रालामंडल में एक महीने में शुरू होगी नाइट सफारी उमरीखेड़ा में इको-टूरिज्म और एडवेंचर पार्क बनाने के लिए 30 जून को तीन मंत्री और प्रमुख सचिव भ्रमण करेंगे
भोपाल। जल-संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के आव्हान पर बुधवार को मंत्रालय में वन मंत्री कुँवर विजय शाह और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने संयुक्त बैठक की और इंदौर में रालामंडल अभ्यारण के विकास के साथ उमरीखेड़ा में एडवेंचर पार्क एवं ट्रेकिंग ट्रेक के संबंध में चर्चा हुई।
जल-संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा की उमरीखेड़ा में इको-टूरिज्म पार्क बनाने के लिए कार्य-योजना बनाने के लिए निर्देश दिए है। इसके लिए तीनों मंत्री तुलसी सिलावट, कुंवर विजय शाह और सुश्री उषा ठाकुर के साथ प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल भी 30 जून को इंदौर उमरीखेड़ा क्षेत्र और रालामंडल का भ्रमण करेंगे।
मंत्री सिलावट ने बताया की रालामंडल अभ्यारण में नियमानुसार सारी व्यवस्थाएँ बनाई जाएगी। इसके लिए भी सीसीएफ और डीएफओ को विस्तृत कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही रालामंडल अभ्यारण में तितली पार्क और फूड जोन बनाने को भी कार्य-योजना में सम्मिलित करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए है।
वन मंत्री कुंवर शाह ने कहा की इंदौर में इको-टूरिज्म में अनेक संभावनाएँ है। इसके लिए वन विभाग भी काम कर रहा है। उमरीखेड़ा में इको-टूरिज्म की संभावना को देखते हुए 30 जून को क्षेत्र का भ्रमण किया जाएगा और स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ वन्य जीव जंतुओं , लग्जरी टेंट में रुकने की व्यवस्थाएँ और एडवेंचर पार्क के साथ पैदल और साइकिल ट्रेक की संभावनाओं के संबंध में भी विचार किया जाएगा। इसके लिए पीपी मोड में काम के लिए भी विचार किया जाएगा, जिससे इंदौर व्यवसायिक राजधानी होने के साथ इको टूरिज्म क्षेत्र में भी पहचाना बना सके।
पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने बैठक में कहा की रालामंडल अभ्यारण में नाइट सफारी से इंदौर के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ेगा। इसके साथ ही महू क्षेत्र में भी पर्यटन की असीम संभावना है इसके लिए भीं जल्दी ही क्षेत्र का भ्रमण कर कार्य-योजना बनाई जायेगी। उमरीखेड़ा के साथ सिमरोल क्षेत्र को भीं जोड़ने से विस्तृत कार्य-योजना बनाने से इंदौर में पर्यटन का बेहतर सर्किट बन जाएगा।
प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल ने कहा की जिला स्तर से प्रस्ताव आते ही रालामंडल में नाइट सफारी को अनुमति दे दी जाएगी। रालामंडल में छूट हुए क्षेत्र में 15 फिट की जाली लगाई जाएगी। रहवासी क्षेत्रों में जंगली जानवरों को आने से रोकने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। 30 जून तक रालामंडल और उमरीखेड़ा विकास के लिए कार्य-योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गये।