मध्य प्रदेश

जानकारी पटल की स्याही सूख गई, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ

हेंडओवर करना था 29.3.2024 ढेड़ साल की देरी, अब लपेट रहे ।
दीवालें दरक रही बगैर सीमेंट के घोल के फर्श पर लग रही टाइल्स

रिपोर्टर : विनोद साहू
बाड़ी । मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवार व मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए जेएनयू की तर्ज पर सीएम राइज स्कूल की परिकल्पना की एक सीएम राइज स्कूल ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के दस स्कूलों को बंद किया गया लेकिन यह भवन भी सरकार की निगरानी न होने से भ्रष्टाचार का भवन बन गया।
दीवारों ने छोड़ी जगह ।
इस बार दो दिन की बारिश में सीएम राइज स्कूल की दीवारों में दो दो इंच की दरारें आ गई जिसकी जानकारी लोगों ने दी और पत्रकारों की टीम सीएम राइज स्कूल पहुंची वहां मौजूद कर्मचारियों ने रोकने की कोशिश की इससे लोगों की शिकायत पर मोहर लगी हमारी टीम ने पूरा कबरेंज किया। जगह जगह दीवारों पर थेगड़े लगाएं जा रहे थे फर्श पर टाइल्स बगैर सीमेंट के घोल के ही बिछाई जा रही थी । किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने फोन नहीं उठाया और न मौके पर कोई इंजीनियर मिला जो बताता कि यह किस तकनीकी से टाइल्स लगा रहे हैं ।
डॉ मोहन यादव सरकार ने नाम बदला तो लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया।
सीएम राइज स्कूल का नाम ऋषि संदीपनी के नाम पर रखा जो देखने पढ़ने में बहुत अच्छा लगता हैं लेकिन हकीकत अब बिल्कुल उल्टी नजर आ रही हैं ।
धरातल के निर्माण के समय ठेकेदार को इतनी जल्दी थी उसने दो जाल बिछाने की बजाय एक ही जाल बिछाया और सरिया में कंजूसी की जिसकी खबरें हमने उस समय प्राथमिकता से प्रकाशित की लेकिन भ्रष्ट तंत्र के आगे सब खबरें बौनी हो गई।
इसकी समयावधि भी समाप्त हो चुकी निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा हैं। जिससे लागत भी बढ़ती जा रही है और जिम्मेदार पोषित हो रहे हैं। इस अति महत्वपूर्ण शिक्षा के मंदिर में जमकर हुए भ्रष्टाचार की जांच होगी या यह भी भविष्य में नौनिहाल बच्चों के लिए काल साबित होगा ।

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