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Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 04 सितम्बर 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 04 सितम्बर 2024
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🌐 संवत्सर क्रोधी
📖 संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त
🧾 विक्रम संवत 2081 विक्रम संवत
🔮 गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत
☸️ शक संवत 1946 शक संवत
☪️ कलि संवत 5125 कलि संवत
🕉️ शिवराज शक 351
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर शरद ऋतु
🌤️ मास – भाद्रपद मास
🌒 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📅 तिथि – बुधवार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 09:47 AM तक उपरांत द्वितीया
🖍️ तिथि स्वामी – प्रतिपदा तिथि के देवता हैं अग्नि। इस तिथि में अग्निदेव की पूजा करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक
🪐 नक्षत्र स्वामी – उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य और स्वामी ग्रह शुक्र हैं। उत्तराफाल्गुनी के देवता अर्यमा होते हैं।
⚜️ योग – साध्य योग 08:02 PM तक, उसके बाद शुभ योग
प्रथम करण : बव – 09:46 ए एम तक
द्वितीय करण : बालव – 11:02 पी एम तक कौलव
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:46:00
🌅 सूर्यास्तः – सायं 06:14:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:30 ए एम से 05:15 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:53 ए एम से 06:01 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 02:26 पी एम से 03:17 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:39 पी एम से 07:02 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 06:39 पी एम से 07:47 पी एम
💧 अमृत काल : 10:07 पी एम से 11:55 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:43 ए एम, सितम्बर 05
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏼‍♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को कांस्य पात्र भेंट करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
❄️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/चंद्रदर्शन/ स्वदेशी साक्षरता दिवस, वैश्विक प्रतिभा अधिग्रहण दिवस, राष्ट्रीय मैकाडामिया नट दिवस, राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस, विश्व सह-उत्पादन दिवस, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, दादा भाई नौरोजी जयन्ती, समाचार पत्र वाहक दिवस, विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस, भारतीय फ़िल्म अभिनेता ऋषि कपूर जन्म दिवस, भारतीय राजनीतिज्ञ सुशील कुमार शिंदे जन्म दिवस, राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (1 से 7 सितंबर)
✍🏼 विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता हैं। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।
🗼 Vastu tips 🏚️
सकारात्मक ऊर्जा : वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार भवन की निर्माण और स्थापना किए जाने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। इससे वहां रहने वाले लोगों की मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक तत्वों को प्रभावित करने में मदद मिलती है।
सुख-शांति : वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से भवन में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है जो लोगों को सुख, शांति और समृद्धि देती है। सही दिशा, प्राकृतिक प्रकाश, वातावरण का साफ़ और स्वच्छ रहना और ऊर्जा के संतुलन का से शांति और सुख मिलता है।
व्यावसायिक सफलता : वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार व्यापारिक और व्यवसायिक स्थानों की योजना और निर्माण करने से व्यवसायिक सफलता में सुधार हो सकता है। अच्छी दिशा, दुकान की आकृति, सही स्थान और उपयुक्त वातावरण प्रगति का परिचायक है।
आर्थिक लाभ : वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से भवन का निर्माण आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है। उचित आकर्षण और दक्षता से निर्मित भवन संपत्ति का मूल्य बढ़ता है।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
एक दो बार समझाने से अगर कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना…. छोड़ दीजिए।
बच्चे बड़े होने पर खुद निर्णय लेने लगे तो समझाना…. छोड़ दीजिए।
अपने हाथ में कुछ नहीं, जब यह अनुभव होने लगे तो भविष्य की चिंता…. छोड़ दीजिए।
गिने-चुने लोगों से विचार मिलते हैं, जब एक दो लोगों से नहीं मिले तो आप उन्हें भी छोड़ दीजिए।
एक उम्र के बाद अगर आपको कोई ना पूछे या आपके बारे में पीठ पीछे कोई गलत कह रहा है तो दिल पर लेना….छोड़ दीजिए।
हर किसी का जीवन अलग कद, रंग, सब अलग है इसलिए तुलना… करना छोड़ दीजिए।
बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना… छोड़ दीजिए।
आपको पोस्ट पसंद आई हो तो अपवोट जरूर कर दीजिए नहीं तो हल्के में ले कर… छोड़ दीजिए।
🍃 आरोग्य संजीवनी
☘️
बालों की समस्याओं का समाधान: भृंगराज का तेल बालों को मज़बूती और चमक प्रदान करता है। यह बालों के झड़ने को कम करता है और नए बालों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
धातु विकार: यह पौधा शरीर की धातुओं को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे शरीर की समग्र स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होता है।
पाचन तंत्र को सुधारता है: भृंगराज का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और पाचन संबंधी समस्याओं को कम करता है।
याददाश्त में सुधार: यह पौधा मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और याददाश्त को सुधारने में सहायक होता है।
त्वचा की समस्याओं में राहत: भृंगराज के पेस्ट का उपयोग त्वचा की समस्याओं जैसे एक्ने और धब्बों को कम करने में मदद करता है।
यौन स्वास्थ्य में सुधार: यह यौन स्वास्थ्य को बढ़ाता है और यौन कमजोरी से राहत दिलाता है।
रक्तदाब को नियंत्रित करता है: नियमित सेवन से रक्तदाब को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है।
वजन घटाने में सहायक: भृंगराज का उपयोग शरीर के वजन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
एक बार राजा अज जंगल में भ्रमण करने के लिए गए थे तो उन्हें एक बहुत ही सुंदर सरोवर दिखाई दिया उस सरोवर में एक कमल का फूल था जो अति सुंदर प्रतीत हो रहा था !उस कमल को प्राप्त करने के लिए राजा अज सरोवर में चले गए किंतु यह क्या राजा अज जितना भी उस कमल के पास जाते वह कमल उनसे उतना ही दूर हो जाता और राजा अज उस कमल को नहीं पकड़ पाया !
