मध्य प्रदेश

अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा उमरियापान का झंडाचौक स्तंभ

वर्षों पहले स्थापित किया गया था स्तंभ, देखरेख के अभाव में हुआ जर्जर
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान
उमरियापान ।
कटनी जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत उमरियापान केे हदय स्थल झंडा चौक में वर्षों पहले झंडा चौक स्तंभ का निर्माण स्थानीय नागरिक शंभू चौरसिया, सोनेलाल चौरसिया, श्री शर्मा के द्वारा करवाया गया था। उक्त स्तंभ के पहले यहां पर वर्ष 1986 में चबूतरे का निर्माण करवाया गया है और तभी से यहां पर झंडा वंदन का कार्यक्रम होता रहा है। बताया जाता है कि उक्त निर्माण होने के बाद ही इस स्थान का नाम झंडा चौक पड़ा था।
स्मरण रहे कि झंडा चौक का यह स्थान उमरियापान की एक एतिहासिक धरोहर के रूप में भी देखा जा सकता है लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों या अधिकारियों की इच्छा शक्ति के कारण उक्त स्तंभ जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। इस संबंध में स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इस एतिहासिक स्तंभ की मरम्मत के लिये कई बार संबंधितों से गुहार लगाई गई लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनीं और इसी का कारण है कि उक्त स्तंभ अब जर्जर हो गया है। उमरियापान के बुजुर्ग बताते है कि वर्ष 1947 के करीब इस स्तंभ का निर्माण करवाया गया था। यहां पर हर 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को तिरंगा भी फहराया जाता है। उक्त स्तंभ उमरियापान का हदय स्थल के रूप में माना जाता है और इसी स्तंभ के पास से ही ढीमरखेड़ा, स्लीमनाबाद, सिहोरा के लिये आना जाना होता है। संवाददाता ने बताया कि इसी स्तंभ के पास से होकर सभी जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय अधिकारी गुजरते है लेकिन इनकी नजरें कभी भी उक्त जर्जर स्तंभ पर नहीं पड़ती है। लिहाजा उक्त स्तंभ के पुर्ननिर्माण में ज्यादा राशि भी खर्च नहीं होनी है। इस संबंध में यदि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रयास किये जाते है तो निश्चित ही उक्त एतिहासिक धरोहर को बचाया जा सकता है। नहीं तो आने वाले समय में किसी भी दिन उक्त एतिहासिक स्तंभ का अंत हो सकता है।

Related Articles

Back to top button