बसो की आठ दिनो से चल रही हडताल से बीमारो को इलाज हेतु बाहर ले जाना हुआ मुश्किल

तीर्थ यात्रियो की यात्रा, बाराते हुई बाधित
रिपोर्टर : कुंदनलाल चौरसिया
गौरझामर । बसो की सातवे दिन भी हडताल समाप्त नही होने व इसके लम्बा खिचने से प्रतीक्षारत उन बीमार लोगो की मुश्किलें बढ गई है जो आकस्मिक इलाज व रूटीन चैक हेतु बसो के माध्यम से नागपुर छिदवाडा जबलपुर इन्दौर भोपाल आदि दूरस्थ स्थानो की बडी अस्पतालो मे इलाज के लिये जाने को तैयार बैठे हुए है हडताल से अन्य लोगो के रोजमर्रा के दैनिक कामकाज पर भी बुरा असर पड रहा है व्यापार व्यवसाय प्रभावित होने से मंहगाई आसमान छूने लगी है सब्जी व अन्य खाद्य पदार्थो के दाम काफी बढ गये है, नया सत्र शुरु होने से कालेज व स्कूली छात्र छात्राओ की नवीन प्रवेशी पढाई पर भी हडताल का असर देखा जा रहा है , इस माह शादी विवाह के सीमित मुहूर्त तथा इसमे वैवाहिक आखिर भावर भडरिया नमे के आखिरी सीजन की तैयारियां ,वर वधु के चयन,पारिवारिक देखा परखी, दस्तूर, लग्नोत्सव, फलदानोत्सव, विवाह आदि के महत्वपूर्ण प्रसंग जिनमे मेहमानो नाते रिश्तेदारो मित्रो स्नेही जनो की उपस्थिति के बिना इनका सम्पन्न होना सम्भव नही होता है ऐसे मे परिजनो के आगमन मे हडताल एक नासूर बन गई है बस हडताल का एक सप्ताह से ज्यादा का समय लोगो की मुश्किलें ही बढाता जा रहा है शासन प्रशासन मे बैठे विवेकी जन इस समस्या का समाधान जनहित मे शीघतिशीघ खोजे जिससे लोगो के बस हडताल के कारण अवरुध्द महत्वपूर्ण कार्य समय सीमा मे पूरे हो सके।