मध्य प्रदेश

सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, एक हाथ से अवैध कार्य, दूसरे हाथ से जनहित प्रचार : अविरल अमिताभ जैन

रिपोर्टर : मनीष यादव
टीकमगढ़ । हिंदी का प्रसिद्ध मुहावरा टीकमगढ़ के तथाकथित नेताओं पर चरितार्थ होती है। टीकमगढ़ जिले के लिए खुशी की बात है कि टीकमगढ़ कलेक्टर और नगर पालिका टीकमगढ़ को एक लाख से कम जनसंख्या वाले निकायों में जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम में उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोतिय के आने के बाद से टीकमगढ़ जिले में जो बदलाव दिखे है वे सराहनीय है। चाहे वे पुरातात्विक धरोहर को सहेजने में हो या भगवान की जमीन को भगवान के नाम करने में और फिर जल गंगा संवर्धन अभियान की उत्कृष्टता तो है ही। जल श्रोतों को पुनर्जीवन देने में जो तत्परता से काम हुआ है वह केवल कलेक्टर विवेक श्रोतिय की दृणइच्छा शक्ति का ही परिणाम है। लेकिन अभी किसी निर्णय ने माफियों की नींद उड़ाई हुई है तो वो है कि कुछ समय अवधि के लिए बिना अनुमति के रजिस्ट्री होने पर रोक लगाना। हाल ही में नगरपालिका और राजस्व विभाग के द्वारा अवैध कॉलोनाइजर की सूची जारी की गई है। कलेक्टर और प्रशासन के द्वारा की जा रही कार्यवाही से स्पष्ट है कि अब संभवतः अवैध कॉलोनाइजर पर भी कठोर कार्यवाही हो सकती है। लेकिन इस अवैध कॉलोनाइजर की सूची ने टीकमगढ़ नगर के तथाकथित नेताओं की नियत को जनता के सामने उजागर कर दिया है। टीकमगढ़ नगर के कुछ तथाकथित नेता अपने आप को जनता के हित का संरक्षक समझते है लेकिन वास्तव में राजनीति तो केवल उनके द्वारा किए जा रहे अवैध कॉलोनाइजर के कारनामों को प्रशासन के प्रकोप से बचाए रखने के लिए है। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग सभी माननीय नेताओं के द्वारा अवैध कॉलोनी काटी जा रही है जिसमें पूर्व विधायक, नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष, सांसद प्रतिनिधि की पत्नी आदि माननीय है। एक तरफ तो ये माननीय नेता अपने आप को जनता के हित को रखने वाले बताते है लेकिन दूसरी तरफ जनता को ही अवैध कॉलोनाइजर बनकर लूटने में लगे हुए है। माननीय नेताओं के खास कार्यकर्ता प्रश्न कर सकते है कि अवैध कॉलोनाइजर से क्या होता है नेता जी जमीन खरीदकर ही तो बेच रहे है गलत क्या किया है? अवैध कॉलोनाइजर होने में गलत ये है कि जिन सुविधाओं को दिखा कर अपनी जमीनों को बेचा जा रहा है उन सुविधाओं के अभाव में कॉलोनी में प्लॉट बेचना जनता के साथ धोखा है साथ ही साथ जो कॉलोनी बनाने के लिए सरकार को टैक्स देना पड़ता है उससे बचने के लिए अवैध रूप से प्लॉट बेचने से ही अवैध कॉलोनाइजर बनते है। तो इस प्रकार न केवल जनता को धोखा देते है साथ ही राष्ट्र के राजस्व का नुकसान भी करते है। और यही तथाकथित नेता अपने आप को जनता के अधिकारों का सबसे बड़ा संरक्षक बताते है। ये बिल्कुल वैसा है कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। एक हाथ से अवैध कार्य करके दूसरे हाथ से जन हित के मुद्दों का प्रचार करते रहो। मैं अक्सर सोचा करता था कि जनता तो खून पसीना एक करके पैसा कमाती है फिर ये माननीय नेता जी क्या करते पैसा कमाने के लिए, अपना घर चलाने के लिए की इनके पास इतना समय होता है और आसानी से ऐसी बाली गाड़ियों से घूमते है। इसका पर्दाफाश अवैध कॉलोनाइजर की सूची ने कर दिया है। एक अवैध प्लॉट बेचने पर लाखों का लाभ होता है फिर पैसे कमाने के लिए खून पसीना बहाने की क्या आवश्यकता है। अवैध कॉलोनाइजर नेताजी को ध्यान रखना चाहिए कि जनता सब देख रही है। जनता हिसाब लेना भी जानती है। अवैध रूप से कमाया धन कभी भी फलित नहीं होता है ये बात माननीय नेता जी क्यों भूल जाते है।

Related Articles

Back to top button