अंततः आकाशवाणी हुई कि हे राजन आप नि:संतान है आप इस कमल के योग्य नहीं है इस भविष्यवाणी ने राजा अज के हृदय में एक भयंकर घात किया था !राजा अज अपने महल में लौट आए और चिंता ग्रस्त रहने लगे क्योंकि उन्हें संतान नही थी जबकि वह भगवान शिव के परम भक्त थे !
भगवान शिव ने उनकी इस चिंता को ध्यान में लिया और उन्होंने धर्मराज को बुलाया और कहा तुम किसी ब्राह्मण को अयोध्या नगरी पहुँचाओ जिससे राजा अज को संतान की प्राप्ति के आसार हो !दूर पार एक गरीब ब्राह्मण और ब्राह्मणी सरयू नदी के किनारे कुटिया बनाकर रहते थे !एक दिन वे ब्राह्मण राजा अज के दरबार में गए और उनसे अपनी दुर्दशा का जिक्र कर भिक्षा मांगने लगे !
राजा अज ने अपने खजाने में से उन्हें सोने की अशर्फियां देनी चाही लेकिन ब्राह्मण नहीं कहते हुए मना कर दिया कि यह प्रजा का है आप अपने पास जो है उसे दीजिए तब राजा अज ने अपने गले का हार उतारा और ब्राह्मण को देने लगे किंतु ब्राह्मण ने मना कर दिया कि यह भी प्रजा की ही संपत्ति है !
इस प्रकार राजा अज को बड़ा दुख हुआ कि आज एक गरीब ब्राह्मण उनके दरबार से खाली हाथ जा रहा है तब राजा अज शाम को एक मजदूर का बेश बनाते हैं और नगर में किसी काम के लिए निकल जाते है !
चलते -चलते वह एक लौहार के यहाँ पहुंचते है और अपना परिचय बिना बताए ही वहां विनय कर काम करने लग जाते हैं पूरी रात को हथौड़े से लोहे का काम करते हैं जिसके बदले में उन्हें सुबह एक टका मिलता है !
राजा एक टका लेकर ब्राह्मण के घर पहुंचते हैं लेकिन वहां ब्राह्मण नहीं था उन्होंने वह एक टका ब्राह्मण की पत्नी को दे दिया और कहा कि इसे ब्राह्मण को दे देना !
जब ब्राह्मण आया तो ब्राह्मण की पत्नी ने वह टका ब्राह्मण को दिया और ब्राह्मण ने उस टका को जमीन पर फेंक दिया तभी एक आश्चर्यजनक घटना हुई ब्राह्मण ने जहां टका फेंका था वहां गड्ढा हो गया ब्राह्मण ने उस गढ्ढे को और खोदा तो उसमें से सोने का एक रथ निकला तथा आसमान में चला गया इसके पश्चात ब्राह्मण ने और खोदा तो दूसरा सोने का रथ निकला और आसमान की तरफ चला गया इसी प्रकार से नौ सोने के रथ निकले और आसमान की तरफ चले गए और जब दसवाँ रथ निकला तो उस पर एक बालक था।
और वह रथ जमीन पर आकर ठहर गया ! ब्राह्मण उस बालक को लेकर राजा अज के दरबार में पहुंचे और कहा राजन – इस पुत्र को स्वीकार कीजिए यह आपका ही पुत्र है जो एक टका से उत्पन्न हुआ है
तथा इसके साथ में सोने के नौ रथ निकले जो आसमान में चले गए जबकि यह बालक दसवें रथ पर निकला इसलिए यह रथ तथा पुत्र आपका है इस प्रकार से दशरथ जी का जन्म हुआ था !
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⚜️ प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।
शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।

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