Today Panchang आज का पंचांग रविवार, 19 जनवरी 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 19 जनवरी 2025
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 पिंगल संवत्सर विक्रम : 1946 क्रोधी
🌐 संवत्सर नाम पिंगल
🔯 शक सम्वत : 1946 (पिंगल संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5125
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
⛈️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – माघ मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि रविवार माघ माह के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि 07:31 AM तक उपरांत षष्ठी
🖍️ तिथी स्वामी – षष्ठी के देता हैं कार्तिकेय। इस तिथि में कार्तिकेय की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपवान, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ाने वाला हो जाता है। यह यशप्रदा अर्थात सिद्धि देने वाली तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 05:30 PM तक उपरांत हस्त
🪐 नक्षत्र स्वामी : उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। तथा राशि स्वामी बुध है।
⚜️ योग – अतिगण्ड योग 01:57 AM तक, उसके बाद सुकर्मा योग
⚡ प्रथम करण : तैतिल – 07:30 ए एम तक
✨ द्वितीय करण : गर – 08:41 पी एम तक वणिज
🔥 गुलिक काल : रविवार को शुभ गुलिक काल 02:53 पी एम से 04:17 पी एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सायं 16:34 बजे से 17:56 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
⚜️ दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:41:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:19:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:14 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:11 पी एम से 12:53 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:18 पी एम से 03:00 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:47 पी एम से 06:14 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 05:50 पी एम से 07:10 पी एम
💧 अमृत काल : 09:30 ए एम से 11:17 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:05 ए एम, जनवरी 20 से 12:59 ए एम, जनवरी 20
⭐ सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
🌊 अमृत सिद्धि योग : 05:30 पी एम से 07:14 ए एम, जनवरी 20
🚓 यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-विष्णु मंदिर में गुड़ से बनी मिठाई चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/सर्वार्थ अमृतसिद्धि योग/बुधास्त पूर्व, मेवाड़ के महाराणा प्रताप स्मृति दिवस, हिन्दी साहित्यकार उपेंद्रनाथ अश्क पुण्य तिथि, अभिनेता सौमित्र चटर्जी जन्म दिवस, भारतीय चिंतक देवेन्द्र नाथ टैगोर स्मृति दिवस, अमृतलाल विठ्ठल ठक्कर पुण्य तिथि, भारतीय विचारक और धर्मगुरु ओशो पुण्य तिथि, धर्मगुरु आचार्य रजनीश स्मृति दिवस
✍🏼 तिथि विशेष – षष्ठी तिथि को तैल कर्म अर्थात शरीर में तेल मालिश करना या करवाना एवं सप्तमी तिथि को आँवला खाना तथा दान करना भी वर्ज्य बताया गया है। इस षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र स्वामी कार्तिकेय जी को बताया गया हैं। यह षष्ठी तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह षष्ठी तिथि शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस तिथि में स्वामी कार्तिकेय जी के पूजन से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। विशेषकर वीरता, सम्पन्नता, शक्ति, यश और प्रतिष्ठा कि अकल्पनीय वृद्धि होती है।
🗺️ Vastu tips 🗽
किस दिशा में खड़े होकर नहाना आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार जब आप पूर्व दिशा की ओर मुंह करके स्नान करते हैं तो आपके शरीर की गंदगी के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा भी आपका साथ छोड़ देती है। इसका कारण यह है कि पूर्व दिशा सूर्यदेव की दिशा है। जब सूर्य इस दिशा से उगता है तो उसकी तेज और प्रभावी सकारात्मक ऊर्जा आती है। ऐसे में सुबह के समय इस दिशा में सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा होती है। ऐसे में जब आप इस दिशा की ओर मुंह करके नहाते हैं तो यह सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर की सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है। जब आपके शरीर में कोई नकारात्मक ऊर्जा नहीं होती, सकारात्मक ऊर्जा की अधिकता होती है तो आपकी किस्मत अपने आप चमकने लगती है।
