ज्योतिषधार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 19 जुलाई 2024
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🌐 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 संवत्सर क्रोधी
📖 संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त
🧾 विक्रम संवत 2081 विक्रम संवत
🔮 गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत
☸️ शक संवत 1946 शक संवत
☪️ कलि संवत 5125 कलि संवत
🕉️ शिवराज शक 351
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
🌤️ मास – आषाढ़ मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – शुक्रवार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 07:41 PM तक उपरांत चतुर्दशी
📝 तिथि स्वामी – त्रयोदशी तिथि के देवता हैं त्रयोदशी और शिव। त्रयोदशी में कामदेव की पूजा करने से मनुष्य उत्तम भार्या प्राप्त करता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र मूल 02:55 AM तक उपरांत पूर्वाषाढ़ा
🪐 नक्षत्र स्वामी – मूल नक्षत्र के प्रधान देवता निर्ऋति होते हैं । इस नक्षत्र के अधिदेवता ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता इन्द्र होते है तथा प्रत्यधि देवता अप होते है ।
⚜️ योग – इन्द्र योग 02:40 AM तक, उसके बाद वैधृति योग
प्रथम करण : कौलव – 08:18 ए एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 07:41 पी एम तक गर
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 10:30 से 12:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः – प्रातः 05:18:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:42:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:13 ए एम से 04:54 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:34 ए एम से 05:35 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:18 पी एम से 07:39 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:19 पी एम से 08:21 पी एम
💧 अमृत काल : 08:39 पी एम से 10:13 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 20 से 12:48 ए एम, जुलाई 20
❄️ रवि योग : 05:35 ए एम से 11:21 पी एम 02:55 ए एम, जुलाई 20 से 05:36 ए एम, जुलाई 20
🚙 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
💁🏻 आज का उपाय-शिवलिंग का दुग्धाभिषेक करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – प्रदोष व्रत/मूल समाप्त/ रवि योग/ नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस, राष्ट्रीय फुटबॉल दिवस, राष्ट्रीय खेल दिवस, राष्ट्रीय शहरी मधुमक्खी पालन दिवस, अपनी जीभ बाहर निकालो दिवस, अंतर्राष्ट्रीय रिटेनर दिवस, अंतर्राष्ट्रीय कराओके दिवस, मुक्ति दिवस/एफएसएलएन क्रांति दिवस, राष्ट्रीय स्टिक आउट योर टंग डे और डाइक्विरी डे, भारतीय अंतरिक्ष भौतिक विज्ञानी डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर जन्म दिवस, महावीर चक्र’ से सम्मानित राजीव संधू स्मृति दिवस, स्वतंत्रता सेनानी मंगल पाण्डेय जयन्ती
✍🏼 विशेष:- त्रयोदशी तिथि को बैंगन त्याज्य होता है। अर्थात आज त्रयोदशी तिथि में भूलकर भी बैंगन की सब्जी या भर्ता नहीं खाना चाहिए। त्रयोदशी तिथि जयकारी अर्थात विजय दिलवाने वाली तिथि मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों क्षेत्रों में सिद्धियों को देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ और कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी होती है।
🏜️ Vastu tips 🗽
इन जगहों पर भी नहीं रखें डस्टबिन डस्टबिन को कभी भी किचन, पूजा के कमरे और ड्राइंग रूम में नहीं रखना चाहिए. इससे घर में रहने वाले लोगों का भाग्य दुर्भाग्य में बदल जाता है. हालांकि आप घर में अस्थाई डस्टबिन रख सकते हैं.
घर के मेन गेट पर डस्टबिन रखते हैं तो इसे बंद कर देना चाहिए. डस्टबिन को मेन के गेट के अंदर या बाहर दोनों जगहों पर रखना ठीक नहीं है. इसको ऐसी जगह पर रखना चाहिए, जहां से बाहर आने वाले लोगों को नजर न आए.
कूड़ेदान को अगर आप सीढ़ियों के नीचे रखते हैं तो यह अशुभ माना जाता है. इससे घर में गरीबी आती है. इसके साथ ही साउथ-वेस्ट और वेस्ट-नॉर्थ डायरेक्शन में भी डस्टबिन नहीं रखना चाहिए.
कूड़ेदान के पास गंदगी नहीं रखें. इससे भी वास्तु दोष लगता है.
