मध्य प्रदेश

लॉकडाउन है, जादुई बाजार बंद है लेकिन… हर चीज मिल जाएगी, लोगो को महामारी की चिंता नही

लापरवाही : फैसला आपका है कि जरूरत महामारी से बचने की तुलना में कितनी जरूरी है।
प्रशासन अलर्ट है, लगातार कार्यवाही के बाद नही कुछ लोग नही मान रहे।

सिलवानी। मैं बाजार हूं, सिलवानी का बाजार। कोरोना संक्रमण से में भी अछूता नहीं, तहसील के सैकड़ों लोगों सहित मेरे भी कई व्यापारी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ चुके हैं। शासन-प्रशासन ने कई प्रतिबंध लगाकर कोरोना कफर्यू के नाम से मेरी दुकानों में ताले जड़े रहने का फरमान जारी कर दिया। लेकिन बाजार न तो कभी डरता है, न थकता है और न रुकता है। मेरे चंद व्यापारियों को छोड़कर सब अपने व्यापार में लगे हैं। मुसीबत तो उन छोटों की है जो फड़ पर खुले में दुकानें लगाकर अपने परिवार के लिए दिन भर में 100-200 रुपए कमाते थे, यह सही है कि ऐसे अनेक छोटों के घरों में खाने के भी लाले पड़े हैं। प्रतिबंध हैं, लेकिन बाजार में सब मिल रहा है, जेवर, कपड़े, जूते, राशन से लेकर चाय, समोसे, गुटखा और शराब तक सब मिलेगा, दुकानें बंद हैं तो क्या हुआ ? आप बाजार में दुकान के सामने खड़े हो जाइए, दुकानों के बाहर बैठे व्यापारियों के कर्मचारी से कहिए आपको क्या चाहिए ? या बाहर शटर पर बड़े बड़े अंकों में लिखा मोबाइल नंबर डायल कीजिए, आपको चुपके से दुकान में पहुंचाकर सारी खरीदी करा दी जाएगी। आप भी खुश, व्यापारी भी खुश। इन दिनों यही है बाजार का सच…।
चाय नाश्ता भी ऑनलाइन
यूं तो नगर की चाय नाश्ते की दुकान बंद है लेकिन कुछ दुकानदार हाईटेक हो गए हैं। बस आपको उनके मोबाइल नम्बर पर फोन करना है। गर्म-गर्म नास्ता हाजिर हो जाएगा। यह क्रम लगातार चल रहा है। हुकमरानों को इसकी जानकारी है लेकिन किसी को भी वायरस को निमंत्रण देते ये ऑनलाइन समोसे कचोरी दिखाई नहीं दे रहे हैं। गुटखा भी ऐसे ही आइटम में शामिल है।
गली-मोहल्लां में शराब भी खूब उपलब्ध
यह दूसरी बार हुआ है जब प्रशासन ने कोरोना कफर्यू में शराब दुकानें भी बंद रखने के आदेश देकर सबके साथ समान व्यवहार किया है। लेकिन फिर भी शराब तो लोगों को चाहिए। वे तो इसके आदी हैं। मिल जाएगी। दुकानों पर नहीं, गलियों-मोहल्लों में मिलेगी। दो गुना दाम पर मिलेगी। निकल जाइए बेगवां, जमुनिया, सांईखेड़ा, प्रतापगढ़, जैथारी, देवरी मढ़िया चिचौली सहित नगर के कई वार्डों में हर जगह उपलब्ध है।
प्रशासन द्वारा जुर्माने, दुकानें सील लेकिन वे नहीं मानते
कोरोना काल में संक्रमण रोकने की मंशा से बाजार बंद कराना शासन- प्रशासन की मजबूरी है। कार्यपालक मजिस्ट्रेट और पुलिस की कार्यवाही शासन के आदेश का पालन कराने की मजबूरी है। बड़े व्यापारी को अपना रोज का हजार-लाखों के धंधे के बंद होने की चिंता है। छोटे व्यापारी के सामने अपने परिवार का पेट पालने की मजबूरी है। और हम सबकी भी तो मजबूरी है कि बाजार के बिना कैसे चलेगा हमारा घर, हमारा काम। यही बाजार है, सबकी मजबूरियों और जरूरतों से चलता है ये बिना डरे, बिना थके, बिना रुके। फैसला आपका है कि आपकी मजबूरी या जरूरत महामारी से बचने की तुलना में कितनी जरूरी है।
यह जादुई बाजार है जनाब….. शेरवानी, सूट, साड़ी, जूते भी मिलेंगे:
पूरे नगर में जिस दुकान से आप आमतौर पर सामान खरीदते हो, वहां अब भी सामान मिलेगा। हां, चुनिंदा दुकानें पूरी तरह बंद हैं तो हैं। लेकिन फिर भी अधिकांश दुकानों से शेरवानी, शादी समारोह का सामान, सूट, साड़ी, जूते, सोने-चांदी के जेवर, श्रृंगार सामग्री, यहां तक की घरों की पुताई में लगने वाला वार्निशपेंट, सीमेंट, लोहा, भी यहां आसानी से उपलब्ध है। इसके लिए परेशान न हों, दुकान के बाहर खड़े हो जाएं, बस आपसे पूछ लिया जाएगा कि क्या चाहिए। जरूरत हुई तो यहां-वहां देखकर शटर थोड़ी खोलकर आपको अंदर कर लेंगे अन्यथा बाहर ही चुपके से आपका सामान लाकर दे दिया जाएगा। कई दुकानों में पिछले दरवाजे से 5-10 ग्राहकों को एक साथ अंदर भरकर ग्राहकी का काम भी खूब हो रहा है। हां, इक्का-दुक्का पकड़े जाते हैं तो जुर्माना भी हो जाता है, लेकिन इससे क्या होता है। जुर्माना हुआ, दे दिया, व्यापार फिर चालू है।
इस सम्बंध में अनुविभागीय दंडाधिकारी संघमित्रा बौद्ध का कहना है प्रशासन द्वारा व्यापारियों, नागरिको से अपील के साथ जुर्माना, दुकान सील , एफआईआर जैसी कार्यवाही की गई है। प्रशासन को कही से शिकायत मिलने पर तत्काल ही कार्यवाही की जाती है। प्रशासन द्वारा हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। नगर सहित सभी ग्रामो में एलाउंस के माध्यम से प्रशासन के नियमो की जानकारी एवं जन जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है। नागरिकों को भी अपने लिये जागरूक होना पड़ेगा।
रिपोर्टर : शुभम साहू, सिलवानी।

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