मध्य प्रदेश

हाईबीम हेड लाइट- रोजाना हो रहे सड़क हादसे, बुझ चुके हैं कई घरों के चिराग

बड़ी विसंगति : मोटर व्हीकल एक्ट में नियम जरूर बने पर इसके तहत कार्यवाही कभी नहीं की, हेड लाइटों की चकाचौंध बन रही एक्सीडेंट का कारण
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन।
भागमभाग की इस जिंदगी में वक़्त के साथ बड़े व लग्जरी वाहनों में हाईबीम हेड लाइटों का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। वैसे तो नियमानुसार इसका उपयोग ज्यादा घुप अंधेरे व विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए। लेकिन यह नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय सहित आसपास के कस्बों तहसीलों में पिछले 3 से 4 महीनों में ढाई दर्जन से ज्यादा सड़क हादसे हुए।जिसमें हाई बीम हेड लाइट की चकाचौंध सड़क एक्सीडेंट की मुख्य वजह बनीं।
दरअसल जांच पड़ताल में यह बात सामने आई कि हाई बीम हेड लाइट जलाने वाले वाहन चालक अचानक सामने से आने वाले वाहनों को डिपर नहीं देते। ऐसे में स्थिति यह बनती है कि छोटे व आदर्श साइज के लाइट वाले वाहन चालकों को चकाचौंध की वजह से दिखना बन्द हो जाता है। इसी विसंगति की वजह से हुए सड़क हादसों में अभी तक कई घरों के और इकलौते चिराग हमेशा के लिए बुझ चुके हैं। इस मामले में रेस्टोरेंट संचालक रमेश बाबू यादव, दीपक राठौर, हनुमन्त सिंह राजपुरोहित का कहना है कि ज्यादातर सड़क एक्सीडेंट अपर डिपर बड़े वाहन चालकों के नहीं जलाने से हुए हैं।जबकि ट्रैफिक पुलिस और जिला परिवहन विभाग के जिम्मेदार आला अफसरों द्वारा वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए समय समय पर शिविर लगाकर जानकारी व समझाइश देते रहना चाहिए।
10 से 60 सेकेंड तक विजन जीरो
परिवहन विभाग के एक एक्सपर्ट के अनुसार हाई बीम लाइट की वजह से कुछ इस तरह का प्रभाव पड़ता है कि चकाचौंध वाहन चालकों की आंखों के सामने 10 से 60 सेकेंड तक उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता है।
विजन या दृष्टि इन हालातों में एकदम जीरो हो जाती है। ऐसा महसूस वाहन चालकों को महसूस होता है कि किसी ने उनकी दोनों आंखों में धूल झोंक दी हो। अगर वाहन चालकों की आंखों में कुछ दिखाई न दे और वह चकाचौंध के बीच वाहन ड्राइव करेंगे तो सड़क एक्सीडेंट होना स्वाभाविक ही है।
ड्राइविंग लाइसेंस तक हो सकता है रद्द….
हाई बीम हेड लाइट के गलत इस्तेमाल से पहले ₹ 500 रू तक जुर्माना हो सकता है।

  • दूसरी बार में ₹ 1500 रुपये तक है जुर्माना का प्रावधान।
  • तीसरी बार में जिला परिवहन विभाग वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर सकता है।
    कई सरकारों ने उठाए थे कदम…
    देश की उत्तराखण्ड सरकार ने हाई बीम हेड लाइट पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के आदेश पर वाहनों की कार्यवाही की गई। और अब इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसी तरह भारत देश के कई राज्यों की सरकारों ने बढ़ते सड़क हादसों की वजह से इसके उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।आरटीओ प्रभारी रीतेश तिवारी ने बताया कि जो निर्धारित नियम है हम उनका पूरी कड़ाई से पालन कराते हैं।यदि नियमों को तोड़ा जाता है तो हम वाहन चालकों पर जुर्माना की कार्रवाई कराते हैं।
    हाई बीम को लेकर क्या है प्रावधान
    हाई बीम हेड लाइट इस्तेमाल के नियम निर्धारित है।जहां पर घुप अंधेरा हो जहां कुछ दिखाई नहीं दे। तो वहां उपयोग हो। साथ ही किसी भी तरह का ट्रैफिक नहीं होने पर। स्ट्रीट लाइट बंद है तो शहर के अंदर इसका इस्तेमाल हो सकता है। बारिश, अंधे मोड़ ट्रैफिक सिग्नल, कोहरे के वक्त इसका इस्तेमाल किसी भी तरह से नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन धड़ल्ले से किया जा रहा है।

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