मध्य प्रदेश

मनरेगा में मशीनरी से हो रहा काम, किसी गांव में नहीं लिया जा मजदूरों से काम, एक दिन मजदूरों को बुलाकर करा रहे फोटो सेशन

मनरेगा की हकीकत, स्थानीय मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, मशीनों से कराया जा रहा निर्माण
मृगांचल एक्सप्रेस टीम की जीरो ग्राउंड रिपोर्ट।

सिलवानी। लॉकडाउन के बीच कई मजदूर जो तहसील से पलायन करके दूसरे जगह अपना जीवन बसर कर रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण वे सभी तहसील में वापस आ गए हैं और करीब दो माह से लगे लॉकडाउन से स्थानीय मजदूरों को भी कोई काम नहीं बचा है। ऐसे में सरकार ने मनरेगा के तहत कामों को शुरू किया। दरअसल यह काम इसलिए शुरू किए गए थे, ताकि परेशान हो रहे मजदूरों को काम मिल सके और गांव का विकास हो, लेकिन वर्तमान में पंचायतों में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। इस भीषण गर्मी के बीच मजदूर मिल नहीं रहे है या फिर मिल भी रहे तो उन्हें काम नहीं दिया जा रहा। क्योंकि जो काम मस्टर पर चलाए जा रहे है वह काम या तो पहले ही हो चुके है या फिर मशीनों के माध्यम से रात में कराया जा रहा है। हालांकि इस व्यवस्था से ग्रामीण इसलिए परेशान नहीं है क्योंकि उन्हें बगैर मजदूरी के ही कुछ पैसा खातों में मिल जाएगा। पर वह मजदूर पंचायत प्रतिनिधियों के संपर्क वाले लोग है। लेकिन कुछ मजदूर ऐेसे भी है जो आर्थिक रूप से ज्यादा परेशान है और उन्हें काम नहीं दिया जा रहा। मृगांचल एक्सप्रेस टीम द्वारा तहसील भर में कराए गए सर्वे के अनुसार किसी भी पंचायत में मजदूर काम करते हुए नहीं दिख रहे। लेकिन हर जगह मस्टर मजदूरों के नाम से भरे जा रहे है। बेगवा कलां से लेकर चंदनपिपरिया, चिंगबाड़ा कलां और सांईखेड़ा से लेकर बम्हौरी तक हमने सभी पंचायतों में संपर्क कर यह पता लगाया। ग्राम पंचायत में काम हो रहा है जनपद की कुछ पंचायतों में ही प्रधानमंत्री आवास में मजदूर काम करते हुए नजर आए, लेकिन अब यह भी नहीं दिख रहे है। जबकि अन्य पंचायतों में बाहर से भी जो मजदूर वापस लौटे हैं उन्हें भी रोजगार की आस है। सवाल यह है कि जिन्हें जरूरत है पैसों की मस्टर पर उनके नाम चलाए जा रहे हैं या फिर सरपंच, सचिव से जुड़े हुए लोगों को यह रोजगार दिया जा रहा है। पंचायतों में जांच होती है, तो एक बड़ा खुलासा होगा और मजदूरों के हक पर डाका डालने वालों के विरूद्ध कार्यवाही हो सकेगी।
सरकारी आंकड़ेबाजी
जनपद पंचायत सिलवानी की सभी 67 ग्राम पंचायतों में चार हजार के लगभग मजदूर काम कर रहे हैं। लेकिन कहीं भी मजदूर नजर नहीं आना यह अधिकारियों की मॉनीटरिंग पर भी सवाल खड़े करते है कि आखिर यह सब उनकी जानकारी के बगैर हो रहा या फिर बे भी सांठगांठ में लिप्त है।
इनका कहना है…
मनरेगा ऐसी योजना है जिसमें फर्जी मस्टर भरो सील लगाओ बैंक से पैसे निकालो मशीन चलाओ यही मनरेगा है।
कैलाश, ग्रामीण ग्राम चीकली
आपके माध्यम से जानकारी मिली है अगर किसी ग्राम पंचायत में मषीनों से कार्य कराया जा रहा है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
सुशील गोयल, प्रभारी एसडीओ मनरेगा, जनपद पंचायत सिलवानी

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