मध्य प्रदेशराजनीति
अब पार्षद ही चुनेंगे अध्यक्ष और महापौर को, नेताओं में बैचेनी

भोपाल। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव कोरोना संक्रमण और ग्वालियर हाईकोर्ट के आरक्षण के फैसले के चलते फिलहाल बढ़ गए है। इसी बीच प्रदेश की शिवराज सरकार ने महापौर एवं अध्यक्षों के पद का चुनाव सीधे जनता से कराने की बजाय पार्षदों से कराने का निर्णय लिया है।
शासन ने सीधे चुनाव कराने सम्बन्धी विधेयक को वापिस ले लिया है। यह जानकारी नगरीय प्रशासन मन्त्री भूपेंद्र सिंह ने आज साग़र में मीडिया से अनोपचारिक चर्चा में दी। पिछली कमलनाथ सरकार ने जनता की बजाय पार्षद के जरिये चुनाव कराना तय किया था। सरकार बदलने के बाद भाजपा सीधे चुनाव कराने के पक्ष में नही थी। लेकिन अब भाजपा सरकार भी पार्षदों में से ही महापौर और नगर पालिका, नगर परिषदों के अध्यक्षो चुनाव कराएगी। अब इनके दावेदारों को वार्ड पार्षद का चुनाव जीतना अनिवार्य रहेगा।