान राज कोल है जो पूरी तरह से अपंग है जिसका आज दिनांक तक न तो परिचय पत्र बना है और न ही आधार कार्ड। राज कोल के पिता सुरेन्द्र कोल ने बताया कि कई बार उमरियापान पंचायत, जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा सहित अन्य अधिकारियों को उक्त समस्या से अवगत कराया गया लेकिन सत्ता और कुर्सी के नशे में चूर जनप्रतिनिधियों और न ही अधिकारियों ने ध्यान दिया सिर्फ आश्वासन का ही झुनझुना पकड़ा दिया। सुरेन्द्र कोल ने बताया कि बच्चे का परिचय पत्र, आधार कार्ड नहीं होने के कारण उसे किसी भी तरह की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और न ही शासन द्वारा दी जाने वाली अपंगता पेंशन का लाभ दिया जा रहा है जहां भी जाओ वहां पहले परिचय पत्र, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज मांगते है। ये सभी दस्तावेज न होने से कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
सामग्र आईडी में 8 नाम, राशन मिल रहा है सिर्फ 7 का
राज कोल के पिता सुरेन्द्र कोल ने बताया कि मेरे परिवार में कुल 8 सदस्य है लेकिन पात्रता पर्ची में सिर्फ 7 ही नाम बता रहा है जिस कारण से सिर्फ 7 सदस्य का राशन मिल रहा है जबकि मेरे परिवार में 8 सदस्य है। सुरेन्द्र कोल ने बताया कि मैं मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता हूं लेकिन कोरोना बीमारी के कारण हालत बहुत ही खराब हो गई और अब तो यह स्थिति निर्मित हो गई है कि दो वक्त का खाना नसीब हो जाये तो बड़ी बात है। वहीं दूसरी ओर सुरेन्द्र कोल को अपने बच्चे राज कोल की चिंता हमेशा सताती रहती है क्योंकि वर्तमान समय में राज कोल 18 वर्ष का हो गया है लेकिन अपंगता होने के कारण किसी तरह का काम नहीं कर सकता इसलिये वह अपने पिता पर ही पूरी तरह से आश्रित है। सुरेन्द्र कोले ने बताया कि मुझे हमेशा यही चिंता लगी रहती है कि मेरे न रहने के बाद मेरे पुत्र का जीवन कैसे चलेगा क्योंकि शासन द्वारा उसे किसी तरह से कोई मदद नहीं दी जा रही है जबकि इस संबंध में सरपंच, जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों सहित वार्ड पंच को भी अवगत कराया गया लेकिन उनको कानों में जू तक नहीं रेगी। वहीं दूसरी ओर उच्च पदों पर बैठे अधिकारी जो शासन की विभिन्न योजनाओं का महिमा मंडन करते है उनके लिये यह खबर किसी तमाचे से कम नहीं है क्योंकि राज कोल बचपन से अपंग है और वर्तमान समय में उसकी आयु 18 वर्ष की हो चुकी है इसके बाद भी किसी तरह की कोई सरकारी सहायता प्राप्त न होना सरकारी तंत्र को दर्शाया हैं कि किस तरह से शासन के अधिकारी-कर्मचारी काम करते है। वहीं अपंग लोगों को शासन द्वारा हर महीना 500 रुपये पेंशन आर्थिक सहायत के रुप में दी जाती है साथ ही अन्य तरह के लाभ भी दिये जाते है। लेकिन राज कोल वंचित है। वहीं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा भी दिव्यांग, अपंग लोगों के लिये विभिन्न तरह की योजनाओं का संचालन किया जाता है लेकिन उन सभी योजनाओं की धरातल में क्या स्थिति है यह किसी से छिपा नहीं है इसके बाद भी मठाधीश बनकर बैठे शासन के स्थानीय अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं है। अतः कलेक्टर महोदय से सुरेंद्र कोल ने इस समाचार पत्र के माध्यम से मांग की है कि पुत्र अपंग है उसका आधार कार्ड एवं परिचय पत्र बन जाए जिससे अपंग को शासन के द्वारा चलाई जा रही योजनाएं का लाभ मिल सके।