मध्य प्रदेश

एक साल में बिजली का दो बार मेंटेनेंस, फिर भी हवा आंधी बारिश की बौछारों में होती है लाइट व्यवस्था ठप्प

टहनियां करती हैं बार-बार ट्रिपिंग, अधिकारी बोले गिलहरी और बन्दरों के झुंड से तारों के आपस में टकराने से हो रहा नुकसान
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। मप्र मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी लाखों रुपये का बजट खर्च कर एक साल में दो बार बिजली का मेन्टेन्स कराया जाता है। बारिश होने के पूर्व और बारिश के बाद बिजली कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी व लाइनमेनों का अमला बिजली की लगातार मरम्मत करता है। रायसेन शहर में बरसातआते ही नगर की सारी जरा सी आंधी हवाओं के झोंके से नगर की सारी बिजली सिस्टम फेल हो जाता है। बिजली व्यवस्था खराब हो जाने से रात के वक्त जब तब शहर में ब्लैक आउट हो जाता है। जिले में मई महीने के बाद जून माह में बिजली मेन्टेन्स के लिए बिजली कंपनी के आला अफसरों ने बिजली सुधार के लिए विशेष मरम्मत अभियान चलाया गया। इसके बाद भी शहर के कई इलाकों में बिजली सिस्टम फेल पड़ा हुआ है। यहां लाइट मरम्मत कराए जाने कंपनी के दफ्तर में शिकायतों के आवेदनों का अंबार लगा हुआ है।अधिकारी तार टूटने, जंफर फेल होने का बहाना गिलहरियों बन्दरों की चहलकदमी का बहाना बनाकर इसे टाल रहे हैं।
बिजली कंपनी द्वारा लाइन बन्द करने संबंधी विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराया जाता है। लेकिन फिर भी बिजली उपभोक्ताओं, आम जनता को बिजली की बार बार ट्रिपिंग की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। लोगों का यह भी कहना है कि प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के सांची विस क्षेत्र में आता है। जिला मुख्यालय रायसेन पर बिजली सिस्टम हर साल लाखों करोड़ों रुपयों का बजट खर्च करने के बावजूद भी बिजली के मामले सारा सिस्टम फेल है।
बिजली मेंटेनेंस में लाखों फूंके ,नहीं सुधरे हालात….
रायसेन शहर में साल में दो बार बिजली के मेन्टेन्स में बिजली कंपनी के अधिकारियों द्वारा लाखों रुपये का बजट खर्च करने के बावजूद हालात में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है। बिजली तारों के ऊपर पेड़ों की शाखाएं झूलती हुई नजर आ रही हैं।जिनकी अभी तक छंटनी नहीं की गई है। वहीं शहर में जगह जगह खुले पड़े ट्रांसफार्मरों से बाहर झांकते हुए तार से बारिश में करंट का खतरा हरदम बना रह सकता है। जबकि जिला मुख्यालय पर 15 जून से मानसून की जोरदार दस्तक दे दी है। टेढ़े मेढे बिजली पोल और कीचड़ भरे रास्तों पर खुली पड़ी डीपियाँ किसी जानलेवा खतरे से कम साबित नहीं होगी। टेड़े मेढ़े बिजली पोल बिजली मेन्टेन्स की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। बिजली कंपनी के जिले के बिजली अफसरों का कहना है कि बारिश पूर्व बिजली मेन्टेन्स का कार्य जिलेभर में पूर्ण कर लिया गया है।
रिसीव नहीं होते अफसरों के मोबाइल फोन
शहर में अगर हवा आंधी बारिश में बिजली गुल अचानक हो जाए तो दोबारा से बिजली सप्लाई कराने उपभोक्ताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। बिजली कंपनी के शहर, ग्रामीण क्षेत्रों के इंजीनियर लाइनमेन हेल्परों का अमला मोबाइल फोन रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। उपभोक्तओं के मोबाइल फोन बार बार घनघनाने के बावजूद भी रिसीव नहीं किए जा रहे हैं।
स्ट्रीट लाइट के भी बुरेहाल
शहर की बिजली व्यवस्था के साथ साथ नगरपालिका की नगर की स्ट्रीट लाइट की बिजली व्यवस्था भी भगवान भरोसे चल रही है। जैसी ही हवा आंधी व बारिश शुरू होती है। लाइट सिस्टम फेल हो जाता है। वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में शिकायतों के बाद भी सुधार कार्य समय पर नहीं हो पाती है।प्री-मानसून की बारिश आंधी से ग्रामीण क्षेत्र महू पथरई सुंड सालेरा रोड पर हवा तेज आंधी के कारण बिजली टेलीफोन पोल रोड किनारे धराशाही हो गए थे। ग्रामीणजनों की शिकायतों के बाद भी 3 से 4 दिनों तक बिजली और टेलीफोन के खंबों को दोबारा से खड़े नहीं कराए गए थे।जिससे ग्रामीणों पर हरदम जान का खतरा बना रहता था।
पेड़ की टहनियां करती है ट्रिपिंग
रायसेन शहर में बिजली की बार बार ट्रिपिंग की समस्या बन रही है।अधिकांश जगहों पर बिजली के ट्रिपिंग की समस्या पेड़ की टहनियों से हो रही है। जिला मुख्यालय पर पहले भी एकाध बार मेंटेनेंस कराया गया था।लेकिन मेंटेनेंस अभियान केदौरान एक दफे भी पेड़ों की टहनियों की छंटनी नहीं की गई। नतीजा परेशानी भरा सामने है।
इस संबंध में राजेश दुशाद उप महाप्रबंधक रायसेन का कहना है कि कार्यालय में बिजली की 234 शिकायतों के आवेदन लंबित है। इन लाइट की लंबित मामलों को एक के बाद एक हल कराई जाएगी। चिंता की कोई बात नहीं है।

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