मध्य प्रदेश

सड़क न होने से बारिश में घरों में कैद हो जाते हैं ग्रामीण, मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं

सड़क के लिए ग्रामीण करेंगे आंदोलन, जरूरत पड़ने पर चुनाव का करेंगे बहिष्कार
ग्रामीण कई बार कर चुके सड़क बनाने की मांग, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से गांव की हो रही उपेक्षा

सिलवानी। सड़क विकास का आइना होती है। जिस गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क ही बदहाल हो, उस गांव की डगर कितनी कठिन होगी। इसे आसानी से समझा जा सकता है। सड़क को देखकर गांव के विकास का खाका जेहन में उतर आता है। जब गड्ढे व पानी से लबालब सड़क से होकर मृगांचल एक्सप्रेस की टीम सिलवानी ब्लाक के भटपुरा गांव पहुंची। तस्वीर को कैमरे में कैद करने का काम शुरु हुआ, लोग समझ गए कि मीडिया वाले आए हैं। घरों से बाहर निकलकर उन्होंने आप बीती सुनाई।
एक ओर ग्रामीण अंचलों के मार्ग पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत गांवों में मुख्य मार्ग से जोड़ने सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, लेकिन सिलवानी तहसील का भटपुरा ग्राम आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित बना हुआ है।
यह ग्रामीण गांव में मूलभूत सुविधाओं को लेकर लंबे समय से जनप्रतिनिधि और अफसरों से गुहार लगा रहे है लेकिन अभी तक ग्रामीणों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है। जनप्रतिनिधि ग्रामीणों की मांगों को लेकर दरकिनार करने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण आने वाले पंचायत चुनावों से लेकर विधानसभा चुनाव तक आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो जरूरत पड़ने पर चुनावों का बहिष्कार भी करेंगे।
जब परिजन बीमार होते हैं, तब चारपाई पर लिटाकर जाते हैं अस्पताल
ग्रामीण राजकुमार, रामसागर, जावेद, विजय, विपिन कुमार ने बताया कि बारिश के दिनों में भारी परेशानियों का सामना करना पडता है। बारिश में यदि कोई बीमार हो जाए तो यहां से वाहन निकलना मुश्किल होता है। मजबूरन ग्रामीणों को खाट पर मरीज को लिटाकर मुख्यमार्ग तक चार पांच लोग लेकर आते हैं जिसके बाद यहां से किसी वाहन से अस्पताल तक लाया जाता है। जिसमें परेशानी होती है। ग्रामीण कई बार मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसडीएम, सीईओ व जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग कर चुके हैं।
बारिश में दलदल में तब्दील हो जाती है गांव जाने की सड़क
गांव का यह रास्ता कच्चा होने के कारण बारिश में दलदल में तब्दील हो जाता है। जिसके चलते घुटने-घुटने कीचड़ होने के साथ ही संपूर्ण सड़क पर पानी भर जाता है जिससे यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। दिन के समय भी यहां से सामान्य रूप से निकलना मुश्किल हो जाता है। गांव के ही सुरेश सिंह, विजय, सूरज आदि ने पक्की सड़क न होने से होने वाली परेशानी का जिक्र कर पक्की सड़क का निर्माण कराए जाने की मांग की।
घायल हो रहे ग्रामीण
कच्ची मिट्टी की सड़क पर बारिश के पानी के साथ बमूल के काटे सड़क पर आ जाते है जो ग्रामीणों के पैरों में चुभते है। आए दिन बाइक स्लिप होने पर ग्रामीण घायल होकर हास्पिटल पहुंच रहे है।
कुछ ही दूरी तक जाते है वाहन ग्रामीणों ने बताया कि दो पहिया वाहन भी मुश्किल से 200 से 400 मीटर की दूरी तक ही जाते है उसके बाद पैदल ही चलना पड़ता है। बोर्ड पर नहीं है पूरी जानकारी अंकित मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण एजेंसी द्वारा भटपुरा रोड से एसएच-15 संपर्क ग्राम योजना सड़क की लंबाई 3.01 है। ठेकेदार द्वारा न ही सड़क की लागत राशि लिखी गई है और न ही स्वीकृति दिनांक अंकित की गई। यहां तक की लगाए गए बोर्ड पर निर्माण एजेंसी का नाम तक नहीं दर्शाया गया।
इनका कहना है…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते है कि मैंने गांव-गांव सड़क बना दी और हमारे यहां की सड़क देखो। मरीजों को खाट पर लिटाकर घुटने-घुटने कीचड़ में तीन किलोमीटर पैदल चलकर सांईखेड़ा जोड़ तक आना पडता है। बच्चे कोचिंग नहीें जा पाते है, यदि कोई रात में ग्रामीण बीमार हो जाता है पूरे गांव के लोग एकत्रित होकर कंघों पर लेकर उपचार कराने लाना पडता है।
सुरेश रघुवंशी, ग्रामीण भटपुरा
सांईखेड़ा से भटपुरा तक का रोड ग्रेवल मार्ग करीब चार साल पूर्व बनाया गया था, सिलवानी के अधिकारियों को यह मालूम नहीं है कि सिलवानी विकासखं डमें भटपुरा गांव कहा है। सिर्फ एक भटपुरा ग्राम ही ऐसा है जिसे गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं है। कई बार बच्चों को लाने में बच्चे गिरकर घायल हो जाते है। पूर्व में सीएम हेल्पलाइन 181 पर कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया।
विनोद कुमार रावत, ग्रामीण भटपुरा
इस संबंध में संजय नागवंशी, तहसीलदार सिलवानी का कहना है कि सांईखेड़ा से भटपुरा पहुंच मार्ग अति वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है, यह सड़क आरइएस विभाग के द्वारा बनाई गई थी, यह सही है कि ग्रामीणों आना जाना प्रभावित हुआ होगा। अति इमरजेंसी सेवाएं अस्पताल, स्कूल तथा सिलवानी आने जाने में परेशानी हो रही है, इसलिए मैंने तत्काल जिला सीईओ व एसडीओ आरईएस को पत्र लिखकर चूंकि सड़क आरइएस द्वारा बनाई गई थी। कार्य करने की जिम्मेदारी भी आरइएस विभाग की है, शीघ्र ही आरइएस विभाग के द्वारा सड़क को लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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