झमाझम बारिश से जिला हुआ पानी पानी, कई गांवों में धान के खेत हुए जलमग्न, धा न रोपाई कार्य में आई तेजी
रिपोर्टर : शिवलाल यादव रायसेन
रायसेन। सावन के महीने में हो रही झमाझम बारिश की लगी झड़ी से शहर सहित समूचा जिला पानी पानी से तरबतर हो गया है। नदी नाले उफान पर है। पहले सावन सोमवार पर भी अलसुबह से ही बारिश ने जोरदार झड़ी लगा दी। जिससे रायसेन शहर की सड़कें कीचड़ पानी से तरबतर हो गईं। इस तरह लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बिना रुके दिन रात हो रही बरसात के कारण बेतवा नदी सहित रीछन नदी, कौड़ी नदी सहित सहायक नदियां जलमग्न हो गई है।धान के खेतों में पानी लबालब भर गया है। क्षेत्र के पचासों धान के खेत पानी में डूब चुके हैं। नदियों के किनारे खेतों में भी पानी भर चुका है।बारिश के पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने की वजह से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
नदियों के किनारे खेत की फसलों को नुकसान…..
तहसील रायसेन क्षेत्र के किसान सैयद जावेद उद्दीन, रतिराम यादव, लक्ष्मण सिंह यादव, हरनाम सिंह जाट बीदपुरा, राजेन्द्र बाबू राय रज्जु भैया सुरेश वाजपेयी, विष्णु मीना चैन सिंह मीणा, कालूराम विश्वकर्मा नकतरा, डॉ मनमोहन चौकसे नरवर, बबलू खान माखनी, मेहबूब पटेल, साजिद पटेल सदालतपुर आदि ने बताया कि लगातार 8 -10 दिनों से हो रही बारिश ने किसानों पर कहर बरपा दिया है।अगर बारिश का तेज अनवरत दौर यूं ही चलता रहा तो पानी में धान के खेतों में डूबे रहने से धान के रोपे पीले पड़ सकते हैं। जिससे धान की फसल को नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
धान के पौधों की रोपाई जोरों पर….
नकतरा कृषि केंद के कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे का कहना है कि कभी तेज तो कभी हो रही रिमझिम बारिश की झड़ी की वजह से किसानों ने मजदूरों के जरिए खेतों में धान के पौधों की रोपाई कार्य में इन दिनों तेजी आ गई है। मजदूरों ने भी मौके का फायदा उठाते हुए मजदूरी के रेट दो से तीन गुना बढ़ा दिए हैं।