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कोरोना कॉफ़ी से प्रदेश की आय में हर दिन 111 करोड़ का नुकसान

भोपाल । कोरोना कर्फ्यू सेे प्रदेश में 60 हजार करोड़ के कारोबार का नुकसान हुआ। जीएसटी के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश में जीएसटी से होने वाली आय, अप्रैल में (मार्च के कारोबार से) 2022 करोड़ थी, जो मई में 1100 करोड़ रह गई।
मध्यप्रदेश की अन्य टैक्स से होने वाली कुल आय मार्च में 5839 करोड़ थी, जो अप्रैल में 2456 व मई में 2293 करोड़ रह गई। मई में 3546 करोड़ (हर दिन औसत 111 करोड़) का नुकसान हुआ। पूर्व नोडल अधिकारी सुदीप गुप्ता के अनुसार, अभी 50 प्रतिशत आय घटी है, जुलाई में जो आंकड़े आएंगे वे और कम हो सकते हैं।
संक्रमण से जीएसटी कलेक्शन में कमी
देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते सरकार के जीएसटी कलेक्शन में कमी आई है। इसकी बड़ी वजह पूरे महीने अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन का रहना है। हालांकि मई में भी सरकार की जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर है। सरकार का ग्रॉस जीएसटी संग्रह मई 2021 में 1,02,709 करोड़ रुपए रहा। इसमें केन्द्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 17,592 करोड़ रुपए, राज्यों का जीएसटी संग्रह 22,653 करोड़ रुपए और इंटीग्रेटेड जीएसटी संग्रह 53,199 करोड़ रुपए रहा। इस बार मई के जीएसटी कलेक्शन में 4 जून तक को शामिल किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि टैक्स देने वालों को राहत दी गई थी । और साथ ही मई के लिए 15 दिन की रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। मई महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.02 लाख करोड़ रुपए रहा है। अप्रैल महीने में यह 1.41 लाख करोड़ रुपए था। जब से जीएसटी लागू हुआ है। यानि जुलाई 2017 से, तब से अप्रैल का कलेक्शन सबसे ज्यादा रहा है। लगातार 8 वे महीने इसका कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है।
लॉकडाउन से गिरा कलेक्शन
देश में कोरोना की दूसरी लहर इस समय कई राज्यों में तेजी पर है। खासकर उन राज्यों में जहां से जीएसटी कलेक्शन ज्यादा आता है। इसमें महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु आदि राज्य हैं। पर इन तमाम मुश्किलों के बावजूद जीएसटी कलेक्शन से यह पता चल रहा है कि देश में बिजनेस की गतिविधियां तेजी पर है। इनकम टैक्स रिटर्न में भी इसी तरह की तेजी पिछले वित्त वर्ष में दिखी थी। मई 2020 से तुलना करें तो इस साल मई का कलेक्शन 65 पर्सेंट ज्यादा है। मंत्रालय ने बताया कि मई महीने में 15,014 करोड़ रुपए सीजीएसटी के तहत सेटल किया गया जबकि 11,653 करोड़ रुपए एसजीएसटी के तहत सेटल किया गया। मंत्रालय का अनुमान है कि मई महीने का कलेक्शन और ज्यादा हो सकता है क्योंकि 5 करोड़ रुपए से कम कारोबार वाले टैक्स भरने वालों को पहली जुलाई तक का समय दिया गया है। इसके लिए कोई ब्याज नहीं लगेगा। 5 करोड़ से ऊपर वालों को 4 जून तक टैक्स भरना था।

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