मध्य प्रदेश

नेशनल लोक अदालत ने पति पत्नि को, बैंक तथा अन्य समझौतो से 150 प्रकरणों का निराकरण

लगभग 15 लाख रूपये का समझौता
सिलवानी।
प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा रायसेन ओंकारनाथ के मार्गदर्शन में न्यायालय सिलवानी में नेशनल लोक अदालत का आयोजन न्यायाधीश अतुल यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर शुभारंभ किया।
न्यायालय में प्रचलित प्रकरणों में उपस्थित पक्षकारों को समझाईश देकर लोक अदालत के फायदे एवं त्वरित व शीघ्र न्याय की जानकारी दी। न्यायाधीश अतुल यादव ने न्यायालय परिसर में विभिन्न विभागों व बैंकों के द्वारा लगाये गये केम्प में पहुंचकर संबंधित विभागों से जानकारी प्राप्त की तथा पक्षकारों को अधिक से अधिक लाभ देने एवं लोक अदालत के उद्देश्य को सफल बनाने के दिशा निर्देश प्रदान किये।
न्यायालय में प्रचलित प्रकरण विनीताबाई विरूद्ध मानसिंह में आवेदिका विनीताबाई अहिरवार निवासी मेढ़की ने अपने पति मानसिंह अहिरवार के विरूद्ध भरण पोषण का आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया था। तथा आवेदिका विगत 4-5 वर्षों से अपनी अल्प व्यस्क पुत्र अंकित सहित मायके में निवास कर रही थी।
न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित कर तथा अल्प व्यस्क संतान के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये समझाया गया, जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट होकर साथ रहने को राजी हुये। और लोक अदालत में राजीनामा प्रस्तुत कर खुशी -खुशी साथ साथ अपनी अल्प व्यस्क संतान के साथ अपने घर गये, आवेदिका की ओर से अधिवक्ता सुनील श्रीवास्तव, तथा अनावेदक की ओर से अधिवक्ता जी.एस. रघुवंशी उपस्थित रहे। इसी प्रकार न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में से 12 प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर किया गया।
भारतीय स्टेट बैंक सिलवानी शाखा प्रबंधक देवेन्द्र मालवीय, भारतीय स्टेट बैंक सियरमउ से वीरसिंह कांबुल, भारतीय स्टेट बैंक सिमरिया खुर्द से विनोदकुमार, तथा पंजाब नेशनल बैंक, सेन्टल बैंक ऑफ इंडिया, नगर परिषद, मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखाओं के प्रबंधक उपस्थित रहे। बैंक अधिवक्ता आलोक श्रीवास्तव, मनोज राजपूत, एस.एम. इमरान तथा अधिवक्ता गण एस.एम. लुकमान, संदीप जैन, दीपेश समैया, बी.एम. बैरागी, मनोज त्रिवेदी, आर.के. नेमा, के.के. नेमा, पूर्व अध्यक्ष एस.के. जैन, तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष षैलेन्द्र श्रीवास्तव उपस्थित रहे। विभिन्न प्रकरणों में लगभग 15 लाख रूप्ये की बसूली की गई।

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