❇️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
अभ्यंग तेल तिल का तेल): तिल का तेल आयुर्वेद में सबसे प्रभावी माना जाता है। यह बालों के लिए गर्म और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। तिल का तेल बालों के गिरने को रोकने, बालों को घना और मजबूत बनाने, और खोपड़ी की त्वचा को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके नियमित उपयोग से बालों में निखार आता है और बाल मुलायम और चमकदार होते हैं।
आंवला तेल : आंवला, जो आयुर्वेद में “आमलकी” के नाम से प्रसिद्ध है, बालों के लिए एक प्राकृतिक अमृत के समान है। आंवला तेल बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है और बालों को मजबूत करता है। यह बालों की त्वचा को पोषण देने और बालों का रंग बनाए रखने में मदद करता है।
नारियल तेल : नारियल तेल को भी आयुर्वेद में बालों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह बालों की जड़ों को गहरे से पोषण देता है और उनकी जड़ों को मज़बूती प्रदान करता है। नारियल तेल बालों में नमी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे बाल सूखे और बेजान नहीं होते।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
नीम के पत्ते खाने के नुकसान:
अत्यधिक सेवन से पेट की समस्याएं: यदि नीम के पत्तों का अत्यधिक सेवन किया जाए, तो यह उल्टी, दस्त और पेट में दर्द का कारण बन सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक: गर्भवती महिलाओं को नीम के पत्तों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह गर्भपात का कारण बन सकता है।
कम उम्र के बच्चों के लिए हानिकारक: बच्चों में नीम के पत्तों का अत्यधिक सेवन विषाक्त हो सकता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
एलर्जी का खतरा: कुछ व्यक्तियों को नीम के पत्तों से एलर्जी हो सकती है, जिसके कारण त्वचा पर खुजली या रैशेज हो सकते हैं।
📖 गुरु भक्ति योग 📖
कौवे के रूप मे दिखने वाले कागभुषंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बडे भक्त थे और इन्हे ये वरदान प्राप्त था कि वो समय और समय के बाहर जा सकते थे यानि कि पूर्व मे क्या घटित हुआ और भविष्य मे क्या घटित होगा वो सब देख सकते थे वो समय और समय के बनने बिगडने की साइकल को देख सकते थे।
इसलिए उन्होंने महाभारत 11 बार और रामायण 16 बार देखा था वो भी बाल्मिकि जी द्वारा रामायण और वेदव्यास जी द्वारा महाभारत लिखे जाने से पहले क्योकि ये अपने पूर्व जन्म मे कौवा थे और सबसे पहले राम कथा भगवान शंकर ने माता पार्वती जी को सुनाया था तो इन्होने भी सुन लिया था। और मरने के बाद दूसरा जन्म इनका अयोध्यापुरी मे एक शूद्र परिवार मे हुआ था। ये परम शिव भक्त थे लेकिन अभिमान वश अन्य देवताओं का उपहास उडाते थे। इसी बात से क्षुब्ध होकर लोमष ऋषि ने इन्हे श्राप दे दिया था जिससे ये फिर कौवा बन गये थे और इसके बाद इन्होने पूरा जीवन कौवे के रूप मे ही जिया।
जब रावण के पुत्र मेघनाथ ने श्रीराम से युद्ध करते हुए भगवान श्रीराम को नागपाश से बांध दिया था तब देवर्षि नारद के कहने पर गिद्धराज गरूड़ ने नागपाश के समस्त नागों को खाकर भगवान श्रीराम को नागपाश के बंधन से मुक्त कर दिया था। भगवान श्रीराम के इस तरह नागपाश में बंध जाने पर श्रीराम के भगवान होने पर गरूड़ को संदेह हो गयाम गरूड़ का संदेह दूर करने के लिए देवर्षि नारद उन्हें ब्रह्माजी के पास भेज देते हैं। ब्रह्माजी उनको शंकरजी के पास भेज देते हैं। भगवान शंकर ने भी गरूड़ को उनका संदेह मिटाने के लिए कागभुषंडी जी के पास भेज दिया। अंत में कागभुषंडी जी ने भगवान श्रीराम के चरित्र की पवित्र कथा सुनाकर गरूड़ के संदेह को दूर किया था।
और इसीलिए हम हिंदू लोग श्राद्ध पक्ष मे कौवे के रूप में कागभुषंडी जी को भोजन कराते है ताकि वो भोजन हमारे पूर्व के पितरों तक पहुंच सके।
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⚜️ पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।।