कचनारी खरीदी केंद्र में खरीदी प्रभारी कोई और खरीदी कर रहा कोई और

नियमो को ताक में रखकर की जा रही खरीदी
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान | कचनारी खरीदी केंद्र में किसानों के साथ कमीशन का खेल खेला जा रहा है । खरीदी प्रभारी जयकुमार यादव हैं लेकिन बिचौलिए कर रहे खरीदी। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव का सक्त निर्देश हैं कि अगर कोई भी केंद्र में बिचौलिया पाया जाता हैं तो उसके विरूद्ध एफआईआर की जानी चाहिए वहीं कचनारी खरीदी केंद्र में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाकर खरीदी में हिस्सा ले रहा हैं। अधिकारियो की आंखों में धूल झोंकने का कार्य पुरुषोत्तम बर्मन के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से किसान प्रताड़ित हो रहा है। उपार्जन केंद्र में किसानों के साथ कमीशन का खेल खेला जा रहा है, जबकि साहूकारों की खराब गुणवत्ता वाली धान आसानी से खरीदी जा रही है। अधिकारियों एवं खरीदी प्रभारी जयकुमार यादव के संरक्षण में पुरुषोत्तम बर्मन द्वारा किसानों के साथ धांधली और कमीशनखोरी का खेल केंद्र की साख पर सवाल खड़े कर रहा है। कचनारी खरीदी केंद्र पर कमीशनखोरी का खेल खुलेआम जारी है। इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र पर किसानों की मेहनत की उपज का सही मूल्यांकन करने के बजाय, साहूकारों और अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार का गठजोड़ है। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए कई दिनों तक लाइन में लगना पड़ता है, लेकिन साहूकारों की खराब गुणवत्ता वाली धान तुरंत खरीदी जा रही है । केंद्र पर हड़प्पा मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा है, जो कि धान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इससे यह संकेत मिलता है कि खराब धान को भी खरीदी में शामिल किया जा रहा है, गौरतलब हैं कि किसानों के लिए निर्धारित मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिससे किसानों का शोषण हो रहा है । खरीदी प्रभारी जयकुमार यादव और अधिकारी की मिलीभगत ने खरीदी केंद्र को किसानों के लिए उत्पीड़न स्थल बना दिया है । पुरुषोत्तम बर्मन जो पहले भी अनियमितताओं के कारण हटाए जा चुके हैं, अब भी केंद्र पर सक्रिय हैं। उनके खराब आचरण और अनैतिक कार्यशैली की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। किसानों के साथ दुर्व्यवहार और उनकी उपज को नकारने का सिलसिला जारी है। जबकि साहूकारों की खराब गुणवत्ता वाली धान को आसानी से खरीदी में शामिल कर लिया जाता है । फूड इंस्पेक्टर ब्रजेश जाटव द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण में लापरवाही बरती जा रही है। खरीदी केंद्र की उच्च स्तरीय जांच की होना चाहिए जिससे यह पता लगाया जा सके कि धान खरीदी प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार के पीछे कौन-कौन से लोग जिम्मेदार हैं।
*हर जगह किसान परेशान सुनने वाला कोई नहीं*
धान बेचने आए किसानों की समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। साहूकारों के लिए विशेष सुविधाएँ और प्राथमिकता प्रदान की जा रही है, किसानों की अच्छी गुणवत्ता वाली धान को भी खराब बताकर अस्वीकार किया जा रहा है। कई दिनों तक लाइन में खड़े रहने के बावजूद, किसानों की उपज की खरीदी में देरी की जाती है। खरीदी केंद्र पर कोई ऐसा अधिकारी मौजूद नहीं है जो किसानों की समस्याओं को सुने या उनके समाधान के लिए उचित कदम उठाए। वहीं तौल नियमो को ताक में रखकर 41,260 की हों रही हैं इसमें उच्च अधिकारियों को अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए।
*चंद नोटों के कारण अधिकारी नतमस्तक*
साहूकारों और भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ ने खरीदी केंद्र पर किसानों की स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। साहूकारों की खराब गुणवत्ता वाली धान को तौला जा रहा है, साहूकारों की उपज को प्राथमिकता देने से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र पर पैसों के दम पर धान की गुणवत्ता का निर्धारण किया जा रहा है ।
*हड़प्पा मशीन बनी नमूना साहूकारों के कमीशन से संचालित हो रहा केंद्र*
धान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हड़प्पा मशीन का उपयोग अनिवार्य है l लेकिन कचनारी खरीदी केंद्र पर इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है । जिससे यह पता चलता हैं कि खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। बिना हड़प्पा मशीन के, खराब गुणवत्ता की धान भी खरीदी जा रही है, जिससे सरकारी नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव से किसानों ने लगाई गुहार
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कचनारी खरीदी केंद्र पर किसानों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने एवं कार्रवाई की जानी चाहिए । खरीदीं प्रभारी जयकुमार यादव, पुरुषोत्तम बर्मन के ऊपर ध्यान आकर्षित करके जांच के आदेश देना चाहिए और एफआईआर दर्ज करानी चाहिए ताकि बिचौलियां पुरुषोत्तम बर्मन से किसान लूट के शिकार न हों सके, स्मरण रहे कि कचनारी खरीदी केंद्र में किसान परेशान हों रहा हैं लिहाज़ा अन्नदाता, जो हमारे देश की रीढ़ है, केंद्र पर पारदर्शिता, ईमानदारी और किसानों के प्रति संवेदनशीलता लाने के लिए प्रशासन को कठोर कदम उठाने चाहिए। किसानों ने कलेक्टर दिलीप कुमार यादव से कचनारी खरीदी केंद्र की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।