मृतकों के परिजनों को प्रशासन ने की चार चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत
तालाब में डूबी परिवार की खुशियां : खदान गड्ढे में भरे लबालब पानी में नहाने गए भाई-बहन, डूबने लगे तो बड़ी बहन बचाने कूदी, तीनों की मौत
सिलवानी। तहसील के ग्राम बाड़ादेवरी निवासी राधेश्याम वंशकार के तीन संताने ( भाई-बहन) नहाते समय तालाब के गहरे पानी में डूब गए। जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए तीन मृतकों के परिजन को चार चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।
एसडीएम संघमित्रा बौद्ध ने बताया कि बाड़ादेवरी में शुक्रवार की दोपहर राधेश्याम वंशकार के तीन बच्चों की गड्ढे में भरे पानी में डूबने से मौत हो गई थी। ग्राम पटवारी रिपोर्ट, पंचनामा, प्रतिवेदन, मौका स्थल का नजरी नक्शा, थाने में दर्ज अप्राकृतिक मृत्यु के पंजीयन एवं बैंक खाता पासबुक पेश की गई। जिस पर आरबीसी 6-4 के तहत आर्थिक सहायता राशि चार- चार लाख रूपये स्वीकृत की गई है।
जानकी पुत्री राधेश्याम, विशाखा पुत्री राधेश्याम, विवेक पुत्र राधेश्याम निवासी कुँअरखेड़ी के वैध वारिसान राधेश्याम वंशकार पिता रामप्रसाद वंशकार को उक्त आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
ज्ञातव्य है कि शुक्रवार की दोपहर में मृतकों का पिता गांव से बाहर गया था और मां गांव में राशन की दुकान पर राशन लेने गई थी। इसी दौरान बच्चे तालाब में नहाने चले गए। जब मां वापस लौट कर आई तो उसे टपरे में बच्चे दिखाई नहीं दिए। वह बच्चों को तलाशते हुए तालाब घाट के पास पहुंची। वहां बच्चों के कपड़े और चप्पल दिखाई दी। बच्चों के कपड़े देखते ही मां बिलख पड़ी। उसकी चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग वहां आ गए। गांव के कुछ लोगों ने पानी से भरे गहरे तालाब से बच्चों के शव बाहर निकाल लाए।
जैथारी चौकी प्रभारी संतोष सिंह दांगी ने बताया कि सिलवानी तहसील के कुअरखेड़ी गांव के रहने वाले राधेश्याम बंशकार बाड़ा देवरी में रघुराज रघुवंशी के खेत की रखवाली करता है। यहां वह टपरिया बनाकर रहता है। राधेश्याम बंशकार सुबह काम करने कुंअरखेड़ी गांव गया था। घर पर उसकी पत्नी मनका बाई थी। दोपहर में वो भी राशन लेने गांव की राशन की दुकान चली गई। इस दौरान घर पर विशाखा 8 वर्ष, जानकी वर्ष और विवेक 4 वर्ष अकेले थे। दोपहर एक बजे के आसपास जानकी और विवेक खेत के पास तालाब नुमा गडढ़े में छिपकर नहाने चले गए। जब ये दोनों डूबने लगे तो विशाखा उन्हें बचाने के लिए पानी में कूद गई। इसी दौरान एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में तीनों बच्चे पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई ।
बदहवास हो गई थी मां…. पिता और पुलिस को जानकारी दी
बच्चों की मां ने घर पर देखा कोई नहीं मिला तो वो दौड़ कर घर के आसपास ढूंढने लगी। तभी वो ढूंढते हुए तालाब के पास पहुंची। जहां उसे बच्चों के कपड़े वहीं पास में पड़े दिखाई दिए। ये देखते ही मां पागल हो गई और चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर गांव वाले आ गए। उन्होंने तालाब में छलांग लगा दी और बच्चों को तालाब से बाहर निकाला। बच्चे मृत थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने फोन कर बच्चों के पिता को इसकी सूचना दी और पुलिस को मामले की जानकारी दी।
शव पीएम कराने भेजे….
तीनों शव पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिलवानी लाया गया । मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मामले में मर्ग कायम किया गया था।
दोषियों पर कार्यवाही कब —?
इस मामले में सड़क निर्माण कम्पनी द्वारा सड़क निर्माण के लिए अवैध रूप से गड्ढा खोदा गया था। प्रशासन से तत्काल सहानुभूति व्यक्त करते हुए परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान कर दी है । अब सवाल यह उठता है कि सड़क निर्माण कम्पनी की लापरवाही से घर के तीनों चिराग बुझ गए उस पर कब और क्या कार्यवाही होगी ?