नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं कमलनाथ, मीडिया कर्मियों के सवाल पर दिया यह जवाब
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। जब कमलनाथ से सवाल किया गया वह नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। जिस पर उन्होंने बड़ा बयान दिया है।
मध्य प्रदेश में उपचुनाव के नतीजों को के बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस में भी संगठन स्तर पर बड़े बदलाव हो सकते हैं. क्योंकि हाल ही में पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात हुई है।इस बीच खबर यह भी सामने आई थी कि कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। ऐसे में जब इस मुद्दे पर कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने बड़ा बयान दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष पर सब कुछ निर्भर : कमलनाथ
दरअसल, जब सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मीडिया के लोगों ने इस मुद्दे पर सवाल किया। वह नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। जिसका जवाब कमलनाथ ने देते हुए कहा कि ”ये तो कांग्रेस अध्यक्ष पर निर्भर है में तो कह चुका हूं। कांग्रेस अध्यक्ष जो भी निर्णय लेगी उसका पालन किया जाएगा। मैंने उनको कह दिया है वह सबकुछ करने के लिए तैयार है। लेकिन वह मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे।
कमलनाथ ने कहा कि वह कही नहीं जा रहे हैं मध्य प्रदेश में ही है और यही राजनीति करेंगे। हालांकि उन्होंने दो में से कोई एक पद छोड़ने को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और सबकुछ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया.
मुद्दों से भाग रही है सरकार …..
वहीं दिसंबर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर कमलनाथ ने कहा कि ”यह सरकार तो विधानसभा की चर्चा से भागना चाहती है।ये आज सामना नहीं कर पाएंगे, प्रदेश में बहुत मुद्दे हैं, जिस पर सरकार को विपक्ष सदन में घेरेगा, महंगाई, कृषि, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से आज हर वर्ग परेशान है. इन सब मुद्दों के लिए शीतकालीन सत्र बहुत छोटा है।
वहीं पंचायत चुनावों का परिसीमन और आरक्षण निरस्त करने के सरकार के फैसले पर कमलनाथ ने कहा कि यह सरकार ”किसी न किसी तरह बीजेपी के बचाव का तरीका और उपाय ढूंढ रहे हैं इसको निरस्त करो उसको निरस्त करो। ताकि पंचायत चुनाव में सफलता मिले पर इस बार इन्हें सफलता नहीं मिलेगी. दरअसल, सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज थी कि कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं. लेकिन उन्होंने पूरा मामला कांग्रेस आलाकमान के जिम्मे छोड़ दिया है।