मध्य प्रदेश

विदिशा भोपाल हाईवे के घोड़ा पछाड़ नदी पुल की रेलिंग पुल हुआ क्षतिग्रस्त जिम्मेदार अधिकारी बने अनजान

टूटी हुई रेलिंग के जर्जर पुल से प्रतिदिन निकलते हैं हज़ारों वाहन
-यात्रियों व आम लोगों की जान से कर रहे खिलवाड़

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन ।
रायसेन जिले के सलामतपुर कस्बे के पास घोड़ापछाड़ नदी पुल की टूटी हुई रैलिंग की मरम्मत नही करके हज़ारों लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह पुल भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे 18 के मुख्यमार्ग पर स्थित है। जो कई साल पुराना बताया जाता है। इस पुल की रैलिंग जगह-जगह से टूट गई है। और रेलिंग का हिस्सा भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिम्मेदारों द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि रोजाना इस पुल पर से लाखों वाहन दिनरात गुजरते हैं। इसी रास्ते से होकर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सहित कई वीआईपी के वाहनों का काफिला यहीं से होकर गुजरते हैं।लगभग सौ वर्षों से भी अधिक पुराने पुल की रेलिंग जगह जगह से टूट चुकी है।और बड़ी मात्रा में रेलिंग क्षतिग्रस्त भी हो चुकी है। जब इस पुल पर से कोई भारी वाहन गुजरता है तो पुल पूरा कांपने लगता है। इस पुल पर से होकर भोपाल से विदिशा, सागर, बीना, उत्तर प्रदेश और विदिशा से भोपाल को जाने वाली यात्री बसें सैकड़ों की तादाद में प्रतिदिन गुजरती हैं। कभी भी कोई बड़ी अनहोनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। एमपीआरडीसी द्वारा इसकी मरम्मत नही करके यहां से गुजरने वाले राहगीरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने शासन प्रशासन से मांग करी है कि शीघ्र ही इस पुल की मरम्मत की जाए नही तो लोग आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
मूलचंद यादव, प्रधान ग्रा.पं. सलामतपुर का कहना है कि भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 के मुक्तापुर गांव के पास स्थित घोडापछाड़ नदी पुल की रेलिंग तो छतिग्रस्त हो ही गई है। इसके अलावा पुल भी काफी कमजोर जर्जर हो चुका है। ज़िम्मेदार अफसर इस और ध्यान नही देकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि इसी पुल से गुज़रकर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी जब चाहे काफिले के साथ भोपाल से विदिशा जाते रहते हैं।क्या उन्हें यह सब दिखाई नहीं देता।
रघुवीर सिंह मीणा किसान बडनपुर सलामतपुर ने बताया कि मैं बडनपुर सलामतपुर से आएदिन भोपाल अपडाउन करता हूँ। जब भोपाल विदिशा हाइवे के खोड़ापछाड पुल से निकलता हूं तो यहां से निकलने में जान का खतरा लगता है। क्योंकि पुल की रैलिंग काफी समय से टूटी हुई पड़ी है। कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। लेकिन शिकायतों के बाद भी अफसर कुम्भकरण की नींद में सोए हुए हैं।

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