कृषिपर्यावरणमध्य प्रदेश

रात्रि में अचानक काले बादलों की खेप ने बरसाई पानी की बूंदें, किसानों की बढ़ी चिंताएं

कई जिलों में हो सकती हैं तेज गरज के साथ बारिश
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर। मध्य प्रदेश में रविवार की रात से ही मौसम में काले काले बादलों ने गरज चमक के साथ ही कई जगहों में बूंदाबांदी हो रही थीं। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। रविवार की रात्रि 8 बजे से जबलपुर, सिहोरा, कटनी, बहोरीबंद में रुक रुक कर रात्रि 1 बजे के दौरान पानी की तेज बूंदें गिर रहीं थी।
मौसम विभाग से आइए जानते हैं कि अगले दो दिनों तक प्रदेश का मौसम कैसा रहेगा ?
मौसम के बदलते ही शनिवार की रात्रि से ही प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। बिना मौसम के इस बरसात होने से अब किसानों की चिंता बढ़ गई है। देखा जाएं तो अगले दो दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं।
खेतों में लगीं हुई फसल से किसानों के चेहरों पर दिखी चिंता – पश्चिमी हवाओं से प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट बदली है शनिवार एवं रविवार की रात से ही बूंदाबांदी हो रही है । इधर देवास में रविवार की सुबह 5 बजे से हो रही बूंदाबांदी के कारण मौसम में बदलाव आने से किसान के चेहरे पर चिंता झलक रहीं हैं। देखा जाएं तो इन किसानों की गेहूं और चने की फसले कुछ कट कर खेत में पड़ी हुई है। वहीं रविवार की सुबह 5 बजे से हो रही बूंदाबांदी से किसान परेशान हैं। अन्नदाता किसान ने बताया हैं कि बूंदाबांदी से फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। जो भी फसले खेत में कटी पड़ी है और खेत में तैयार फसल खड़ी है अगर बूंदाबांदी ज्यादा होती है तो बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। इन फसलों परिवार के लोग ही लगे हैं कटी हुई फसल को इकट्ठा करने में जुटे गए हैं।
अशोकनगर जिले में भी अचानक मौसम बदला है. देर रात से रुक रुककर हो रही रिमझिम बारिश से किसानों के खेतों में चना मसूर की फसलें कटी पड़ी हैं. अधिकांश फसल खेतों में पककर तैयार है। बारिश ज्यादा हो गई तो किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है ऐसे में किसान चिंतित हैं।
किसानों के पास सिर्फ 48 घंटे हैं ?
वैज्ञानिकों का कहना है कि 19 मार्च तक मध्य प्रदेश की ज्यादातर इलाकों में यह बादल दिखाई देने लगेंगे। बादलों की संख्या बहुत ज्यादा है और समुद्री इलाके से आने का क्रम निरंतर जारी है इसलिए पूर्वक यह नहीं कहा जा सकता है कि यह ओलावृष्टि, ओर बारिश कितने समय के लिए होगी। एक अनुमान है कि ऐसी स्थिति में कम से कम 2 से 4 दिन मौसम खराब रहता है। यह किसानों के लिए चिंता की बात है। उनके पास 48 घंटे हैं। सुरक्षा की जो भी प्रबंध कर सकते हैं कर लेना चाहिए।
जिन लोगों के मकान कच्चे हैं, उन्हें भी आंधी से बचाव के इंतजाम करने चाहिए। यह भी हो सकता है कि आसमान में कोई दूसरी दिशा से आने वाली हवाएं इन बादलों को रास्ता बदलने के लिए मजबूर कर दे परंतु ऐसी किसी कल्पना के चलते, चिंता मुक्त नहीं हुआ जा सकता है। अगले 10 दिन किसानों के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश के मौसम में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। नेपाल के रास्ते आए बादल पहले ग्वालियर सागर और भोपाल संभाग के आसमान पर दिखाई दे रहे थे। साथ ही इन 24 घंटे बाद सिंगरौली, रीवा, जबलपुर और दमोह तक के आसमान पर दिखाई दे रहे हैं। इधर अरब सागर के बादलों ने मध्य प्रदेश के आसमान में प्रवेश कर लिया है। इन बादलों में पानी भरा हुआ है। इनके कारण मध्य प्रदेश के कई इलाकों में ओलावृष्टि होगी। बादलों को लेकर आने वाली आंधी मध्यप्रदेश में नुकसान का कारण बनेगी और जमीन की गर्मी जब बादलों से टकराएगी तो बारिश होगी।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
नेपाल के रास्ते चोरी छुपे मध्य प्रदेश के आसमान में आए बादलों में ज्यादा दम नहीं था। ऐसे बदल हल्के होते हैं और हवा के साथ उड़ जाते हैं। इससे पहले अफगानिस्तान से पाकिस्तान और राजस्थान क्रॉस करते हुए मध्य प्रदेश के मुरैना में आए बादलों ने थोड़ी ही देर में ऐसी ओलावृष्टि की थी कि 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। अब अरब सागर से आए हुए बादल मध्य प्रदेश के आसमान में प्रवेश कर चुके हैं। यह चिंता की बात है क्योंकि भारत के बिल्कुल नजदीक समुद्र की गहराइयों से उठने वाले इन बादलों में जबरदस्त पानी होगा। तेज आंधी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह आंधी मध्य प्रदेश को नुकसान पहुंचाएगी। जब आसमान में बादलों की टक्कर होगी तो वज्रपात होगा। ओलावृष्टि होगी और बारिश भी होगी। पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश का तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा था। इसके कारण गर्म हवाएं जब इन बादलों से टकराएंगी तब भी बारिश के आसार होंगे।

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