चित्रा स्वाति नक्षत्र के संयोग: राजयोग के शुभ मुहूर्त में हुई एक दन्त विनायक विघ्न हर्ता की स्थापना
घर घर पूजे गए गिरजनन्दन गणेश लगाया मोदक भोग पंडालों में विराजे गणनायक गूंजे गणपति बप्पा मोरया के जयकारे
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। भगवान रिद्धि सिद्धि के दाता गजानन का जन्म भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को स्वाति नक्षत्र में हुआ था। शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में घर घर और बनाए गए झांकियों के आकर्षक पंडालों में विघ्नहर्ता भगवान लंबोदर की विधिवत पूजा अर्चना कर मोदक भोग लगाकर की गई। इस दौरान भगवान गणेश के खासतौर पर बच्चों में उत्साह का माहौल रहा। बाजारों में पूजन सामग्री फूल मालाओं सहित गणेश प्रतिमाओं को भक्तों ने जमकर खरीदी की।
कोरोना काल के बावजूद रहेगी गणेशोत्सव की धूम…..
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बावजूद भक्तों में दस दिवसीय गणेशोत्सव की काफी धूम मची रहेगी।गणेश झांकी पांडालों में गिरजानन्दन भगवान गणेश की पूजन आराधना वंदना होगी। शुक्रवार से जैन समाज के पर्वराज पर्यूषण की भी शुरुआत हुई।धर्म आस्था की बयार एक साथ शुरुआत हुई। रायसेन शहर के सुप्रसिद्ध गणेश मंदिरों में भी कई धार्मिक अनुष्ठान हुए। धर्मशास्त्री पण्डित ओमप्रकाश शुक्ला, पण्डित मुकेश भार्गव पं. राममोहन चतुर्वेदी ने बताया कि गणेश चतुर्थी शुक्रवार को चित्रा व स्वाति महायोग एक साथ बना। राजयोग के शुभ योग में भगवान गणनायक की मिट्टी से बनीं मूर्तियों की स्थापना घर दुकानों झांकी पांडालों में पूरे विधि विधान से की गई।