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
आंखों के लिए ये एक्सरसाइज हैं बेस्ट : हथेली से अपनी दोनों आंख ढंकना: अपनी दोनों हथेलियों को रगड़ें जब तक कि वे गर्म न हो जाएं। फिर अपनी बंद आँखों पर उन्हें bहल्के से रखें। गहरी सांस लें और छोड़ें।
ब्लिंकिंग: 20-30 बार जल्दी-जल्दी आँखें झपकाएं। कुछ सेकंड के लिए आराम करें और फिर से दोहराएं।
आँखों की गोलाई में घुमाना: आँखों को पहले दाईं ओर और फिर बाईं ओर गोलाई में घुमाएंइसके बाद ऊपर-नीचे घुमाएं। हर दिशा में 5-10 बार करें।
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
शरीर पर खून गाढ़ा होने पर बुरा प्रभाव-अगर शरीर में खून गाढ़ा हो गया है तो इसके कारण हमें गैस बनती है।हम थके -थके से रहते हैं।
इसके अलावा जो सबसे बड़ा बुरा प्रभाव गाढ़ा खून होने का हमारे शरीर पर पड़ता है वह यह है कि हमें हृदय संबंधी समस्याएं अधिक हो जाती हैं।
इससे हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
खून गाढ़ा होने पर जोड़ों से संबंधित समस्याएं भी होने लगती हैं।
हमारी त्वचा पर खारिश या लाल- लाल चकते से दिखाई देते हैं।
परंतु हम अपने खून की उचित जांच करवा कर इसे पतला कर सकते हैं-
अगर हमारा खून गाढ़ा हो गया है तो हमें अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा बनाकर चाय की तरह धीरे-धीरे चुस्कियां लेकर पीना चाहिए।अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा खून को पतला करने के लिए बहुत ही अच्छा नुस्खा है।
इसके अलावा खून को पतला करने के लिए रात को एक या दो कली लहसुन की भिगोकर रख दें और सुबह उसे खाली पेट अगर हम खाते हैं तो यह भी खून को पतला करने के लिए बहुत ही अच्छा नुस्खा है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
सावन में शिव जी को क्या-क्या चढ़ाना चाहिए
सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस पवित्र माह में भक्तगण शिव जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विभिन्न वस्तुएँ अर्पित करते हैं। सावन में शिव जी को क्या-क्या चढ़ाना चाहिए, इसका विशद वर्णन नीचे दिया गया है।
पानी शिवलिंग पर जल अर्पित करने का विशेष महत्व है। इससे मानसिक शांति और शुद्धता प्राप्त होती है। जल चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी पापों का नाश होता है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। जल अर्पण से न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि यह भी माना जाता है कि इससे शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
दूध चढ़ाने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। यह स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। दूध का अर्पण करने से व्यक्ति के शरीर और मन दोनों में शुद्धता आती है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। दूध शिव जी के लिए अत्यंत प्रिय माना जाता है और इसे चढ़ाने से उनके भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दही चढ़ाने से समृद्धि और शुभ फल की प्राप्ति होती है। यह जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने का प्रतीक है। दही चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। दही का अर्पण करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक उन्नति होती है। यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है और इससे व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
शहद शिव जी को शहद अर्पित करने से संतान प्राप्ति और वाणी में मधुरता आती है। शहद जीवन में मिठास और सौभाग्य लाने का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से रिश्तों में मिठास आती है। शहद का अर्पण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं और उसकी वाणी में मधुरता आती है। यह शिव जी के आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली और सौभाग्य लाता है।
गंगाजल चढ़ाने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा जल का महत्व बहुत अधिक है और यह पवित्रता का प्रतीक है। गंगाजल का अर्पण करने से व्यक्ति के जीवन में सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और उसकी आत्मा शुद्ध होती है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अत्यंत प्रभावी माध्यम है और इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बेल पत्र चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह भगवान शिव का प्रिय पत्र है और इसे चढ़ाने से व्यक्ति की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। बेल पत्र का अर्पण करने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की समस्याएँ दूर हो जाती हैं। यह धार्मिक आस्था का प्रतीक है और इसे चढ़ाने से सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानियाँ दूर होती हैं।
भस्म चढ़ाने से आंतरिक शक्ति और साहस में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, भस्म चढ़ाने से पवित्रता, मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति भी मिलती है। भस्म का अर्पण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसकी आत्मा शुद्ध होती है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है और इससे जीवन में साहस और शक्ति मिलती है।
धतूरा चढ़ाने से भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह शिव जी का प्रिय फल है और इसे चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। धतूरा का अर्पण करने से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और उसकी आत्मा शुद्ध होती है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है और इससे जीवन में सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं।
शेष कल
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⚜️ त्रयोदशी तिथि के देवता मदन (कामदेव) हैं। शास्त्रानुसार भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के पुत्र हैं भगवान कामदेव। कामदेव प्रेम और आकर्षण के देवता माने जाते हैं। जिन पुरुषों अथवा स्त्रियों में काम जागृत नहीं होता अथवा अपने जीवन साथी के प्रति आकर्षण कम हो गया है, उन्हें आज के दिन भगवान कामदेव का उनकी पत्नी रति के साथ पूजन करके उनके मन्त्र का जप करना चाहिये। कामदेव का मन्त्र – ॐ रतिप्रियायै नम:। अथवा – ॐ कामदेवाय विद्महे रतिप्रियायै धीमहि। तन्नो अनंग: प्रचोदयात्।
आज की त्रयोदशी तिथि में सपत्निक कामदेव की मिट्टी कि प्रतिमा बनाकर सायंकाल में पूजा करने के बाद उपरोक्त मन्त्र का जप आपका वर्षों का खोया हुआ प्रेम वापस दिला सकता है। आपके चेहरे की खोयी हुई कान्ति अथवा आपका आकर्षण आपको पुनः प्राप्त हो सकता है इस उपाय से। जो युवक-युवती अपने प्रेम विवाह को सफल बनाना चाहते हैं उन्हें इस उपाय को करना चाहिये। जिन दम्पत्तियों में सदैव झगडा होते रहता है उन्हें अवश्य आज इस उपाय को करना चाहिये।

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