मध्य प्रदेश

नई शिक्षा नीति:प्लेसमेंट सेल नहीं, कैंपस सिलेक्शन जीरो, अब सर्टिफिकेट कोर्स से भी छूटा मोह

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन।
बरकत उल्लाह यूनिवर्सिटी भोपाल के अधीन सरकारी सहित प्रायवेट कालेजों में पिछले साल 25 व्यावसायिक कोर्स थे।इस साल 25 और शुरू होंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के कॉलेजों में पिछले वर्ष से 25 रोजगार उन्मूलक कोर्स शुरू किए गए हैं,।वहीं इस सत्र में 25 कोर्स और बढ़ाने की योजना है। लेकिन क्या कोर्स बढ़ाने से विद्यार्थियों को रोजगार मिलेगा। इस सवाल का जवाब जानने के लिए मृगांचल एक्सप्रेस टीम ने गर्ल्स एक्सीलेंस कॉलेज और आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में विद्यार्थियों के कैंपस सिलेक्शन को लेकर पूछताछ की।
      यह सामने आया कि कॉलेजों में प्लेसमेंट सेल ही नहीं है। सालों से चल रही स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना से विद्यार्थी को रोजगार पाने का ज्ञान तो दिया जाता है। लेकिन रोजगार दिलाने का प्रयास नहीं होता। पिछले पांच साल की बात करें तो दो साल कोविड के चलते कॉलेजों में करियर मेला तक आयोजित नहीं हुआ।इसके बाद 2022 में करियर मेला लगाकर बैंक की नौकरी कैसे हासिल करें ।यह भी बताया, लेकिन कभी किसी प्राइवेट कंपनी से बात कर छात्राओं को रोजगार दिलाने का प्रयास नहीं हुआ। गर्ल्स कॉलेज रायसेन में फैशन डिजाइनिंग से लेकर मिट्टी के बर्तन बनाने करीब 18 प्रकार की ट्रेनिंग दी गई, ।लेकिन इस ट्रेनिंग से छात्राओं को कोई लाभ नहीं मिला। यही हाल आर्ट्स एंड कॉमर्स, शासकीय स्वामी विवेकानंद डिग्री महाविद्यालय और जिले के अन्य कॉलेजों का भी है। नतीजतन अब विद्यार्थी रोजगार उन्मूलक कोर्स में रूचि ही नहीं दिखा रहे। पिछले वर्ष कई सर्टिफिकेट कोर्स में तो दाखिले तक नहीं हुए।
आखिर बाहर जाने तैयार नहीं होते विद्यार्थी….
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. जीएस रोहित का कहना है कि हम विद्यार्थियों को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित रोजगार अवसर मेले में भेजते हैं, लेकिन विद्यार्थी होम सिकनेस के चलते बाहर की कंपनियों में नौकरी करने ही तैयार नहीं होते। इसलिए रोजगार उन्मूलक कोर्स शुरू हुए हैं।

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